रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र कोरोना संकट के चलते टल सकता है. बताया जा रहा है कि कोरोना संकट के बीच विधानसभा का सत्र बुलाना मुश्किल है. पिछले दिनों विधानसभा की बैठक के दौरान एक विधायक कोरोना पॉजिटिव मिले थे. उसके बाद विधानसभा को सील कर दिया गया था और उस बैठक में शामिल सभी सदस्य होम क्वॉरेंटाइन हो गए थे. इसके बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि अब विधानसभा का मानसून सत्र टाल दिया जाए. हालांकि सरकार का दावा है कि विधानसभा का मानसून सत्र निर्धारित समय पर ही बुलाया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ विधानसभा में 21 जुलाई से समितियों की बैठकों का दौर शुरू हो रहा है, जो 31 जुलाई तक चलेगा. इस बीच कुल 9 बैठकें होगी.
- 21 जुलाई को लोक लेखा समिति की बैठक होगी.
- 23 जुलाई को महिलाओं एवं बालकों के कल्याण समिति की बैठक रखी गई है
- 24 जुलाई को पटल पर रखे गए पत्रों के परीक्षण समिति की बैठक होगी
- 25 जुलाई को शासकीय आश्वासनों सम्बंधी समिति की बैठक
- 29 जुलाई को स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति की बैठक होगी
- 30 जुलाई को गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों एवं संकल्पों सम्बंधी मुद्दे पर चर्चा होगी
- और 31 जुलाई को प्राक्कलन समिति की बैठकें होंगी
हालांकि मानसून सत्र को लेकर अभी तक संशय बरकरार है. इस बीच नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा के मानसून सत्र को वर्चुअल ढंग से आयोजित किए जाने की मांग की है. कौशिक की इस मांग पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने चुटकी लेते हुए कहा कि 'शायद कौशिक जी आजकल मीडिया से संपर्क नहीं रखते हैं, मध्यप्रदेश में 5 दिन का विधानसभा सत्र बुलाया गया था लेकिन उस सत्र के एक दो दिन भी चलाने की स्थति नहीं बन रही है'. चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र निर्धारित समय पर ही बुलाया जाएगा उसके लिए किसी को संशय करने की आवश्यकता नहीं है.
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सितंबर तक का समय बाकी
आमतौर पर विधानसभा का मानसून सत्र जुलाई-अगस्त तक पूरा हो जाता है. लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते सत्र तय समय में संभव नहीं दिखाई दे रहा है. हालांकि एक सत्र से दूसरे सत्र के बीच 6 महीने तक का अंतर हो सकता है. ऐसे में सितंबर तक का अभी सरकार के पास समय बाकी है.