रायपुर: धान को 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदने के मामले में अब भूपेश सरकार घिरती नजर आ रही है. एक तरफ जहां सदन में विपक्ष ने सरकार के इस मामले में घेर रखा है, तो दूसरी तरफ किसान संगठन भी भूपेश सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि, 'यदि सरकार 2500 रुपये में धान नहीं खरीदती है तो इसका खामियाजा उन्हें नगरी निकाय चुनाव में उठाना पड़ सकता है'.
छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा अध्यक्ष जीपी चंद्राकर का कहना है कि, 'कांग्रेस पार्टी को किसानों ने इस विश्वास के साथ वोट दिया था कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 2500 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा, लेकिन अब सरकार बैकफुट पर आ गई है' .
'श्रेय भी केंद्र सरकार को जाना चाहिए'
चंद्राकर ने कहा कि, 'क्या कांग्रेस को यह नहीं पता था कि केंद्र सरकार किस नियम के तहत धान खरीदती है और यह बात पता होने के बावजूद सरकार ने चुनाव में 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का ऐलान किया था. ऐसे में इसकी व्यवस्था भी कांग्रेस सरकार को करनी चाहिए. यदि केंद्र सरकार धान लेती तो इसका श्रेय भी केंद्र सरकार को जाना था कांग्रेस सरकार का इसमें क्या रोल है'.
'भूपेश सरकार भी भाजपा के तर्ज पर'
सरकार द्वारा कमेटी बनाए जाने पर चंद्राकर ने कहा है कि, 'यह एक बहाना है सरकार किसानों को पैसे देने में देरी करना चाहती है'. चंद्राकर ने कहा कि, 'जिस तरीके से केंद्र की भाजपा सरकार चल रही है अब उसी तर्ज पर प्रदेश की भूपेश सरकार ने भी काम करना शुरू कर दिया है'.
'खामियाजा नगरी निकाय चुनाव में'
वही चंद्राकर ने भूपेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, 'यदि सरकार ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर धान नहीं लिया जाता है तो आगे हम इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इतना ही नहीं कांग्रेस को इसका खामियाजा नगरी निकाय चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है'.
क्या है मामला
बता दें कि केंद्र की ओर से तय मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर ही छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह स्पष्ट किया है कि केंद्र की तय एमएसपी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस 1850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ही धान की खरीदी की जाएगी. 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के बाद वादे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रीमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है जो यह तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए. इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल हैं.