रायपुर: लॉकडाउन की स्थिति में ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती थी. जिले में भारत सरकार के निर्देशानुसार मनरेगा योजना के अंतर्गत जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता से लिया गया है. उसी का नतीजा रहा कि कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जिले में 4 हजार 344 ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सका.
लॉकडाउन के दौरान जिले के महात्मा मनरेगा मजदूरों को 6 करोड़ 85 लाख की मजदूरी भुगतान की गई है. इन सभी कारणों से बीजापुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक संकट की स्थिति निर्मित नहीं हुई. बीजापुर जिले में शासन-प्रशासन के निर्देशों का कड़ाई से पालन किए जाने के लिए कलेक्टर केडी कुंजाम ने जिले के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक को पत्र लिखकर कड़ाई से पालन करने को कहा गया है. जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना शामिल है.
योजना के अंतर्गत शुरू किए गए थे काम
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पोषण चंद्राकर ने बताया कि, 'पूर्व में ही जिले में जल संरक्षण कार्यो जैसे नहर लाइनिंग, बोल्डर चेक डेम , तालाब, डबरी आदि निर्माण कार्यों को प्राथमिकता से स्वीकृत किया गया था, जिसकी वजह से ही लॉकडाउन के दौरान भी सार्वजनिक दूरी का पालन करते हुए आवश्यक व्यवस्था के साथ कार्य उपलब्ध कराए जाने में आसानी हुई है.'
3 लाख 62 मानव दिवस सृजित किए गए
कलेक्टर केडी कुंजाम के मार्गदर्शन में जिले में मौजूद बैंक शाखा प्रभारी से समन्वय कर योजना की राशि आहरण को प्राथमिकता देते हुए ग्राम पंचायतों को भुगतान करने को कहा गया. जिसके कारण ही योजनांतर्गत कार्यरत मजदूरों को पैसों की समस्या नहीं हुई. वहीं लॉकडाउन के दौरान जिले में योजनांतर्गत 3 लाख 62 मानव दिवस सृजित किए गए हैं.