रायपुर: राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 21 जुलाई से दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ (Late Panchayat Teachers Compassionate Association) धरना प्रदर्शन कर रहा है. प्रदर्शनकारी कांग्रेस की बघेल सरकार से शिक्षक अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ का कहना है कि कांग्रेस की सरकार (Congress government) बनते ही शिक्षक अनुकंपा नियुक्ति ( teacher compassionate appointment) का वादा किया गया था. लेकिन सरकार बनने के ढाई साल बाद भी इनको अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई. जिसको लेकर इन लोगों में नाराजगी और गुस्सा देखने को मिल रहा है. सरकार की वादाखिलाफी से तंग आकर पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ प्रदर्शन को मजबूर हैं.
दरअसल, दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड, डीएड और टीईटी की परीक्षा देनी होगी. जिसके आधार पर ही उनको अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित परिवारों के पास दो वक्त की रोजी-रोटी के लिए भी पैसे नहीं है. ऐसे में डीएड, बीएड और टीईटी की परीक्षा कहां से देंगे ?
नियुक्ति के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों का हल्लाबोल, सिर मुंडवाया और जूते पॉलिश किए
प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है, लेकिन साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों का निधन हुआ, उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. यही वजह है कि इन आश्रित परिवारों को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
पूरे प्रदेश में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित हैं जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीएड, बीएड और टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल करते हुए सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय और चर्तुथ श्रेणी या सहायक शिक्षकों के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाए.