ETV Bharat / state

National Panchayati Raj Day: बेहद खास है राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, जानिए इस दिन का महत्व - राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस को पंचायती राज मंत्रालय ने मान्यता दी हुई है. हर साल 24 अप्रैल को ये दिन मनाया जाता है. पंचायती राज प्रणाली, जो देश के सबसे पुराने शासकीय संगठनों में से एक है, जो भारत में लगभग 6 लाख समुदायों को नियंत्रित करती है.

National Panchayati Raj Day
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस
author img

By

Published : Apr 19, 2023, 11:38 AM IST

रायपुर: हर साल 24 अप्रैल को नेशनल पंचायती राज दिवस मनाया जाता है. इस दिन राष्ट्रीय स्थानीय स्वशासन और लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण का जश्न मनाया जाता है. पंचायती राज मंत्रालय, नोडल मंत्रालय, सामाजिक न्याय और सेवाओं के कुशल वितरण के साथ समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज संस्थानों के सशक्तिकरण, सक्षमता और जवाबदेही के मिशन पर काम करता है.

पंचायतीराज व्यवस्था का सम्मान: राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पंचायती राज व्यवस्था का सम्मान के तौर पर मनाया जाता है. हर साल 24 अप्रैल को इसे मनाया जाता है. साल 1992 में पारित 73वां संविधान संशोधन अधिनियम भी इसी दिन मनाया जाता है. पंचायती राज प्रणाली जो देश के सबसे पुराने शासी संगठनों में से एक है. भारत में लगभग 6 लाख समुदायों को नियंत्रित करती है. पंचायती राज एक मजबूत स्थानीय स्वशासन ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है. यह दिन शुरू में अप्रैल 2010 में सत्ता के विकेंद्रीकरण की याद में मनाया गया था. जिसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर में से एक माना जाता है.

यह भी पढ़ें: national civil service day: जानें राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का इतिहास और महत्व

पंचायती राज दिवस का महत्व: यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 1957 में बलवंतराय मेहता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था.इसका लक्ष्य केंद्रीय विद्युत व्यवस्था में सुधार लाना था. समिति ने अध्ययन के अनुसार ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायतों, ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद के साथ विकेंद्रीकृत पंचायती राज पदानुक्रम का सुझाव दिया.

पंचायती राज दिवस का बैकग्राउंड: पंचायती राज संस्थाएं लंबे समय से अस्तित्व में है. यह देखा गया है कि वे नियमित चुनावों की कमी, लंबे समय तक चलने सहित कई कारकों के कारण व्यवहार्य और उत्तरदायी लोगों के निकायों की स्थिति और गरिमा हासिल नहीं कर पाई है. 1992 के संविधान (73वें संशोधन) अधिनियम, जो 24 अप्रैल, 1993 को प्रभावी हुआ. पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया. नतीजतन यह तारीख लोगों को सरकारी सत्ता के विकेंद्रीकरण के इतिहास में एक वाटरशेड बिंदु का प्रतीक है.

रायपुर: हर साल 24 अप्रैल को नेशनल पंचायती राज दिवस मनाया जाता है. इस दिन राष्ट्रीय स्थानीय स्वशासन और लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण का जश्न मनाया जाता है. पंचायती राज मंत्रालय, नोडल मंत्रालय, सामाजिक न्याय और सेवाओं के कुशल वितरण के साथ समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज संस्थानों के सशक्तिकरण, सक्षमता और जवाबदेही के मिशन पर काम करता है.

पंचायतीराज व्यवस्था का सम्मान: राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पंचायती राज व्यवस्था का सम्मान के तौर पर मनाया जाता है. हर साल 24 अप्रैल को इसे मनाया जाता है. साल 1992 में पारित 73वां संविधान संशोधन अधिनियम भी इसी दिन मनाया जाता है. पंचायती राज प्रणाली जो देश के सबसे पुराने शासी संगठनों में से एक है. भारत में लगभग 6 लाख समुदायों को नियंत्रित करती है. पंचायती राज एक मजबूत स्थानीय स्वशासन ग्रामीण भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है. यह दिन शुरू में अप्रैल 2010 में सत्ता के विकेंद्रीकरण की याद में मनाया गया था. जिसे भारत के सबसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर में से एक माना जाता है.

यह भी पढ़ें: national civil service day: जानें राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का इतिहास और महत्व

पंचायती राज दिवस का महत्व: यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 1957 में बलवंतराय मेहता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था.इसका लक्ष्य केंद्रीय विद्युत व्यवस्था में सुधार लाना था. समिति ने अध्ययन के अनुसार ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायतों, ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद के साथ विकेंद्रीकृत पंचायती राज पदानुक्रम का सुझाव दिया.

पंचायती राज दिवस का बैकग्राउंड: पंचायती राज संस्थाएं लंबे समय से अस्तित्व में है. यह देखा गया है कि वे नियमित चुनावों की कमी, लंबे समय तक चलने सहित कई कारकों के कारण व्यवहार्य और उत्तरदायी लोगों के निकायों की स्थिति और गरिमा हासिल नहीं कर पाई है. 1992 के संविधान (73वें संशोधन) अधिनियम, जो 24 अप्रैल, 1993 को प्रभावी हुआ. पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया. नतीजतन यह तारीख लोगों को सरकारी सत्ता के विकेंद्रीकरण के इतिहास में एक वाटरशेड बिंदु का प्रतीक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.