रायपुर: कोटवार संघ शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कर रहा है. इसी कड़ी में अभनपुर के गोबरा नवापारा नगर कोटवार संघ एसोसियेशन ने नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपा है.
ज्ञापन में कोटवार संघ के लोगों ने सरकार को चुनाव के पहले किए गए वादे याद दिलाए. ज्ञापन में लिखा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनाव के पहले पाटन के सम्मेलन में घोषणा की थी कि कोटवारों को नियमित कर्मचारी का दर्जा देते हुए मालगुजारी भूमि का भूमिस्वामी अधिकार दिया जाएगा, इसके साथ ही कोटवारों के लिए पद रिक्त होने पर अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान लाने का भी आश्वासन दिया था, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं हो पाया है. इससे प्रदेश के कोटवारों में असंतोष.
कांग्रेस को याद दिलाया चुनावी वादा
ज्ञापन के माध्यम से कोटवारों ने कहा कि चुनाव के दौरान किसानों को 2500 रुपए समर्थन मूल्य में धान खरीदे जाने और शिक्षाकर्मियों के संविलियन का वादा किया था जिसे पूरा किया गया, लेकिन इस ओर कांग्रेस का ध्यान नहीं गया. इससे पहले भी प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा सत्र दौरान दो बार सरकार का ध्यान आकर्षित किया है. बावजूद इसके इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
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कोटवारों का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में उनकी ड्यूटी कोविड-19 क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगाई गई है. इसके साथ ही कोरोना से जुड़े अन्य कार्य भी कराए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना ड्यूटी के दौरान अब तक चार कोटवारों की मौत हो चुकी है, लेकिन अब तक उनके परिवार को न तो आर्थिक सहायता दी जा रही है और न ही कोटवार नियुक्त किया जा रहा है.
कोटवार संघ की मांग
कोटवार संघ का कहना है कि उन्हें चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के रूप में शामिल कर शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने के साथ ही उन्हें मालगुजारी भूमि पर मालिकाना हक दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान क्वॉरेंटाइन सेंटर में ड्यूटी पर लगे कोटवारों का 50 लाख का बीमा, अतिरिक्त भत्ता और सुरक्षा कीट उपलब्ध कराने की बात कही है. वहीं लॉकडाउन के दौरान शहीद हुे परिवार को अनुकंपा नियुक्ति देने की बात कही है.