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Makar Sankranti 2023 : जानिए कब है मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त और महत्व - मकर संक्रांति की तिथि और शुभ मुहूर्त

Makar sankranti 2023 हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का पर्व अपना विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यताओं और धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. यही वजह है कि इस पर्व को लोग मकर संक्रांति कहते हैं.

जानिए कब है मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त और महत्व
जानिए कब है मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त और महत्व
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Published : Nov 30, 2022, 7:14 PM IST

Makar sankranti 2023 मकर संक्रांति पर्व को पूरे देश में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है. वहीं कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्य में मकर संक्रांति को पोंगल (Pongal 2023), बिहार और उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी (Khichdi 2023) के नाम से मनाया जाता है. साल 2023 में मकर संक्रांति की तिथि (Makar Sankranti 2023 Date) को लेकर थोड़ी संशय की स्थिति है. हर साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है. लेकिन आने वाले साल में इसकी तिथि में बदलाव है. आइए जानते हैं कि नए साल 2023 में मकर संक्रांति की सही तिथि, शुभ मुहूर्त क्या है.

मकर संक्रांति की तिथि और शुभ मुहूर्त : साल 2023 में मकर संक्रांति की तिथि (Makar Sankranti 2023 Date) में बदलाव है. अगले साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को ना होकर 15 जनवरी 2023 रविवार को है. ऐसे में मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजे तक है. मकर संक्रांति पर पुण्य काल (Makar Sankranti Punya Kaal) की कुल अवधि 10 घंटे 31 मिनट की है. जबकि महा पुण्य काल (Makar Sankranti Maha Punya Kaal) की कुल अवधि 1 घंटा 45 मिनट की है.

मकर संक्रांति का महत्व Importance of Makar Sankranti हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं. यानी सूर्य देव जब बृहस्पति की राशि धनु से शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं. तो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. यही वजह है कि इस पर्व को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य के धनु राशि से मकर राशि पर जाने का महत्व इसलिए बढ़ जाता है. क्‍योंकि इस वक्त सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है. उत्तरायण देवताओं का दिन माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन कई स्थानों पर खिचड़ी और दही चूड़ा खाने की भी परंपरा है.

मकर संक्रांति में क्या करें दान : मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान, दान, और पुण्य का विशेष महत्व है. इस दिन लोग गुड़ और तिल लगाकर किसी पावन नदी में स्नान करते हैं. इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करने के बाद उनकी पूजा की जाती हैं. उनसे अपने अच्छे भविष्य के लिए प्रार्थना की जाती है. इसके बाद गुड़, तिल, कम्बल, फल का दान किया जाता है. इस दिन कई जगह पर पतंग भी उड़ाई जाती है. साथ ही इस दिन तीली से बने व्यंजन का सेवन किया जाता है.

Makar sankranti 2023 मकर संक्रांति पर्व को पूरे देश में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है. वहीं कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्य में मकर संक्रांति को पोंगल (Pongal 2023), बिहार और उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी (Khichdi 2023) के नाम से मनाया जाता है. साल 2023 में मकर संक्रांति की तिथि (Makar Sankranti 2023 Date) को लेकर थोड़ी संशय की स्थिति है. हर साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है. लेकिन आने वाले साल में इसकी तिथि में बदलाव है. आइए जानते हैं कि नए साल 2023 में मकर संक्रांति की सही तिथि, शुभ मुहूर्त क्या है.

मकर संक्रांति की तिथि और शुभ मुहूर्त : साल 2023 में मकर संक्रांति की तिथि (Makar Sankranti 2023 Date) में बदलाव है. अगले साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को ना होकर 15 जनवरी 2023 रविवार को है. ऐसे में मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजे तक है. मकर संक्रांति पर पुण्य काल (Makar Sankranti Punya Kaal) की कुल अवधि 10 घंटे 31 मिनट की है. जबकि महा पुण्य काल (Makar Sankranti Maha Punya Kaal) की कुल अवधि 1 घंटा 45 मिनट की है.

मकर संक्रांति का महत्व Importance of Makar Sankranti हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं. यानी सूर्य देव जब बृहस्पति की राशि धनु से शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं. तो मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. यही वजह है कि इस पर्व को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य के धनु राशि से मकर राशि पर जाने का महत्व इसलिए बढ़ जाता है. क्‍योंकि इस वक्त सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है. उत्तरायण देवताओं का दिन माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन कई स्थानों पर खिचड़ी और दही चूड़ा खाने की भी परंपरा है.

मकर संक्रांति में क्या करें दान : मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान, दान, और पुण्य का विशेष महत्व है. इस दिन लोग गुड़ और तिल लगाकर किसी पावन नदी में स्नान करते हैं. इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करने के बाद उनकी पूजा की जाती हैं. उनसे अपने अच्छे भविष्य के लिए प्रार्थना की जाती है. इसके बाद गुड़, तिल, कम्बल, फल का दान किया जाता है. इस दिन कई जगह पर पतंग भी उड़ाई जाती है. साथ ही इस दिन तीली से बने व्यंजन का सेवन किया जाता है.

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