रायपुर : प्रदेश में करंट लगने से हाथियों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मामले को लेकर भारत सरकार गंभीर है और हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश से छत्तीसगढ़ की बिजली वितरण कंपनी को तगड़ा झटका लगा है.
आदेश में मंत्रालय ने प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया है कि 'वन क्षेत्र में जमीन के नजदीक से गुजर रहे बिजली के तारों को ऊपर करने का काम किया जाए और इसका खर्चा भी विद्युत वितरण कंपनी ही उठाए'.अनुमान के मुताबिक जिसका खर्च लगभग 1674 करोड़ रुपए होगा.
करंट से हर साल कई हाथियों की मौत
सामाजिक कार्यकर्ता और पशु प्रेमी नितिन सिंघवी ने उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने पिछले 18 वर्षों में 44 हाथियों की मौत करंट लगने की जानकारी दी थी. सिंघवी ने बताया था कि 'वन क्षेत्र में बिजली के तारों की ऊंचाई कम होने के कारण हर साल कई हाथियों की मौत करंट लगने से होती है.
सिंघवी की लगाई गई जनहित याचिका के परिपेक्ष में उच्च न्यायालय ने बिजली के तारों को ठीक करने के लिए शासन को आदेश दिया था.
वन विभाग को राशि उपलब्ध कराने को कहा गया
जिसके बाद विद्युत वितरण कंपनी ने वन विभाग को इस काम के लिए 1674 करोड़ का स्टीमेट बनाकर दे दिया. जिसके अंतर्गत 810 किलोमीटर 33 केवी लाइन और 3976 किलोमीटर एलटी लाइन की ऊंचाई बढ़ाने और उसमें एबी केबल लगाने का काम किया जाना था. इस काम के लिए 1674 करोड़ रुपए की मांग के लिए छत्तीसगढ़ शासन ऊर्जा विभाग ने वन विभाग को पत्र लिखकर राशि उपलब्ध कराने के लिए कहा था.
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वन विभाग ने जाहिर की असमर्थता
बिजली वितरण कंपनी को लगा कि वन विभाग की ओर से इस राशि का भुगतान किया जाएगा. उसके बाद वन क्षेत्र में बिजली के तारों को ऊपर करने का काम शुरू कर दिया जाएगा. लेकिन वन विभाग ने इस राशि को उपलब्ध कराने में अपनी असमर्थता जाहिर की और इसके लिए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई.
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बिजली वितरण कंपनी को बताया जिम्मेदार
जिसके बाद केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय और NGT के कई आदेशों का हवाला देते हुए वन विभाग को लिखा कि 'राशि विद्युत वितरण कंपनी और राज्य शासन को मुहैया करानी चाहिए' साथ ही हाथियों की करंट से हो रही मौतों के लिए वितरण कंपनी को पूरी तरह से जिम्मेदार बताया है.
बिजली विभाग की ओर से नहीं आया जवाब
पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) अतुल शुक्ला ने ETV भारत से टेलिफोनिक चर्चा के दौरान बताया 'हाल ही में यह आदेश जारी हुआ है इसके बाद अभी बिजली विरतण कंपनी ओर से कोई जवाब नहीं आया है. जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.