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फाउंटेन घोटाला! रायपुर में करोड़ों खर्च कर बने दर्जन भर फव्वारे बंद, विपक्ष ने की सवालों की बौछार

रायपुर में करोड़ों की लागत से रंग-बिरंगे फाउंटेन तो शुरू कर दिए गए, लेकिन कुछ ही दिनों में ये फव्वारे अब शहर से ही गायब हो गए हैं. ETV भारत ने इन फव्वारों की पड़ताल की है.

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कहां चले गए करोड़ों के फव्वारे
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Published : Dec 24, 2020, 7:31 PM IST

Updated : Dec 24, 2020, 10:49 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 50 करोड़ रुपए खर्च कर बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण किया था. यहां 5 करोड़ की लागत से म्यूजिकल फाउंटेन लगाया गया था. दावा किया गया कि यह फव्वारा क्षेत्रफल के हिसाब से देश का दूसरा बड़ा फव्वारा है. रंग-बिरंगी चकाचौंध और फव्वारे की खूबसूरती देखने के लिए दूसरे दिन राज्यपाल भी पहुंची. लेकिन ये रोशनी एक हफ्ते भी न चल सकी. फाउंटेन बंद हो गया. बीजेपी ने बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. भाजपा का कहना है कि नगर निगम और राज्य सरकार मिलकर करोड़ों रुपए की बंदरबांट कर रहे हैं. विपक्ष ने 100-100 रुपए की चीज हजार-हजार रुपए में खरीदने का आरोप लगाया है.

रायपुर में करोड़ों खर्च कर बने 11 फव्वारे बंद

पढ़ें: SPECIAL: एक सप्ताह में बंद हुआ 5 करोड़ का म्यूजिकल फाउंटेन, उठे कई सवाल

इतना ही नहीं यही हाल राजधानी के बाकी फव्वारों का भी है.

  • तेलीबांधा तालाब की करें तो लाखों रुपए खर्च कर फाउंटेन लगाया गया. शुरू में लोग इसे देखने पहुंचे लेकिन कुछ दिन बीतते ही ये बंद हो गया.
  • कटोरा तालाब का भी फाउंटेन बंद पड़ा है. यहां की सुंदरता बढ़ाने के लिए ने तीन फाउंटेन लगाए गए थे. इसमें से एक फाउंटेन पूरी तरह से बंद है. दो फाउंटेन किसी तरह बस चल रहे हैं.
  • गांधी उद्यान और गुरु तेगबहादुर समेत के रंगीन फव्वारे कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं, जबकि 6 महीने पहले ही इनकी हालत सुधारी गई थी.
  • कलेक्ट्रेट के गार्डन में पांच साल पहले फव्वारा लगाया गया था. इसकी मरम्मत के लिए कई बार राशि खर्च की गई. आज कबाड़ में तब्दील हो चुका है.
  • मरीन ड्राइव पर तो 6 माह से अधिक समय से फव्वारे बंद हैं. इसके मरम्मत पर निगम के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया.
  • अनुपम पार्क, कबीर नगर पार्क, घड़ी चौक पर लगे फव्वारों का भी यही हाल है.
  • मोतीबाग में बने फव्वारे का भी यही हाल है.

करोड़ों की लागत से बने ये फव्वारे हाथी के दांत बन चुके हैं. जिससे लोगों में उदासी और नाराजगी दोनों है. फाउंटेन को सुधारने के लिए ठेका एजेंसी ने दिसंबर के अंत तक का समय रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अफसरों से मांगा है. इधर विपक्ष ने इस मामले में सरकार को आड़े हाथ लिया है. भाजपा पार्षदों ने सवाल उठाया है कि कमीशन के लिए क्यों इतने रुपये खर्च किए जा रहें हैं ? आखिर टेंडर किसने डाला, टेंडर किसने लिया, कितने लोग पार्टिसिपेट किए? इसका टर्म्स ऑफ कंडीशन क्या था ? किसी को कुछ नहीं मालूम. कोई बोलता है स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने काम किया है, कोई कहता है नगर निगम ने काम किया. इसमें व्यापक रूप से घोटाला हो रहा है.अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य कहते हैं कि जहां-जहां फव्वारे बंद हैं उसे सुधारने का काम किया जा रहा है.

पढ़ें: शहर की सुंदरता पर चार चांद लगाने वाले फाउंटेन को लगा प्रशासनिक 'ग्रहण'

जल्द शुरू होंगे फव्वारे

रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि बंद पड़े फाउंटेन को शुरू करने के लिए योजना बनाई जा रही है. आने वाले समय में इस फाउंटेन चालू दिखेंगे.

रंगीन फव्वारे की मरम्मत के नाम पर निगम के जिम्मेदारों की जमकर लूटखसोट सामने आ रही है. साल में दो से तीन बार इनकी मरम्मत के नाम पर राशि खर्च की जाती है लेकिन हालत आपके सामने है. हैरानी की बात तो ये है कि निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार बता देते हैं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 50 करोड़ रुपए खर्च कर बूढ़ातालाब के सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण किया था. यहां 5 करोड़ की लागत से म्यूजिकल फाउंटेन लगाया गया था. दावा किया गया कि यह फव्वारा क्षेत्रफल के हिसाब से देश का दूसरा बड़ा फव्वारा है. रंग-बिरंगी चकाचौंध और फव्वारे की खूबसूरती देखने के लिए दूसरे दिन राज्यपाल भी पहुंची. लेकिन ये रोशनी एक हफ्ते भी न चल सकी. फाउंटेन बंद हो गया. बीजेपी ने बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. भाजपा का कहना है कि नगर निगम और राज्य सरकार मिलकर करोड़ों रुपए की बंदरबांट कर रहे हैं. विपक्ष ने 100-100 रुपए की चीज हजार-हजार रुपए में खरीदने का आरोप लगाया है.

रायपुर में करोड़ों खर्च कर बने 11 फव्वारे बंद

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इतना ही नहीं यही हाल राजधानी के बाकी फव्वारों का भी है.

  • तेलीबांधा तालाब की करें तो लाखों रुपए खर्च कर फाउंटेन लगाया गया. शुरू में लोग इसे देखने पहुंचे लेकिन कुछ दिन बीतते ही ये बंद हो गया.
  • कटोरा तालाब का भी फाउंटेन बंद पड़ा है. यहां की सुंदरता बढ़ाने के लिए ने तीन फाउंटेन लगाए गए थे. इसमें से एक फाउंटेन पूरी तरह से बंद है. दो फाउंटेन किसी तरह बस चल रहे हैं.
  • गांधी उद्यान और गुरु तेगबहादुर समेत के रंगीन फव्वारे कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं, जबकि 6 महीने पहले ही इनकी हालत सुधारी गई थी.
  • कलेक्ट्रेट के गार्डन में पांच साल पहले फव्वारा लगाया गया था. इसकी मरम्मत के लिए कई बार राशि खर्च की गई. आज कबाड़ में तब्दील हो चुका है.
  • मरीन ड्राइव पर तो 6 माह से अधिक समय से फव्वारे बंद हैं. इसके मरम्मत पर निगम के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया.
  • अनुपम पार्क, कबीर नगर पार्क, घड़ी चौक पर लगे फव्वारों का भी यही हाल है.
  • मोतीबाग में बने फव्वारे का भी यही हाल है.

करोड़ों की लागत से बने ये फव्वारे हाथी के दांत बन चुके हैं. जिससे लोगों में उदासी और नाराजगी दोनों है. फाउंटेन को सुधारने के लिए ठेका एजेंसी ने दिसंबर के अंत तक का समय रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अफसरों से मांगा है. इधर विपक्ष ने इस मामले में सरकार को आड़े हाथ लिया है. भाजपा पार्षदों ने सवाल उठाया है कि कमीशन के लिए क्यों इतने रुपये खर्च किए जा रहें हैं ? आखिर टेंडर किसने डाला, टेंडर किसने लिया, कितने लोग पार्टिसिपेट किए? इसका टर्म्स ऑफ कंडीशन क्या था ? किसी को कुछ नहीं मालूम. कोई बोलता है स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने काम किया है, कोई कहता है नगर निगम ने काम किया. इसमें व्यापक रूप से घोटाला हो रहा है.अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य कहते हैं कि जहां-जहां फव्वारे बंद हैं उसे सुधारने का काम किया जा रहा है.

पढ़ें: शहर की सुंदरता पर चार चांद लगाने वाले फाउंटेन को लगा प्रशासनिक 'ग्रहण'

जल्द शुरू होंगे फव्वारे

रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि बंद पड़े फाउंटेन को शुरू करने के लिए योजना बनाई जा रही है. आने वाले समय में इस फाउंटेन चालू दिखेंगे.

रंगीन फव्वारे की मरम्मत के नाम पर निगम के जिम्मेदारों की जमकर लूटखसोट सामने आ रही है. साल में दो से तीन बार इनकी मरम्मत के नाम पर राशि खर्च की जाती है लेकिन हालत आपके सामने है. हैरानी की बात तो ये है कि निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार बता देते हैं.

Last Updated : Dec 24, 2020, 10:49 PM IST
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