रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के आरोपों पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने करारा पलटवार किया है. रमन सिंह द्वारा बघेल सरकार से ब्लू प्रिंट मांगने पर छत्तीसगढ़ के मंत्री रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर ने रमन सिंह का ब्लैक प्रिंट दिखा दिया है. चौबे ने जहां रमन सरकार के घोटाले गिनाने शुरू किये तो मोहम्मद अकबर ने बीजेपी के घोषणा पत्र को एक बार फिर से जनता के सामने रख उसके मुताबिक काम को लेकर सवाल दाग दिए.
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि, 'हमारे वादे याद दिलाए जा रहे हैं, सवाल किए जा रहे हैं. उनकी कुंभकर्णी नींद अभी टूटी है. सीएम बघेल से पूछा जा रहा है कि ब्लू प्रिंट कहां है? हमारे पास रमन सरकार के 15 साल के ब्लैक प्रिंट है'. चौबे ने कहा कि, 'हमारी सरकार के वादे याद दिला रहे हैं, अपने भूल गए. इतने वादे उन्हें 15 साल सत्ता में रहते याद नहीं आए'.
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चौबे ने कहा कि, 'लोग खुद कैसे भूल सकते हैं कि 15 साल की हुकूमत के दौरान कितनी वादाखिलाफी की गई. प्रदेश की जनता को अभी झीरम घाटी कांड याद है, अंतागढ़ टेप कांड याद है. केदार कश्यप की पत्नी के बदले कोई और एग्जाम दे रहा था, ये भी याद है. गर्भाशय कांड, आंखफोड़वा कांड लोग अभी नहीं भूले हैं. उनके शासनकाल में 3 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की. बेरोजगार सुसाइड करने को मजबूर हुए और कमीशनखोरी का स्तर कितना था ये हम सब जानते हैं. एमओयू करके लोगों की जमीन बेची गई, सीडी कांड किसे याद नहीं है'.
इस दौरान कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बीजेपी सरकार के कार्यकाल में हुए घोटालों को एक-एक कर गिनाया-
- रतनजोत घोटाला
- नान घोटाला
- धान घोटाला
- खदान घोटाला
- पनामा पेपर लीक कांड
- लक्ष्मी सहकारी बैंक घोटाला
- पुस्तक निगम घोटाला
- DKS भवन घोटाला
- ई-टेंडरिंग घोटाला
- चिटफंड घोटाला
- बारदाना खरीदी घोटाला
- रायपुर का स्काई वॉक घोटाला
- एक्सप्रेस-वे घोटाला
- केनाल लिंक रोड घोटाला
- पुलिस भर्ती घोटाला
- स्मार्ट कार्ड घोटाला
- कोयला खदान घोटाला
कैबिनेट मिनिस्टर मोहम्मद अकबर ने कहा कि सरकार ने कई वादे किए उनके घोषणापत्र के कुछ अहम बिंदु में लेकर आया हूं जो उन्होंने कभी पूरे ही नहीं किए. उन्होंने कहा की भाजपा ने 2003 में सभी आदिवासी परिवारों को एक गाय और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात थी. कहां है वह नौकरी. बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात थी अब तक कोई भत्ता नहीं दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने किसानों और स्थानीय कलाकारों के मुद्दे पर भी सरकार को जमकर घेरा.