रायपुर: नक्सलियों के बड़े नेता गणपति के समर्पण को लेकर नक्सली प्रवक्ता अभय ने एक प्रेस नोट जारी किया है. प्रेस नोट में कहा गया है कि गणपति के समर्पण की कहानी झूठी और अफवाह है. प्रेस नोट में नक्सली प्रवक्ता ने लिखा कि, 'हम गणपति के आत्मसमर्पण की कहानी को लेकर मोदी सरकार के क्रूर झूठ की निंदा करते हैं. इस प्रचार की साजिश केंद्र सरकार के नेतृत्व में बनाई गई है. इसमें तेलंगाना एसआईबी और भारतीय खुफिया एजेंसी सहित भारतीय सुरक्षा मशीनरी शामिल है'.
बता दें कि सीपीआइ नक्सलियों के पूर्व शीर्षस्थ नेता रहे गणपति उर्फ लक्ष्मण राव के तेलंगाना में आत्मसमर्पण की सूचना थी. लेकिन अब नक्सलियों की ओर से जारी विज्ञप्ति में साफ कर दिया गया है कि गणपति आत्मसमर्पण नहीं कर रहा है. जिसके बाद नक्सली गणपती के आत्मसमर्पण की खबरों पर विराम लग गया है.
पढ़ें-नक्सली नेता गणपति जल्द कर सकता है सरेंडर, छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 करोड़ का रखा है इनाम
तेलंगाना निवासी गणपति की उम्र 80 साल बताई जा रही है. वह लंबे समय तक पार्टी का मुखिया रहा है. साल 2018 में उसने बीमारी के चलते शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. बस्तर में साल 2004 से 2018 तक हुए सभी छोटे-बड़े नक्सली वारदातों में उसका नाम आता रहा है.
बस्तर में 100 से ज्यादा केस दर्ज
खुफिया सूत्रों के मुताबिक बस्तर संभाग के अलग-अलग थानों में गणपति के खिलाफ 100 से ज्यादा केस दर्ज है. इनमें झीरम, ताड़मेटला, रानीबोदली, टहकवाड़ा कांड की गूंज लंबे समय तक आती रही. गणपति के बाद सीएमसी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की कमान नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को दी गई है.