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निमंत्रण न मिलने पर मीसाबंदियों ने जताई नाराजगी, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

स्वतंत्रता दिवस समारोह का निमंत्रण न मिलने पर मीसाबंदियों ने नाराजगी जाहिर की है. लोकतंत्र सेनानी संघ ने इस पर आपत्ति जताते हुए सरकार की ओर से पेंशन बंद करने और सम्मान नहीं देने पर नाराजगी जताई है.

मीसाबंदियों ने जताई नाराजगी
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Published : Aug 15, 2019, 12:03 AM IST

रायपुर: 15 अगस्त को पूरे देश में आजादी का पर्व स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. आपातकाल के दौरान संघर्ष करने वाले मीसाबंदियों को स्वतंत्रता दिवस पर आमंत्रण न मिलने पर नाराजगी है. इसे लेकर लोकतंत्र सेनानी संघ ने आपत्ति जताई है. उनका आरोप है कि 'राज्य सरकार मीसाबंदियों का अपमान कर रही है'. फिलहाल सरकार का इसपर कोई बयान नहीं आया है.

मीसाबंदियों ने जताई नाराजगी

प्रदेश में लगभग 300 मीसाबंदी हैं. जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, तब से मीसाबंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सूची से हटा दिया गया है. सरकार का कहना है कि 'इन्हें पेंशन देने से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान होगा'. जिसके बाद प्रशासन विभाग ने जिला कलेक्टरों को निर्देश देकर मीसाबंदियों को भौतिक सत्यापन कराने की बात कही.

मीसाबंदियों को नहीं मिला आमंत्रण
लोकतंत्र सेनानी संघ ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि 'सरकार ने पहले भौतिक सत्यापन की बात कहकर पेंशन बंद कर दिया और अब उन्हें सम्मान भी नहीं मिल रहा. मीसाबंदियों को आमंत्रण पत्र नहीं मिल पा रहा है यह लोकतंत्र के रक्षकों का अपमान है'. संघ की मांग है कि 'स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को स्वतंत्रता दिवस पर सम्मान किया जाए.

रायपुर: 15 अगस्त को पूरे देश में आजादी का पर्व स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. आपातकाल के दौरान संघर्ष करने वाले मीसाबंदियों को स्वतंत्रता दिवस पर आमंत्रण न मिलने पर नाराजगी है. इसे लेकर लोकतंत्र सेनानी संघ ने आपत्ति जताई है. उनका आरोप है कि 'राज्य सरकार मीसाबंदियों का अपमान कर रही है'. फिलहाल सरकार का इसपर कोई बयान नहीं आया है.

मीसाबंदियों ने जताई नाराजगी

प्रदेश में लगभग 300 मीसाबंदी हैं. जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, तब से मीसाबंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सूची से हटा दिया गया है. सरकार का कहना है कि 'इन्हें पेंशन देने से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान होगा'. जिसके बाद प्रशासन विभाग ने जिला कलेक्टरों को निर्देश देकर मीसाबंदियों को भौतिक सत्यापन कराने की बात कही.

मीसाबंदियों को नहीं मिला आमंत्रण
लोकतंत्र सेनानी संघ ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि 'सरकार ने पहले भौतिक सत्यापन की बात कहकर पेंशन बंद कर दिया और अब उन्हें सम्मान भी नहीं मिल रहा. मीसाबंदियों को आमंत्रण पत्र नहीं मिल पा रहा है यह लोकतंत्र के रक्षकों का अपमान है'. संघ की मांग है कि 'स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को स्वतंत्रता दिवस पर सम्मान किया जाए.

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रायपुर। स्वतंत्रता दिवस में मीसाबंदियों का सम्मान नही किया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस का आमंत्रण तक मीसाबंदियों को नही पहुचा है। इसे लेकर अब लोकतंत्र सेनानी संघ ने आपत्ति जताई है। लोकतंत्र सेनानी संघ ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जानबूझकर कर मीसाबंदियों का अपमान कर रही है। बदले की भावना से लगातार मीसाबंदियों की अनदेखी की जा रही है। हालांकि सरकार की ओर से इस पर अभी तक कोई बयान नही आया है।
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दरअसल प्रदेश में लगभग 300 मीसाबंदी है, जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है तो कांग्रेसियों ने यह मुद्दा उठाया कि मीसाबंदी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं है। इन्हें पेंशन देने से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान होगा। इसके बाद इसी साल जनवरी में ही सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किया गया कि सभी मीसा बंदियों का भौतिक सत्यापन कराया जाए कि वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है या नहीं । उसके बाद ही फरवरी में पेंशन जारी किया जाएगा भौतिक सत्यापन की समय सीमा तय नहीं की गई थी इसलिए अब तक ना भौतिक सत्यापन हो पाया है और ना ही काम शुरू हो पाया है। पेंशन बंद करने के बाद अब ऐसा संकेत मिल रहा है कि स्वतंत्रता संग्राम दिवस में उनका सम्मान भी सरकार नहीं कर रही है। यही वजह है कि इस बार मीसा बंदियों को आमंत्रण कार्ड भी नहीं पहुंच पाया है। इसे लेकर लोकतंत्र सेनानी संघ ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार ने भौतिक सत्यापन की बात कहकर पहले ही मीसा बंदियों का पेंशन बंद कर दिया । अब उनका सम्मान भी नहीं कर रही है,अब तक किसी भी मंदी मीसा बंदियों को कार्ड नहीं पहुंच पा रहा है या लोकतंत्र के रक्षको का अपमान है।

बाईट- सच्चिदानंद उपासने, उपाध्यक्ष, लोकतंत्र सेनानी संघ

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
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