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'धान का 25 सौ रुपए समर्थन मूल्य न देने का खामियाजा निकाय चुनाव में उठाएगी कांग्रेस'

किसान मोर्चा संघ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर सड़क पर उतर आया है. संघ ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान नहीं खरीदती है, तो इसका खामियाजा सरकार को निकाय चुनाव में उठाना पड़ेगा.

किसान मोर्चा संघ का प्रदर्शन
किसान मोर्चा संघ का प्रदर्शन
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Published : Nov 29, 2019, 1:32 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 2:24 PM IST

रायपुर: धान को 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदने के मामले में अब भूपेश सरकार घिरती नजर आ रही है. एक तरफ जहां सदन में विपक्ष ने सरकार के इस मामले में घेर रखा है, तो दूसरी तरफ किसान संगठन भी भूपेश सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि, 'यदि सरकार 2500 रुपये में धान नहीं खरीदती है तो इसका खामियाजा उन्हें नगरी निकाय चुनाव में उठाना पड़ सकता है'.

धान खरीदी को लेकर विवाद

छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा अध्यक्ष जीपी चंद्राकर का कहना है कि, 'कांग्रेस पार्टी को किसानों ने इस विश्वास के साथ वोट दिया था कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 2500 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा, लेकिन अब सरकार बैकफुट पर आ गई है' .

'श्रेय भी केंद्र सरकार को जाना चाहिए'
चंद्राकर ने कहा कि, 'क्या कांग्रेस को यह नहीं पता था कि केंद्र सरकार किस नियम के तहत धान खरीदती है और यह बात पता होने के बावजूद सरकार ने चुनाव में 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का ऐलान किया था. ऐसे में इसकी व्यवस्था भी कांग्रेस सरकार को करनी चाहिए. यदि केंद्र सरकार धान लेती तो इसका श्रेय भी केंद्र सरकार को जाना था कांग्रेस सरकार का इसमें क्या रोल है'.

'भूपेश सरकार भी भाजपा के तर्ज पर'
सरकार द्वारा कमेटी बनाए जाने पर चंद्राकर ने कहा है कि, 'यह एक बहाना है सरकार किसानों को पैसे देने में देरी करना चाहती है'. चंद्राकर ने कहा कि, 'जिस तरीके से केंद्र की भाजपा सरकार चल रही है अब उसी तर्ज पर प्रदेश की भूपेश सरकार ने भी काम करना शुरू कर दिया है'.

'खामियाजा नगरी निकाय चुनाव में'
वही चंद्राकर ने भूपेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, 'यदि सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर धान नहीं लिया जाता है तो आगे हम इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इतना ही नहीं कांग्रेस को इसका खामियाजा नगरी निकाय चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है'.

क्या है मामला
बता दें कि केंद्र की ओर से तय मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर ही छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्पष्ट किया है कि केंद्र की तय एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस 1850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ही धान की खरीदी की जाएगी. 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के बाद वादे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रीमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है जो यह तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए. इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल हैं.

रायपुर: धान को 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदने के मामले में अब भूपेश सरकार घिरती नजर आ रही है. एक तरफ जहां सदन में विपक्ष ने सरकार के इस मामले में घेर रखा है, तो दूसरी तरफ किसान संगठन भी भूपेश सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि, 'यदि सरकार 2500 रुपये में धान नहीं खरीदती है तो इसका खामियाजा उन्हें नगरी निकाय चुनाव में उठाना पड़ सकता है'.

धान खरीदी को लेकर विवाद

छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा अध्यक्ष जीपी चंद्राकर का कहना है कि, 'कांग्रेस पार्टी को किसानों ने इस विश्वास के साथ वोट दिया था कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 2500 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा, लेकिन अब सरकार बैकफुट पर आ गई है' .

'श्रेय भी केंद्र सरकार को जाना चाहिए'
चंद्राकर ने कहा कि, 'क्या कांग्रेस को यह नहीं पता था कि केंद्र सरकार किस नियम के तहत धान खरीदती है और यह बात पता होने के बावजूद सरकार ने चुनाव में 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का ऐलान किया था. ऐसे में इसकी व्यवस्था भी कांग्रेस सरकार को करनी चाहिए. यदि केंद्र सरकार धान लेती तो इसका श्रेय भी केंद्र सरकार को जाना था कांग्रेस सरकार का इसमें क्या रोल है'.

'भूपेश सरकार भी भाजपा के तर्ज पर'
सरकार द्वारा कमेटी बनाए जाने पर चंद्राकर ने कहा है कि, 'यह एक बहाना है सरकार किसानों को पैसे देने में देरी करना चाहती है'. चंद्राकर ने कहा कि, 'जिस तरीके से केंद्र की भाजपा सरकार चल रही है अब उसी तर्ज पर प्रदेश की भूपेश सरकार ने भी काम करना शुरू कर दिया है'.

'खामियाजा नगरी निकाय चुनाव में'
वही चंद्राकर ने भूपेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, 'यदि सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर धान नहीं लिया जाता है तो आगे हम इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इतना ही नहीं कांग्रेस को इसका खामियाजा नगरी निकाय चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है'.

क्या है मामला
बता दें कि केंद्र की ओर से तय मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर ही छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्पष्ट किया है कि केंद्र की तय एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस 1850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ही धान की खरीदी की जाएगी. 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के बाद वादे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रीमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है जो यह तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए. इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल हैं.

Intro:रायपुर । धान को 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदने के मामले में अब भूपेश सरकार बैकफुट पर आ गई है जिसके बाद जहां एक और भाजपा ने इस मामले को लेकर सरकार पर हमला तेज कर दिया है तो वहीं दूसरी और किसान संगठन भी भूपेश सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार 2500 रुपये में धान नहीं खरीदती है तो इसका खामियाजा उन्हें नगरी निकाय चुनाव में उठाना पड़ सकता है




Body:छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा अध्यक्ष जीपी चंद्राकर का कहना है कि कांग्रेस पार्टी को किसानों ने इस विश्वास के साथ वोट दिया था कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 2500 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा लेकिन अब सरकार बैकफुट पर आ गई है ।

चंद्राकर ने कहा कि क्या कांग्रेस को यह नहीं पता था कि केंद्र सरकार किस नियम के तहत धान खरीदती हैं और यह बात पता होने के बावजूद सरकार ने चुनाव में 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का ऐलान किया था तो ऐसे में इसकी व्यवस्था भी कांग्रेस सरकार को करनी चाहिए यदि केंद्र सरकार धान लेती तो इसका श्रेय भी केंद्र सरकार को जाना था कांग्रेस सरकार का इसमें क्या रोल है।

सरकार द्वारा कमेटी बनाए जाने पर चंद्राकर ने कहा है कि यह एक बहाना है सरकार किसानों को पैसे देने में देरी करना चाहती है चंद्राकर ने कहा कि जिस तरीके से केंद्र की भाजपा सरकार चल रही है अब उसी तर्ज पर प्रदेश की भूपेश सरकार ने भी काम करना शुरू कर दिया है

वही चंद्राकर ने भूपेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार के द्वारा 2500 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर धान नहीं लिया जाता है तो आगे हम इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे इतना ही नहीं कांग्रेस को इसका खामियाजा नगरी निकाय चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है ।
बाइट:- जी पी चंद्राकर ,अध्यक्ष ,छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा




Conclusion:बता दें कि केंद्र की ओर से तय मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर ही छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की जाएगी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्पष्ट किया है कि केंद्र की तय एमएसपी याने मिनिमम सपोर्ट प्राइस 1850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ही धान खरीदी की जाएगी 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के बाद वादे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रीमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है जो यह तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल है
Last Updated : Nov 29, 2019, 2:24 PM IST
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