रायपुर: छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने चिटफंड कंपनियों में डूबे निवेशकों का पैसा वापस लौटाने का वादा किया था. इसके तहत हर जिले में निवेशकों द्वारा पैसे वापसी को लेकर लाखों की संख्या में आवेदन किए गए हैं. कुछ जिलों में कंपनियों की कुर्की कर निवेशकों के पैसे लौटाए गए हैं. इसी बीच अब प्रशासन के लिए एक नई चुनौती सामने आ गई है. निवेशकों द्वारा किए गए आवेदनों की जांच में कई कमियां निकल रही है. कुछ आवेदनों में रसीद नहीं है तो किसी आवेदन में अधूरा फॉर्म भरा गया है.
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अब ऑनलाइन आवेदन की अपील
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद चिटफंड में डूबे निवेशकों के पैसे वापसी को लेकर कार्रवाई शुरू हुई. इसके लिए 6 महीने पहले मंगाए गए इन आवेदनों की जब जांच की जा रही है तो उसमें कई तरह की कमियां निकल सामने आ रही हैं. ऐसे में अब जिला प्रशासन निवेशकों से ऑनलाइन आवेदन की अपील कर रही है. इसके लिए जिला प्रशासन ने एक नया वेब लिंक निवेशक न्याय डॉट कॉम बनाया है. इस वेब लिंक के माध्यम से आवेदन करने का आग्रह जिला प्रशासन कर रहा है.
ऐसे भरें ऑनलाइन आवेदन
इस लिंक में निवेशकों को जो जानकारियां भरनी है. वह इस प्रकार है. पहले पेज में निवेशक को अपना पूरा नाम भरना है और अपना वह मोबाइल नंबर भरना है जो संबंधित तहसील कार्यालय में आवेदन करते समय भरा था. इसके बाद निवेशक का पूरा पता एवं जिला भरना है. फिर जमा की गई कुल रकम की जानकारी और जमा की गई रकम की जितनी भी रसीद है, उन सब की एक पीडीएफ फाइल बनाकर अपलोड करना है. इसके बाद निवेश की गई रकम की कुल मैच्योरिटी परिपक्वता राशि जिसका बांड मिला है वह भरना है. बॉन्ड की कॉपी की पीडीएफ फाइल अपलोड करनी है. इसके बाद निवेशक के बैंक का नाम आईएफएससी कोड और खाता क्रमांक भरना है. साथ ही पास बुक का पहला पन्ना जिसमें निवेशक का नाम बैंक का नाम आईएफएससी कोड खाता क्रमांक साफ-साफ लिखा हो वह अपलोड करना है.
जिला प्रशासन ने बनाया नया वेब लिंक
रायपुर एसडीएम देवेंद्र पटेल ने बताया कि "निवेशकों द्वारा किए गए आवेदनों की जांच के बाद पाया गया कि बहुत से निवेशक अधूरा फॉर्म जमा किए हैं. कुछ लोग तो जितने बार पैसा जमा किया गया है. उसकी रसीद भी अटैच नहीं की गई है. केवल रकम की जानकारी ही दी गई है. ऐसे में रकम वापसी के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते तहसीलदार अंजलि शर्मा को नोडल अधिकारी बनाया गया है. उन्होंने इस नए वेब लिंक को तैयार किया है. उन्हीं की देखरेख में ऑनलाइन आवेदन जमा किए जा रहे हैं. बहुतों ने ऑनलाइन आवेदन जमा करना भी शुरू कर दिया है.''
चिटफंड कंपनियों की संपत्ति को नीलाम करने की प्रक्रिया जारी
राजधानी में ठगी करने वाली गोल्ड की इंफ्रावेंचर की रायपुर स्थित प्रॉपर्टी को जिला प्रशासन ने सोमवार को 81 लाख में नीलाम किया है. इससे पहले जिला प्रशासन ने दिव्य देवयानी चिटफंड कंपनी की प्रॉपर्टी की भी नीलामी की थी. जैसे ही प्रॉपर्टी के पैसे मिलेंगे. कंपनी में पैसे निवेश करने वाले 1600 निवेशकों के पैसे वापस किए जाएंगे. नीलामी के दौरान सबसे ज्यादा बोली अनुराग राठी ने लगाया. उन्होंने सरकारी कीमत का 10 दिन की रकम चेक से जमा किया है. बाकी रकम 15 दिन के भीतर जमा करने के लिए समय मांगा है.
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इन कंपनियों की संपत्ति भी होगी नीलाम
रायपुर एसडीएम देवेंद्र पटेल ने बताया कि "जिला सत्र न्यायालय से आधा दर्जन चिटफंड कंपनियों की संपत्ति नीलाम करने की अनुमति मिल गई है. इन कंपनियों में निर्मल इंफ्रास्ट्रक्चर होम कारपोरेशन लिमिटेड, भोपाल की दो कंपनी, आरोग्य धन वर्षा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, किम इंफ्रास्ट्रक्चर एवं डेवलपर्स, मिलीयन माइल्स इन्फ्राट्रक्चर एंड डेवलपर्स, गुरुकृपा इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, माइक्रो लिमिटेड कंपनी और जेएसबी डेवलपर्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी की संपत्ति शामिल है. इन कंपनियों की संपत्तियों की नीलामी के लिए जल्द ही सूचना जारी की जाएगी.
रायपुर में दर्ज हैं अपराध
चिटफंड सम्बंधित सभी थानों में कुल 103 अपराध पंजीबद्ध किए गए थे. राज्य में 15 जुलाई को छत्तीसगढ़ निवेशक अधिनियम बना. उसके बाद पंजीबद्ध 47 प्रकरण दर्ज हुए हैं. जिसमें करीब 28 कंपनियों की संपत्ति के संबंध में जानकारी लेकर उसकी कुर्की के संबंध में कलेक्टर कार्यालय को भेजा गया है. जिसमें अबतक 3 प्रकरण में न्यायालय द्वारा आदेश भी जारी हो गया है. इसमें दिव्यानी कंपनी की संपत्ति की कुर्की भी हो गई है. इसी प्रकार टोटल 58 ऐसे आरोपी हैं, जो डायरेक्टर हैं जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. अभी 74 डायरेक्टर बचे हैं. जिसमें से लगभग 15 डायरेक्टर अलग-अलग प्रकरणों में दूसरे जेल में हैं. जिन्हें न्यायिक रिमांड के लिए प्रोडक्शन वारंट न्यायाल से जारी करके उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. पिछले 2 महीने में पुलिस द्वारा लगातार विशेष अभियान चलाकर 10 डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी जितने भी फरार डायरेक्टर हैं. उसके लिए अलग-अलग विशेष टीम बनाकर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है.
तहसीलों में जमा किये गए थे आवेदन
रायपुर जिला प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के निवेशकों के हितों का संरक्षण करने के लिए कार्रवाई की है. राज्य के विभिन्न तहसीलों में 5 अगस्त से 20 अगस्त 2021 तक आवेदन लिए थे. जिला प्रशासन रायपुर द्वारा आवेदनों का सूक्ष्मता से अवलोकन करने के बाद यह पाया गया है कि, आवेदनों में विभिन्न प्रकार की जानकारियों की कमी है. आवेदन अपूर्ण है और जरूरी दस्तावेज संलग्न नहीं है. विशेषकर रसीद की कमी है.
इस तरह आए थे आवेदन
शहर | आवेदनों की संख्या |
रायपुर | 3,66,330 |
बलोदा बाजार | 1,68,435 |
जांजगीर चांपा | 1,90,465 |
गरियाबंद | 40,658 |
कांकेर | 1,80,000 |
सूरजपुर | 49,270 |
राजनांदगांव | 1,10,240 |
बलरामपुर | 31,943 |
धमतरी | 89,920 |
अंबिकापुर | 47,265 |
महासमुंद | 1,22,343 |
नारायणपुर | 6,452 |
कोंडागांव | 31,279 |
कोरबा | 77, 320 |
सुकमा | 4,454 |
बिलासपुर | 1,50,000 |
बस्तर | 3,000 |
बीजापुर | 18,324 |
दंतेवाड़ा | 2,100 |
जशपुर | 22,033 |
दुर्ग | 1,65,328 |