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नीति आयोग ने नारायणपुर में सामुदायिक सहायता से संचालित पढ़ई तुंहर दुआर योजना की तारीफ की - padhai tuhar duwar

नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिला नारायणपुर में सामुदायिक सहायता से संचालित पढ़ई तुंहर दुआर योजना की तारीफ की है. नीति आयोग ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्टीट कर इस योजना को सराहा है.

padhai tuhar duwar
पढ़ई तुंहर दुआर
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Published : Aug 28, 2020, 6:38 PM IST

रायपुर: नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य की एक बार फिर सराहना की है. नीति आयोग ने प्रदेश के नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल आकांक्षी जिला नारायणपुर के नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में जिला प्रशासन और गांव के शिक्षित युवक-युवतियों की सामुदायिक सहायता से संचालित ’पढ़ई तुंहर दुआर’ योजना की सराहना की है. यहां सामुदायिक भवन और घर के बरामदे में कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है. नीति आयोग ने नारायणपुर जिले में राज्य शासन की पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत कोरोना काल में बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने की प्रशंसा करते हुए इसे अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है.

  • #AspirationalDistrict नारायणपुर में 'पढ़ई तुंहर दुआर' योजनांतर्गत जिला प्रशासन एवं गाँव के युवाओं की मदद से जंहा नेटवर्क नही हैं वहां सामुदायिक भवन, घर के बरामदे में, कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए, बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है I

    पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा 🇮🇳 pic.twitter.com/W8zJOGvzjA

    — NITI Aayog (@NITIAayog) August 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
कोरोना की इस विषम परिस्थिति में भी बच्चों तक सुलभ और सुचारू शिक्षा के लिए ऑनलाईन शिक्षा व्यवस्था के रूप में ’पढई तुंहर दुआर’ क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस व्यवस्था के तहत प्रदेश के करीब 22 लाख छात्र-छात्राएं और करीब 2 लाख शिक्षक अध्ययन-अध्यापन से जुड़े हुए हैं. इस अभियान की सफलता में कई चुनौतियां भी हैं, मसलन एन्ड्राइड मोबाइल, मोबाइल डाटा आदि की उपलब्धता. घर में ये साधन हो भी तो बच्चों के लिए इनकी उपलब्धता और सबसे बड़ी बात समाज और अभिभावकों की सहभागिता. प्रशासन अपने स्तर पर इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है.

पढ़ें- पढ़ाई तुंहार दुआर: सुकमा के मोहित को मिला 'हमारे नायक' का खिताब, सबसे ज्यादा अटेंड की ऑनलाइन क्लास


राज्य शासन की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अतिरिक्त शिक्षकों की ओर से समुदाय की सहभागिता से कई नवाचार भी वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में किए गए हैं. इसमें गांव और मौहल्ले में समुदाय की सहायता से बच्चों की सीखने की व्यवस्था, लाउडस्पीकर और बुलटू के बोल के माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चों को ऑनलाइन के बिना भी आसानी से सुचारू शिक्षा उपलब्ध हो सके.

6 हजार के करीब छात्र पंजीकृत

पढ़ई तुंहर दुआर योजनांतर्गत बहेबीववसण्पद पोर्टल पर नारायणपुर जिले के 5930 विद्यार्थी एवं 1380 शिक्षक पंजीकृत हैं. वहीं पारा-मोहल्ला और लाउड स्पीकर से संचालित कक्षा में 4299 विद्यार्थियों को सुचारू शिक्षा प्रदान की जा रही है.

रायपुर: नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य की एक बार फिर सराहना की है. नीति आयोग ने प्रदेश के नक्सल प्रभावित और आदिवासी बहुल आकांक्षी जिला नारायणपुर के नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में जिला प्रशासन और गांव के शिक्षित युवक-युवतियों की सामुदायिक सहायता से संचालित ’पढ़ई तुंहर दुआर’ योजना की सराहना की है. यहां सामुदायिक भवन और घर के बरामदे में कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है. नीति आयोग ने नारायणपुर जिले में राज्य शासन की पढ़ई तुंहर दुआर योजना के तहत कोरोना काल में बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने की प्रशंसा करते हुए इसे अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है.

  • #AspirationalDistrict नारायणपुर में 'पढ़ई तुंहर दुआर' योजनांतर्गत जिला प्रशासन एवं गाँव के युवाओं की मदद से जंहा नेटवर्क नही हैं वहां सामुदायिक भवन, घर के बरामदे में, कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए, बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है I

    पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा 🇮🇳 pic.twitter.com/W8zJOGvzjA

    — NITI Aayog (@NITIAayog) August 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
कोरोना की इस विषम परिस्थिति में भी बच्चों तक सुलभ और सुचारू शिक्षा के लिए ऑनलाईन शिक्षा व्यवस्था के रूप में ’पढई तुंहर दुआर’ क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस व्यवस्था के तहत प्रदेश के करीब 22 लाख छात्र-छात्राएं और करीब 2 लाख शिक्षक अध्ययन-अध्यापन से जुड़े हुए हैं. इस अभियान की सफलता में कई चुनौतियां भी हैं, मसलन एन्ड्राइड मोबाइल, मोबाइल डाटा आदि की उपलब्धता. घर में ये साधन हो भी तो बच्चों के लिए इनकी उपलब्धता और सबसे बड़ी बात समाज और अभिभावकों की सहभागिता. प्रशासन अपने स्तर पर इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है.

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राज्य शासन की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अतिरिक्त शिक्षकों की ओर से समुदाय की सहभागिता से कई नवाचार भी वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में किए गए हैं. इसमें गांव और मौहल्ले में समुदाय की सहायता से बच्चों की सीखने की व्यवस्था, लाउडस्पीकर और बुलटू के बोल के माध्यम से पढ़ाई की व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चों को ऑनलाइन के बिना भी आसानी से सुचारू शिक्षा उपलब्ध हो सके.

6 हजार के करीब छात्र पंजीकृत

पढ़ई तुंहर दुआर योजनांतर्गत बहेबीववसण्पद पोर्टल पर नारायणपुर जिले के 5930 विद्यार्थी एवं 1380 शिक्षक पंजीकृत हैं. वहीं पारा-मोहल्ला और लाउड स्पीकर से संचालित कक्षा में 4299 विद्यार्थियों को सुचारू शिक्षा प्रदान की जा रही है.

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