रायपुर: नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष (Punjab Congress State President) के पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे की खबर से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलाव (Chief Minister Change in Chhattisgarh) की अटकलों पर आभी विराम लगता नजर आ रहा है. जानकार बताते हैं कि पंजाब में सिद्धू का इस्तीफा और उसके बाद बनी राजनीतिक परिस्थिति का असर कहीं ना कहीं छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने की प्रक्रिया पर भी पड़ सकता है और यह खबर सीएम भूपेश बघेल के लिए राहत भरी हो सकती है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के लिए यह खबर अच्छी ना हो
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सिद्धू के इस्तीफे से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलाव पर अभी लग सकता है विराम
वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि पंजाब में ज्यादा असंतोष है और चुनाव बहुत करीब है ऐसी स्थिति में हाईकमान की प्राथमिकता पंजाब होगी . पंजाब में राजनीति का असंतोष को थामा जाए . नेतृत्व वहां पर मजबूत किया जाए. पार्टी को मजबूत किया जाए. वहां पर चुनाव में उतरने का समय है ऐसी स्थिति में अगर राजनीतिक अस्थिरता है असंतोष है, तो पहली प्राथमिकता पंजाब होगी , दूसरे नंबर की प्राथमिकता राजस्थान होगी और उसके बाद फिर छत्तीसगढ़ का नंबर आएगा. इसलिए कह सकते हैं अभी छत्तीसगढ़ के लिए राहत भरी बात होगी. पंजाब के कारण ही छत्तीसगढ़ में फैसले में और विलंब हो सकते हैं.
पिछड़ा वर्ग के सीएम को छेड़ने से राजनीति में जा सकता है गलत संदेश
रामअवतार तिवारी ने कहा कि देश में इस समय पिछड़ा वर्ग को लेकर भाजपा सबसे ज्यादा कवायद कर रही है और लोगों को ले रही है. तमाम नियम कानून में संशोधन करके यह पिछड़ा वर्ग (Backward Cass) के लिए न्याय अन्याय का वातावरण तैयार कर रही है इसका फायदा सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल को राजनीतिक तौर मिलेगा. क्योंकि वे दमदार नेता हैं. उनके साथ ज्यादा विधायक हैं. ऐसे में जब कई राज्यों में चुनाव हो और उस दौरान पिछड़ा वर्ग के मुख्यमंत्री को छेड़ना गलत संदेश राजनीति में जा सकता है.
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राज्यों में आंतरिक मतभेद और असंतोष को रोकने में हाईकमान है नाकाम
रामअवतार तिवारी ने कहा कि इससे पहले तो कांग्रेस के भीतर में अस्थिरता रुक नहीं रही है. दूसरा बड़े पैमाने पर यह संदेश भी जा रहा है कि कांग्रेस शासित राज्यों में आंतरिक मतभेद और असंतोष को रोकने में कहीं न कहीं हाईकमान नाकाम है . तीसरा सिद्धू की जो कार्य प्रणाली है उस पर भी सवाल उठ रहे हैं. सिद्धू किस तरह की राजनीति करके पंजाब जहां पर कांग्रेस बेहतर स्थिति में है. वहां जब चुनाव के समय अगर ऐसी राजनीतिक अस्थिरता और असंतोष और विवाद उत्पन्न होता है तो पार्टी को नुकसान होता है. कहीं ना कहीं इस प्रकार की गतिविधियों से कांग्रेस को पंजाब में नुकसान हो सकता है.
पंजाब के पूर्व सीएम क्यों दिखा रहे हैं इतनी जल्दबाजी और असंतोष
तिवारी ने कहा कि जो 10 साल सीएम रहे हैं. जिसको कांग्रेस ने सब चीज दिया है. उसके बावजूद अगर इस उम्र के पड़ाव में अगर कांग्रेस ने इस्तीफा ले भी लिया तो वे इतनी जल्दबाजी दिखा रहे हैं. असंतोष दिखा रहै हैं. उसके कई मायने दिख रहे हैं.
भाजपा सहित अन्य दलों में कांग्रेस छोड़ शामिल हो रहे हैं नेता और कार्यकर्ता
तिवारी ने कहा कि एक सर्वे करने वाली संस्था ने बताया था कि कांग्रेस से भारी संख्या में लोग भाजपा में जा रहे हैं. टीएमसी में शामिल हुए. अलग-अलग दलों में कांग्रेस के लोग शामिल हो रहे हैं और कांग्रेस के लोगों को इस तरह से लिया जा रहा है. यह कवायद ठीक नहीं है