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क्या है टूलकिट, कैसे यह शब्द राजनीति का जरिया बन गया ? - छत्तीसगढ़ की राजनीति में टूल किट

छत्तीसगढ़ की राजनीति (politics of chhattisgarh) में टूल किट (tool kit) क्या है. इस मुद्दे पर कांग्रेस-बीजेपी में ऐसा क्या हुआ कि मामला अदालत के दरवाजे तक पहुंच गया. आइए जानते हैं टूल किट (tool kit) के बारे में

toolkit became means of politics
क्या होता है टूलकिट
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Published : Sep 22, 2021, 9:30 PM IST

रायपुर/हैदराबाद: देश की राजनीति में टूल किट (tool kit) शब्द इन दिनों सब की जुबान पर है. क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के टूलकिट मामले से देश में काफी बवाल मचा. उसके बाद छत्तीसगढ़ की सियासत (politics of chhattisgarh) में भी टूल किट विवाद छाया रहा. पूरा विवाद 18 मई 2021 से शुरू हुआ जब बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह (Former CM Raman Singh) ने अपने ट्वीटर अकाउंट से कांग्रेस का कथित लेटर पोस्ट किया था. इस पोस्ट के जरिए रमन सिंह ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने इसे कांग्रेस की प्लानिंग बताया था और इसे देश में कोरोना के मद्देनजर माहौल खराब करने वाला बताया. रमन सिंह ने कहा था कि कांग्रेस विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने को लेकर कुंभ का दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड़यंत्र कर रही है. रमन सिंह की तरफ से सोशल मीडिया पर लिखा गया कि 'कोरोना संकट (corona crisis) के समय कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है. विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुंभ का दुष्प्रचार व जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है. महामारी से साथ लड़ने के बजाय कांग्रेस लोगों को आपस में लड़ा रही है.

कांग्रेस ने दर्ज कराई थी FIR

इसी पोस्ट के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भड़क गए. कांग्रेस की तरफ से रायपुर के सिविल लाइन थाने (Civil Line Police Stations Raipur) में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Raman Singh), भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) के खिलाफ FIR दर्ज कराई. NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा की तरफ से यह शिकायत दर्ज कराई गई. जिसमें कांग्रेस पार्टी की इमेज को खराब करने का आरोप लगाया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि डॉक्टर रमन सिंह, संबित पात्रा (Raman Singh, Sambit Patra) और दूसरे बीजेपी नेताओं की तरफ से सोशल मीडिया पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के जाली लेटर हेड पर फेक न्यूज (fake news) फैलाकर देश का माहौल खराब करने की साजिश की गई. जिसके बाद यह मामला पुलिस में पहुंचा. बीजेपी ने रायपुर और फिर प्रदेश के दूसरे जिलों में प्रदर्शन किया. उसके बाद रमन सिंह ने अपना ट्विटर एक्सेस (Twitter Access) देने से इंकार कर दिया. फिर यह मुद्दा अदालत के दरवाजे तक पहुंचा.

क्या होता है टूलकिट?

टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज (Toolkit a digital document) होता है. इसे सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया जाता है. टूलकिट (tool kit) आमतौर पर किसी मुद्दे को लेकर तैयार किया जाता है. उस मुद्दे पर तैयारियों और आगे के रोडमैप का उल्लेख किया जाता है. टूलकिट में संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है. इसे जन आंदोलन बनाने की कोशिश से जुड़ी तमाम सामग्री सूचनाओं के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है. इसमें एक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक तैयारी की जाती है. सोशल मीडिया पर हैशटैग भी चलाया जाता है.सीधे शब्दों में कहें तो एक तरह का नोट या डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें किसी मामले को लेकर कई जानकारी लिखी होती है. इस डॉक्यूमेंट को इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे को भेजा जाता है या सोशल मीडिया पर किसी चीज का प्रचार किया जाता है. इसका इस्तेमाल अक्सर आंदोलन या प्रदर्शन में ज्यादातर होता है. इसमें जानकारी दी जाती है कि भीड़ को कहां इकट्ठा होना है, कौन से नारे लगाने हैं और सोशल मीडिया पर किस हैशटैग के साथ अपनी बात रखनी है और किस तरह से आंदोलन को आगे लेकर जाना है.

रायपुर/हैदराबाद: देश की राजनीति में टूल किट (tool kit) शब्द इन दिनों सब की जुबान पर है. क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के टूलकिट मामले से देश में काफी बवाल मचा. उसके बाद छत्तीसगढ़ की सियासत (politics of chhattisgarh) में भी टूल किट विवाद छाया रहा. पूरा विवाद 18 मई 2021 से शुरू हुआ जब बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह (Former CM Raman Singh) ने अपने ट्वीटर अकाउंट से कांग्रेस का कथित लेटर पोस्ट किया था. इस पोस्ट के जरिए रमन सिंह ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने इसे कांग्रेस की प्लानिंग बताया था और इसे देश में कोरोना के मद्देनजर माहौल खराब करने वाला बताया. रमन सिंह ने कहा था कि कांग्रेस विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने को लेकर कुंभ का दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड़यंत्र कर रही है. रमन सिंह की तरफ से सोशल मीडिया पर लिखा गया कि 'कोरोना संकट (corona crisis) के समय कांग्रेस की बिलो द बेल्ट राजनीति देखकर शर्म आती है. विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने कांग्रेस कुंभ का दुष्प्रचार व जलती लाशों की फोटो दिखाने का षड्यंत्र कर रही है. महामारी से साथ लड़ने के बजाय कांग्रेस लोगों को आपस में लड़ा रही है.

कांग्रेस ने दर्ज कराई थी FIR

इसी पोस्ट के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता भड़क गए. कांग्रेस की तरफ से रायपुर के सिविल लाइन थाने (Civil Line Police Stations Raipur) में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Raman Singh), भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) के खिलाफ FIR दर्ज कराई. NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा की तरफ से यह शिकायत दर्ज कराई गई. जिसमें कांग्रेस पार्टी की इमेज को खराब करने का आरोप लगाया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि डॉक्टर रमन सिंह, संबित पात्रा (Raman Singh, Sambit Patra) और दूसरे बीजेपी नेताओं की तरफ से सोशल मीडिया पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के जाली लेटर हेड पर फेक न्यूज (fake news) फैलाकर देश का माहौल खराब करने की साजिश की गई. जिसके बाद यह मामला पुलिस में पहुंचा. बीजेपी ने रायपुर और फिर प्रदेश के दूसरे जिलों में प्रदर्शन किया. उसके बाद रमन सिंह ने अपना ट्विटर एक्सेस (Twitter Access) देने से इंकार कर दिया. फिर यह मुद्दा अदालत के दरवाजे तक पहुंचा.

क्या होता है टूलकिट?

टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज (Toolkit a digital document) होता है. इसे सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया जाता है. टूलकिट (tool kit) आमतौर पर किसी मुद्दे को लेकर तैयार किया जाता है. उस मुद्दे पर तैयारियों और आगे के रोडमैप का उल्लेख किया जाता है. टूलकिट में संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है. इसे जन आंदोलन बनाने की कोशिश से जुड़ी तमाम सामग्री सूचनाओं के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है. इसमें एक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक तैयारी की जाती है. सोशल मीडिया पर हैशटैग भी चलाया जाता है.सीधे शब्दों में कहें तो एक तरह का नोट या डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें किसी मामले को लेकर कई जानकारी लिखी होती है. इस डॉक्यूमेंट को इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे को भेजा जाता है या सोशल मीडिया पर किसी चीज का प्रचार किया जाता है. इसका इस्तेमाल अक्सर आंदोलन या प्रदर्शन में ज्यादातर होता है. इसमें जानकारी दी जाती है कि भीड़ को कहां इकट्ठा होना है, कौन से नारे लगाने हैं और सोशल मीडिया पर किस हैशटैग के साथ अपनी बात रखनी है और किस तरह से आंदोलन को आगे लेकर जाना है.

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