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बिजली वितरण कंपनी को 1674 करोड़ का झटका

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बिजली वितरण कंपनी को करंट से हाथियों की हो रही मौत को लेकर निर्देशित किया है.

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Published : Nov 19, 2019, 7:17 AM IST

Updated : Nov 19, 2019, 10:22 AM IST

रायपुर : प्रदेश में करंट लगने से हाथियों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मामले को लेकर भारत सरकार गंभीर है और हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश से छत्तीसगढ़ की बिजली वितरण कंपनी को तगड़ा झटका लगा है.

बिजली विभाग को 1674 करोड़ का झटका

आदेश में मंत्रालय ने प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया है कि 'वन क्षेत्र में जमीन के नजदीक से गुजर रहे बिजली के तारों को ऊपर करने का काम किया जाए और इसका खर्चा भी विद्युत वितरण कंपनी ही उठाए'.अनुमान के मुताबिक जिसका खर्च लगभग 1674 करोड़ रुपए होगा.

major setback to power distribution company of Chhattisgarh
बिजली वितरण कंपनी को निर्देश

करंट से हर साल कई हाथियों की मौत

सामाजिक कार्यकर्ता और पशु प्रेमी नितिन सिंघवी ने उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने पिछले 18 वर्षों में 44 हाथियों की मौत करंट लगने की जानकारी दी थी. सिंघवी ने बताया था कि 'वन क्षेत्र में बिजली के तारों की ऊंचाई कम होने के कारण हर साल कई हाथियों की मौत करंट लगने से होती है.

सिंघवी की लगाई गई जनहित याचिका के परिपेक्ष में उच्च न्यायालय ने बिजली के तारों को ठीक करने के लिए शासन को आदेश दिया था.

major setback to power distribution company of Chhattisgarh
बिजली वितरण कंपनी को निर्देश

वन विभाग को राशि उपलब्ध कराने को कहा गया

जिसके बाद विद्युत वितरण कंपनी ने वन विभाग को इस काम के लिए 1674 करोड़ का स्टीमेट बनाकर दे दिया. जिसके अंतर्गत 810 किलोमीटर 33 केवी लाइन और 3976 किलोमीटर एलटी लाइन की ऊंचाई बढ़ाने और उसमें एबी केबल लगाने का काम किया जाना था. इस काम के लिए 1674 करोड़ रुपए की मांग के लिए छत्तीसगढ़ शासन ऊर्जा विभाग ने वन विभाग को पत्र लिखकर राशि उपलब्ध कराने के लिए कहा था.

पढ़ें : बलरामपुर: दंतैल हाथी का मिला शव

वन विभाग ने जाहिर की असमर्थता

बिजली वितरण कंपनी को लगा कि वन विभाग की ओर से इस राशि का भुगतान किया जाएगा. उसके बाद वन क्षेत्र में बिजली के तारों को ऊपर करने का काम शुरू कर दिया जाएगा. लेकिन वन विभाग ने इस राशि को उपलब्ध कराने में अपनी असमर्थता जाहिर की और इसके लिए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई.

पढ़ें :सूरजपुर : हाथी बने 'काल', बाजार से लौट रही महिला हुई शिकार

बिजली वितरण कंपनी को बताया जिम्मेदार

जिसके बाद केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय और NGT के कई आदेशों का हवाला देते हुए वन विभाग को लिखा कि 'राशि विद्युत वितरण कंपनी और राज्य शासन को मुहैया करानी चाहिए' साथ ही हाथियों की करंट से हो रही मौतों के लिए वितरण कंपनी को पूरी तरह से जिम्मेदार बताया है.

बिजली विभाग की ओर से नहीं आया जवाब

पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) अतुल शुक्ला ने ETV भारत से टेलिफोनिक चर्चा के दौरान बताया 'हाल ही में यह आदेश जारी हुआ है इसके बाद अभी बिजली विरतण कंपनी ओर से कोई जवाब नहीं आया है. जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

रायपुर : प्रदेश में करंट लगने से हाथियों की मौत की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मामले को लेकर भारत सरकार गंभीर है और हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश से छत्तीसगढ़ की बिजली वितरण कंपनी को तगड़ा झटका लगा है.

बिजली विभाग को 1674 करोड़ का झटका

आदेश में मंत्रालय ने प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया है कि 'वन क्षेत्र में जमीन के नजदीक से गुजर रहे बिजली के तारों को ऊपर करने का काम किया जाए और इसका खर्चा भी विद्युत वितरण कंपनी ही उठाए'.अनुमान के मुताबिक जिसका खर्च लगभग 1674 करोड़ रुपए होगा.

major setback to power distribution company of Chhattisgarh
बिजली वितरण कंपनी को निर्देश

करंट से हर साल कई हाथियों की मौत

सामाजिक कार्यकर्ता और पशु प्रेमी नितिन सिंघवी ने उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने पिछले 18 वर्षों में 44 हाथियों की मौत करंट लगने की जानकारी दी थी. सिंघवी ने बताया था कि 'वन क्षेत्र में बिजली के तारों की ऊंचाई कम होने के कारण हर साल कई हाथियों की मौत करंट लगने से होती है.

सिंघवी की लगाई गई जनहित याचिका के परिपेक्ष में उच्च न्यायालय ने बिजली के तारों को ठीक करने के लिए शासन को आदेश दिया था.

major setback to power distribution company of Chhattisgarh
बिजली वितरण कंपनी को निर्देश

वन विभाग को राशि उपलब्ध कराने को कहा गया

जिसके बाद विद्युत वितरण कंपनी ने वन विभाग को इस काम के लिए 1674 करोड़ का स्टीमेट बनाकर दे दिया. जिसके अंतर्गत 810 किलोमीटर 33 केवी लाइन और 3976 किलोमीटर एलटी लाइन की ऊंचाई बढ़ाने और उसमें एबी केबल लगाने का काम किया जाना था. इस काम के लिए 1674 करोड़ रुपए की मांग के लिए छत्तीसगढ़ शासन ऊर्जा विभाग ने वन विभाग को पत्र लिखकर राशि उपलब्ध कराने के लिए कहा था.

पढ़ें : बलरामपुर: दंतैल हाथी का मिला शव

वन विभाग ने जाहिर की असमर्थता

बिजली वितरण कंपनी को लगा कि वन विभाग की ओर से इस राशि का भुगतान किया जाएगा. उसके बाद वन क्षेत्र में बिजली के तारों को ऊपर करने का काम शुरू कर दिया जाएगा. लेकिन वन विभाग ने इस राशि को उपलब्ध कराने में अपनी असमर्थता जाहिर की और इसके लिए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई.

पढ़ें :सूरजपुर : हाथी बने 'काल', बाजार से लौट रही महिला हुई शिकार

बिजली वितरण कंपनी को बताया जिम्मेदार

जिसके बाद केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय और NGT के कई आदेशों का हवाला देते हुए वन विभाग को लिखा कि 'राशि विद्युत वितरण कंपनी और राज्य शासन को मुहैया करानी चाहिए' साथ ही हाथियों की करंट से हो रही मौतों के लिए वितरण कंपनी को पूरी तरह से जिम्मेदार बताया है.

बिजली विभाग की ओर से नहीं आया जवाब

पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) अतुल शुक्ला ने ETV भारत से टेलिफोनिक चर्चा के दौरान बताया 'हाल ही में यह आदेश जारी हुआ है इसके बाद अभी बिजली विरतण कंपनी ओर से कोई जवाब नहीं आया है. जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Intro:रायपुर। प्रदेश में लगातार बिजली के करंट लगने से हाथियों की मौत की संख्या बढ़ती जा रही है इस मामले को लेकर भारत सरकार गंभीर है और हाल ही में भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है जिसमें छत्तीसगढ़ की वितरण कंपनी को तगड़ा झटका लगा है




Body:आदेश में मंत्रालय ने प्रदेश के विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया है वन क्षेत्र में जमीन के नजदीक से गुजर रहे बिजली के तारों को ऊपर करने का काम किया जाए और इसका व्यय भी विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा उठाए जाने के आदेश जारी किए गए हैं अनुमान के मुताबिक जिसका खर्च लगभग 1674 करोड़ रुपए होगा।

सामाजिक कार्यकर्ता और पशु प्रेमी नितिन सिंघवी ने उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका लगाई थी जिसमें उन्होंने पिछले 18 वर्षों में 44 हाथियों की मौत बिजली करंट से होने की जानकारी दी थी सिंघवी ने बताया था कि वन क्षेत्र में बिजली के तारों की ऊंचाई कम होने के कारण प्रतिवर्ष कई हाथियों की मौत करंट लगने से होती है

सिंघवी द्वारा लगाई गई जनहित याचिका के परिपेक्ष में उच्च न्यायालय ने इसे ठीक करने के लिए शासन को आदेश दिया था
वाइट नितिन सिंघवी सामाजिक कार्यकर्ता एवं पशु प्रेमी

जिसके बाद विद्युत वितरण कंपनी ने वन विभाग को इस काम के लिए 1674 करोड़ का स्टीमेट बनाकर दे दिया जिसके अंतर्गत 810 किलोमीटर 33 केवी लाइन और 3976 किलोमीटर एलटी लाइन की ऊंचाई बढ़ाने और उसमें एबी केबल लगाने का काम किया जाना था इस काम के लिए 1674 रुपए की मांग के लिए छत्तीसगढ़ शासन ऊर्जा विभाग ने वन विभाग को पत्र लिखकर राशि उपलब्ध कराने के लिए कहा था ।

विद्युत विभाग को लगाता है कि वन विभाग की ओर से इस राशि का भुगतान किया जाएगा उसके बाद वन क्षेत्र में बिजली के तारों को ऊपर करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन वन विभाग ने इस राशि को उपलब्ध कराने में अपनी असमर्थता जाहिर की और इसके लिए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई

जिसके बाद केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय और एनजीटी के कई आदेशों का हवाला देते हुए वन विभाग को लिखा कि राशि विद्युत वितरण कंपनी और राज्य शासन को मुहैया करानी चाहिए साथ ही एनजीटी स्ट्रिक्ट लायबिलिटी के सिद्धांतों का पालन करते हुए हाथियों को विद्युत करंट से हो रही मौतों के लिए वितरण कंपनी को पूरी तरह से जवाबदेही बताया है।

पत्र के साथ इस बात का भी हवाला दिया गया था कि उड़ीसा सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी स्टेट सप्लाई विद्युत करंट से 7 हाथियों की मौत के मामले में 4 करोड़ की पेनाल्टी एनजीटी ने लगाई थी

ऐसे में यह भी साफ है कि यदि छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग की ओर से हाथियों की हो रही करंट से मौतों को रोकने के लिए पहल नहीं की गई तो आने वाले समय में भारी भरकम पेनल्टी भी लगाई जा सकती है। इतना ही नहीं आदेश का पालन न होने पर संबंधित विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही की जा सकती है

पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) अतुल शुक्ला ने ईटीवी भारत से टेलिफोनिक चर्चा के दौरान बताया हाल ही में यह आदेश जारी हुआ है इसके बाद अभी बिजली विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं आया है जवाब आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी

बता दे की केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद बिजली विभाग को जोरदार झटका लगा है क्योंकि बिजली विभाग को उम्मीद थी कि वन विभाग से 1674 करोड़ की राशि लेकर वन क्षेत्र में जमीन के नजदीक के तारों को ऊंचाई पर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा लेकिन अब उन्हें इस काम के लिए खुद ही बजट का इंतजाम करना था




Conclusion:बहरहाल केंद्र सरकार के इस पत्र के बाद जहां एक ओर वन विभाग ने राहत की सांस ली है वहीं यह पत्र बिजली विभाग के लिए गले की हड्डी बन गया है अब उसे अपने बजट में प्रावधान करते हुए वन क्षेत्र में जमीन के नजदीक से गुजर रहे बिजली के तारों को ऊपर करने की व्यवस्था करनी होगी जिससे आने वाले समय में करंट की वजह से हाथियों की मौत ना हो यदि बिजली विभाग इस ओर जल्दी पहल नहीं करता है तो इसका खामियाजा आने वाले समय में विभाग और उनके अधिकारियों को उठाना पड़ सकता है

नोट हाथियों के दल और हाथियों के मौत के फाइल फोटो इस्तेमाल करना है
Last Updated : Nov 19, 2019, 10:22 AM IST
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