रायपुर : मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है. नवरात्र के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है.
देवी कमल के पुष्प पर आसीन रहती हैं
मां सिद्धिदात्री सभी दुखों का नाश करती हैं. नवरात्र के नौवें दिन इनकी पूजा करके नव ग्रहों को शांत किया जा सकता है. देवी सिद्धिदात्री कमल के फूल पर विराजमान हैं. वे अपने हाथों में कमल, गदा, सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं. माता का जो स्वरूप है वह समस्त सिद्धियों को देने वाला है. इस दिन सिद्धिदात्री की विशेष पूजा के बाद हवन और मौसमी फल, हलवा पूड़ी, काले चने, नारियल आदि का भोग लगाया जाता है और नवमी पूजन के साथ व्रत का समापन होता है.
बताया जाता है कि भगवान श्रीराम ने नवरात्रि के समय 9 दिनों तक माता की पूजा की थी, इसके बाद दशमी को दशानंद का वध किया था.
देवी सिद्धिदात्री का ऐसे करे पूजन-
- देवी दुर्गा या मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या फोटो एक लाल वस्त्र पर पूर्व दिशा की तरफ स्थापित करें
- मां सिद्धिदात्री के सामने घी का दीपक जलाएं
- कमल या लाल गुलाब के 9 फूल माता के सामने अर्पण करें
- मां को 9 प्रकार के व्यंजन का भोग लगाए
- लाल आसन बिछाकर बैठे और ॐ सिद्धिदात्रये नमः मंत्र का 108 बार जप करें
- माता के सामने अपनी मन्नत को बोलते हुए मां को अर्पण किए गए 9 फूल लाल वस्त्र में लपेटकर रखें
इस दिन करें ये मंत्र का जाप
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।