रायपुर: 15 अगस्त को पूरे देश में आजादी का पर्व स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. आपातकाल के दौरान संघर्ष करने वाले मीसाबंदियों को स्वतंत्रता दिवस पर आमंत्रण न मिलने पर नाराजगी है. इसे लेकर लोकतंत्र सेनानी संघ ने आपत्ति जताई है. उनका आरोप है कि 'राज्य सरकार मीसाबंदियों का अपमान कर रही है'. फिलहाल सरकार का इसपर कोई बयान नहीं आया है.
प्रदेश में लगभग 300 मीसाबंदी हैं. जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, तब से मीसाबंदियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के सूची से हटा दिया गया है. सरकार का कहना है कि 'इन्हें पेंशन देने से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान होगा'. जिसके बाद प्रशासन विभाग ने जिला कलेक्टरों को निर्देश देकर मीसाबंदियों को भौतिक सत्यापन कराने की बात कही.
मीसाबंदियों को नहीं मिला आमंत्रण
लोकतंत्र सेनानी संघ ने फैसले का विरोध करते हुए कहा कि 'सरकार ने पहले भौतिक सत्यापन की बात कहकर पेंशन बंद कर दिया और अब उन्हें सम्मान भी नहीं मिल रहा. मीसाबंदियों को आमंत्रण पत्र नहीं मिल पा रहा है यह लोकतंत्र के रक्षकों का अपमान है'. संघ की मांग है कि 'स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को स्वतंत्रता दिवस पर सम्मान किया जाए.