रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक जारी है. नक्सली बीते तीन सप्ताह में नक्सलियों ने एक जवान को अगवा कर रिहा किया तो दूसरे की जान ले ली है. शनिवार को सीएएफ (Chhattisgarh Armed Force) के एक जवान के लापता होने की खबर मिली है. सीएएफ के ASI क्रिस्टोफर लकड़ा का 21 अप्रैल से कोई सुराग नहीं है.
बीजापुर के बाद कवर्धा में भी जवान के लापता होने की खबर
नक्सल प्रभावित क्षेत्र रेंगाखार थाना के पंडरीपानी पुलिस कैंप से सीएएफ (Chhattisgarh Armed Force) का ASI लापता है. CAF की 20वीं बटालियन के ASI का नाम क्रिस्टोफर लकड़ा है. लकड़ा 21 अप्रैल से लापता बताए जा रहे हैं. घटना के दिन से ही पुलिस उनकी लगातार तलाश कर रही है. क्रिस्टोफर लकड़ा का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस ने रेंगाखार थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे पुलिस कैंप में वे तैनात हैं.
![kidnap of soldiers in chhattisgarh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11523900_ooo.jpg)
जवान मुरली ताती की ली जान
बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के पालनार से अपहृत एएसआई मुरली ताती की नक्सलियों ने हत्या कर दी. अपहरण के तीन दिन बाद यानी 24 अप्रैल को नक्सलियों ने मुरली ताती की हत्या कर शव को सड़क पर फेंक दिया. गंगालूर के पालनार से 21 अप्रैल को एएसआई मुरली ताती का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था. अपहरण के बाद नक्सली तीन दिनों तक उसे अपने साथ घुमाते रहे, बाद में जन अदालत लगाकर हत्या कर दी.'
![Naxalites kidnap two soldiers in three weeks](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11523900_tott.jpg)
बीजापुर के पालनार से अपहृत एएसआई मुरली ताती की नक्सलियों ने की हत्या
शव के पास नक्सलियों ने पर्चा फेंका है. जिसमें एएसआई पर नक्सलियों ने 2006 से अब तक डीआरजी में रहकर एड़समेटा, पालनार, मुघवेंडी में ग्रामीणों की हत्या का आरोप लगाया है. नक्सलियों ने मुरली ताती पर पीएलजीए के लोगों को मुठभेड़ में मारने का भी आरोप लगाया है. एएसआई ताती की हत्या कर शव को पुलसुम पारा के पास सड़क पर सामान के साथ फेंक दिया.
नक्सलियों ने कोबरा जवान राकेश्वर सिंह को किया रिहा
अगवा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों ने किया रिहा
3 अप्रैल 2021 को बीजापुर के तर्रेम में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. नक्सली मुठभेड़ के बाद से कोबरा बटालियन के राकेश्वर सिंह मनहास लापता थे. 6 अप्रैल को प्रेस नोट जारी करके नक्सलियों ने लापता जवान के कब्जे में होने की बात कही थी. जम्मू-कश्मीर में रहने वाले उनका परिवार लगातार सरकार से अपील कर रहा था कि उसे सुरक्षित वापस लाया जाए. सरकार की ओर से गठित मध्यस्थता टीम के सदस्य पद्मश्री धर्मपाल सैनी और गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया की मौजूदगी में नक्सलियों ने जवान को रिहा किया था. जवान की रिहाई के लिए गई मध्यस्था टीम के साथ बस्तर के 7 पत्रकारों की टीम भी मौजूद थी. नक्सलियों के बुलाने पर कुल 11 सदस्यीय टीम जवान को रिहा कराने पहुंची थी. इस दौरान मुरतोंडा की सरंपच सुकमती हप्का और रिटायर्ड शिक्षक रूद्रा कारे भी मौजूद थे.
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