रायपुर: कोरोना संक्रमण के आंकड़े प्रदेश में तेजी से कम होते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले अब तेजी से बढ़ने लगे हैं. पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या प्रदेश में चिंताजनक है. ब्लैक फंगस की बात करें तो प्रदेश में अबतक कुल 285 ब्लैक फंगस मरीजों की पहचान हो चुकी है. लगभग 18 लोगों की मौत इस गंभीर बिमारी से हुई है.
रायपुर एम्स की बात की जाए तो अबतक कुल 160 मरीजों को यहां भर्ती किया गया है. एम्स में 102 मरीजों से ज्यादा कि सर्जरी की जा चुकी है. वहीं 10 लोग डिस्चार्ज होकर रायपुर एम्स से वापस अपने घर लौट चुके हैं.
एम्स में 100 से ज्यादा ब्लैक फंगस मरीजों की गई सर्जरी
एम्स डायरेक्टर नितिन नागरकर ने बताया कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में हमने ब्लैक फंगस के मरीजों की पहचान की है. देशभर में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. रायपुर एम्स में 160 से ज्यादा मरीज भर्ती थे. इसके इलाज की प्रक्रिया काफी लंबी है. जिसमें डायबिटीज और मेडिकल प्रॉब्लम को कंट्रोल करना होता है. इसके साथ ही सर्जरी के जरिए इलाज संभव है.
रायपुर एम्स से 10 मरीज हुए डिस्चार्ज
रायपुर एम्स में 102 लोगों की सर्जरी हो चुकी है. इसके लिए एक मल्टीडिसीप्लिनरी टीम है जो काम करती है. उसमें अलग-अलग डिपार्टमेंट के स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी होते हैं. कुल मिलाकर टीम इस पर चर्चा करती है. पेशेंट के ट्रीटमेंट की प्रक्रिया काफी लंबी होती है. नितिन नागरकर ने कहा कि मुझे खुशी है धीरे-धीरे पेशेंट्स रिकवर हो रहे हैं. रायपुर एम्स की बात की जाए तो इस वक्त रायपुर एम्स में 146 ब्लैक फंगस के मरीज एडमिट हैं. जिनमें से 102 लोगों के ब्लैक फंगस की सर्जरी हो चुकी है. वहीं 10 लोग अब तक डिस्चार्ज हो चुके हैं.
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भारत में तेजी से फैला ब्लैक फंगस
देश में कोरोना महामारी के साथ ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का भी कहर बढ़ने लगा है. कमजोर इम्यूनिटी और स्टेरॉयड को इसका जिम्मेदार बताया जा रहा है. डॉक्टरों की इस पर अलग-अलग थ्योरी पेश की जा रही है. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि जिस तरह भारत में ब्लैक फंगस बेकाबू हो रहा है उस तरह किसी अन्य देश में नहीं देखा जा रहा. भारत में ब्लैक फंसग से जो पीड़ित पाए जा रहे हैं, ज्यादातर कोरोना संक्रमण या फिर शुगर के मरीज हैं. डॉक्टरों के अनुसार भारत में कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण के अलावा अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ा है.
मधुमेह संबंधी जटिलताएं बढ़ जाती हैं
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स के निदेशक एवं सह संस्थापक डॉ. बी कमल कपूर ने बताया कि, भारत की वयस्क आबादी में मधुमेह के अनुमानित 73 मिलियन मामले हैं. रोग प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए स्टेरॉयड का उपयोग करने से भी मधुमेह का स्तर बढ़ जाता है, जिससे मधुमेह संबंधी जटिलताएं भी बढ़ जाती हैं.
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दवाइयों को लेकर बरती गई लापरवाही
डॉक्टरों के अनुसार, ब्लैक फंगस अलग-अलग तरह से नाक के नथुने, साइनस, रेटिना वाहिकाओं और मस्तिष्क को प्रमुखता से प्रभावित करता है. दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में आपातकालीन विभाग की प्रमुख डॉ. ऋतु सक्सेना ने बताया कि, हमारे यहां अधिक मात्रा में स्टोरॉइड लेना, वहीं यहां की वातवरण की परिस्थितियां भी एक कारण हो सकती हैं. तीसरा कारण इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का इस्तेमाल करना, जिंक का ज्यादा इस्तेमाल होना, ये सब भी कारण हो सकते हैं. लेकिन ये अब फिलहाल थ्योरी हैं कुछ भी अभी तक साबित नहीं हो सका है.