रायपुरः हमारे देश का राष्ट्रीय पुष्प कमल है. ऐसे तो किसी भी फूल की तरह कमल के फूल का इस्तेमाल भी पूजा-पाठ में ही होता है. लेकिन कमल के फल का इस्तेमाल खाने में भी किया जाता है. कमल के फल को पोखरा या कमलगट्टा भी कहा जाता है. पोखरा के सूखे बीज कमलगट्टे का इस्तेमाल पूजा-पाठ और मंत्र जाप की माला के रूप में भी होता है. लेकिन यह कमलगट्टा या पोखरा खाने के काम भी आता है. स्वास्थ्य के नजरिये से यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ बेहद पौष्टिक होता है. इसमें पोषक तत्व की भरपूर मात्रा होती है. साथ ही पाचन तंत्र, डायबिटीज, किडनी, प्रजनन क्षमता और दिमाग की क्षमता बढ़ाने में भी यह बेहद फायदेमंद है.
साल भर में एक ही बार आता है यह कमल का फल
इतनी खासियत वाला यह कमल का फल पोखरा या कमलगट्टा साल में एक बार ही कुछ समय के लिए आता है. यह सीजनल फल है. मुख्य रूप से यह सावन के बाद बारिश के महीनों में आता है. इसलिए बाजार में आसानी से नहीं मिलता. इस कारण भी इसकी मांग बनी रहती है. लोग इस फल के आने का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
50 से 100 रुपये दर्जन बिक रहा पोखरा
रायपुर में पोखरा 50 रुपये से 100 रुपये दर्जन की दर से बिक रहा है. इसके व्यापारियों ने बताया कि पोखरे के बीज के अनुसार दाम तय होता है. यदि पोखरे में कम बीज है तो उसका दाम भी कम रहता है. अगर ज्यादा और अच्छे बीज होते हैं तो दाम भी ज्यादा होता है. पोखरे को छीलकर उसमें से बीज निकाला जाता है. उसका बीज भी हरे छिलके से बंद होता है. इसे खाने के लिए इसका छिलका उतारना होता है. लोग इसके मूंगफलीनुमा आकार के सफेद भाग को खाते हैं. खाने में यह बहुत स्वादिष्ट होता है.
स्वास्थ्य के नजरिये से बेहद फायदेमंद है पोखरा
छत्तीसगढ़ में बहुत अधिक कमल पाये जाते हैं. उनमें सबसे ज्यादा नीलकमल पाये जाते हैं. कमल के जो बीजकोष होते हैं, उसे कमलगट्टा कहा जाता है. इसका प्रयोग छत्तीसगढ़ में भाजी के रूप में भी किया जाता है. अगर इसका चिकित्सा के रूप में प्रयोग किया जाए तो इसके इस्तेमाल से यह शरीर के ऊष्मा को अवशोषित करता है. डॉक्टर राजेश सिंह ने इसके कई फायदे गिनाएं हैं. उनका कहना है कि रक्त से संबंधित किसी प्रकार की बीमारियों में यह बेहद फायदेमंद है. ब्लीडिंग डिसऑर्डर्स, वर्टिगो ये ज्यादा प्यास लगने की बीमारी है, उसमें यह काफी फायदेमंद है. अगर बॉडी ज्यादा हीट होती है, तो उसमें भी यह राहत पहुंचाता है. इसके बीज कोष में पाया जाने वाला तत्व बहुत ज्यादा पौष्टिक होता है. टॉनिक के रूप में इसका प्रयोग किया जा सकता है. कई महिलाओं में गर्भपात की समस्या होती है. कई बार तो महिलाओं का गर्भधारण करने के बाद भी गर्भपात हो जाता है, ऐसी स्थिति में कमल का फल फायदेमंद होता है. गर्भधारण करने के कुछ महीने पहले से इसके बीजों का चूर्ण के रूप में प्रयोग कराया जाए तो अबॉर्शन की समस्या नहीं होगी. साथ ही गर्भ का सही से पोषण होगा.