रायपुर: साल 2020 में छत्तीसगढ़ ने अपने कई विशिष्ट हस्तियों को खो दिया. इनमें से ज्यादातर राजनैतिक व्यक्ति शामिल हैं. जिन्होंने अपना जीवन प्रदेश की जनता की सेवा में लगाया था. इस साल जिन बड़ी हस्तियों का निधन हो गया उनमें दो पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं. छत्तीसगढ़ ने अपने पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी को और फिर साल के अंत में मोतीलाल वोरा को खोया है. ETV भारत साल के अंतिम दिनों में इन हस्तियों को याद कर रहा है.
छत्तीसगढ़ ने खो दिए दो पूर्व मुख्यमंत्री
साल 2020 में प्रदेश ने जिन हस्तियों को खो दिया उनमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का नाम शामिल है. अजीत जोगी का निधन 29 मई 2020 को रायपुर के अस्पताल में हुआ. 9 मई की सुबह गंगा इमली खाते वक्त अजीत जोगी के गले में बीज फंस गया था. उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ. जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ती गई. अंत में 29 मई 2020 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके निधन के बाद प्रदेश की सियासत में एक बड़ा शुन्य पैदा हुआ है, जिसकी भरपाई नहीं हो पाई है.
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मोतीलाल वोरा का निधन 21 दिसंबर को दिल्ली में हुआ. उनकी गिनती कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं के साथ ही गांधी परिवार के बेहद करीबी नेताओं में होती थी. वे दो बार अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. इसके अलवा केंद्रीय मंत्री और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रहे. उन्होंने संगठन में कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं. साल 2020 में सियासत का ये अजातशत्रु भी अनंत सफर पर चला गया.
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बड़ी हस्तियों ने इस साल छोड़ा हमारा साथ
देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव: छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टीएस सिंहदेव की माता और सरगुजा रियासत की राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव का निधन 10 फरवरी को हुआ. उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश का मंत्री पद संभाल था. उन्होंने सरगुजा क्षेत्र के विकास के लिए लगातार कई प्रयास भी किए थे.
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डीपी धृतलहरे: पूर्व मंत्री डेरहु प्रसाद धृतलहरे का 19 अप्रैल को निधन हो गया. डीपी धृतलहरे सतनामी समाज के बड़े नेता माने जाते थे. वे दिग्विजय सिंह और अजीत जोगी मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य और वन जैसे अहम विभाग के मंत्री थे. हलांकि पिछले कुछ समय से वे स्वास्थ्य कारणों से सियासी तौर पर सक्रिय नहीं थे. लेकिन उनका निधन एक दौर के छत्तीसगढ़ के बड़े नेता के चले जाने के तौर पर देखा गया.
हीरा सिंह मरकाम: वरिष्ठ आदिवासी नेता और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक हीरा सिंह मरकाम का निधन 28 अक्टूबर को बिलासपुर में हुआ. वे तीन बार विधायक भी रहे है. वे आदिवासी समाज के मुद्दों को लेकर लगातार मुखर रहे. उनके निधन से प्रदेश के आदिवासी समाज ने अपनी एक प्रमुख आवाज को खो दिया है.
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पत्रकार ललित सुरजन: राजनेताओं के अलावा साल 2020 में प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार ललित सुरजन भी हमारे बीच नहीं रहे. 2 दिसंबर को उनका इलाज के दौरान दिल्ली में निधन हो गया. वर्तमान सरकार में मंत्री अनिला भेड़िया के पति और रिटायर्ड आईजी रविंद्र भेड़िया का 4 अक्टूबर को निधन हो गया. वे पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद से डौंडी लोहारा इलाके में सामाजसेवा के कार्य में काफी सक्रिय थे.
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गलवान में शहीद हुए गणेश: साल 2020 कोविड के साथ ही भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में लंबे समय तक बना रहा तनाव भी याद किया जाएगा. 15 और 16 जून की रात भारत और चीन
के सैनिक आमने-सामने हो गए. इस संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. इन शहीदों में कांकेर का लाल गणेश कुंजाम शहीद हो गए. वे चरामा के गिधौली गांव के रहने वाले थे. गणेश 16 वीं बिहार रेजीमेंट में सिपाही के पद पर कार्यरत थे.
इनके अलावा पूर्व मंत्री बलिहार सिंह, चनेश राम राठिया, लुईस बेक, माधव सिंह ध्रुव , घनाराम साहू, रजनीगंधा देवी, डॉ चंद्रहास साहू, डॉ राजेश्वरी प्रसाद त्रिपाठी, शशिप्रभा देवी, लाल महेन्द्र सिंह टेकाम, पूरन लाल जांगड़े ,झितरूराम बघेल जैसे वरिष्ठ नेताओं ने इस साल दुनिया को अलविदा कह दिया. आज भले ही ये हस्तियां हमारे बीच आज न हों लेकिन इनकी यादें उनके चाहने वालों के दिलों में हमेशा ताजा रहेंगी. साल 2020 को अलविदा कहते हुए ईटीवी भारत इन दिग्गजों को श्रद्धा सुमन अर्पित करता है.