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Kirti Chakra Award: छत्तीसगढ़ के तीन पुलिसकर्मियों को शहादत के बाद कीर्ति चक्र पुरस्कार, जानिए शहीदों की कहानी

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Published : Jan 28, 2023, 10:53 PM IST

Updated : Jan 28, 2023, 11:16 PM IST

देश के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के तीन पुलिसकर्मियों को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है. ये जवान छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ वाले इलाके बस्तर संभाग में तैनात थे. इन जवानों में शहीद उप निरीक्षक दीपक भारद्वाज, शहीद प्रधान आरक्षक सोढ़ी नारायण और शहीद प्रधान आरक्षक श्रवण कश्यप शामिल हैं.

Kirti Chakra to three policemen of Chhattisgarh
तीन पुलिसकर्मियों को शहादत के बाद कीर्ति चक्र

रायपुर: कीर्ति चक्र से सम्मानित तीनों जवान 2021 में नक्सलियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे. उनके साहस और वीरता के चलते तीनों के परिजनों को 26 जनवरी के मौके पर कीर्ति चक्र देकर सम्मानित किया गया.

2021 में हुए थे शहीद: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कीर्ति चक्र के लिए 6 जवानों के नामों का एलान किया था. जिसमें छत्तीसगढ़ के ही तीन जवानों के नाम शामिल हैं. ये जवान 2 अप्रैल 2021 में ग्राम पेद्दागेलूर, टेकलगुड़ेम, जोनागुड़ा, झीरम और बीजापुर के सरहदी क्षेत्र में बड़ी संख्या में सशस्त्र नक्सलियों की उपस्थिति के सूचना पर विशेष अभियान में रवाना हुए थे. तीन अप्रैल 2021 को संयुक्त पुलिस बल ग्राम पेद्दागेलूर और टेकुलगुड़ेम के सघन जंगल,पहाड़ी क्षेत्र में सर्चिंग करते हुये आगे बढ़ रहे थे. उसी समय घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने हमला कर दिया. इस घटना में उनि दीपक भारद्वाज, प्रधान आरक्षक सोढ़ी नारायण और एसटीएफ प्रधान आरक्षक श्रवण कश्यप शहीद हो गए.

माओवादियों ने घात लगाकर किया हमला: सोढ़ी बीजापुर जिले के आवापल्ली क्षेत्र के पुनूर गांव के मूल निवासी थे. जो बस्तर संभाग के अंतर्गत आता है. उनका परिवार वर्तमान में बीजापुर कस्बे में रहता है. वे छत्तीसगढ़ पुलिस की जिला रिजर्व गार्ड (DRG) इकाई में एक हेड कांस्टेबल थे. 2021 में बीजापुर जिले में माओवादियों ने घात लगाकर उनपर हमला किया. जिसमें वह शहीद हो गए. इसी घटना में शहीद हुए दो और पुलिस कर्मियों सब-इंस्पेक्टर दीपक भारद्वाज और हेड कांस्टेबल श्रवण कश्यप भी शामिल हैं. भारद्वाज और सोढ़ी राज्य के अग्रिम पंक्ति के नक्सल विरोधी बल डीआरजी से जुड़े थे. जबकि कश्यप विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का हिस्सा थे.

परिवार वीरता पुरस्कार के बारे में जानकर भावुक हो गया: शहीद उपनिरीक्षक दीपक भारद्वाज का परिवार वीरता पुरस्कार के बारे में जानकर भावुक हो गया. उनके पिता राधेलाल ने कहा कि "मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं एक शहीद का पिता हूँ. मैं उनके लिए आंसू नहीं बहाता, क्योंकि उन्होंने जो किया है उसे करने के लिए साहस और वीरता की आवश्यकता है. यह वास्तव में एक शहीद के पिता और पूरे गांव के लिए गर्व का क्षण है." भारद्वाज परिवार नवगठित सक्ती जिले के पिहरीद गांव का रहने वाला हैं. कीर्ति चक्र से सम्मानित श्रवण कश्यप बस्तर जिले के नगरनार क्षेत्र के बनियागांव गांव के रहने वाले हैं.

यह भी पढ़ें: State Level Youth Festival 2023: करमा नृत्य ने मोह लिया सबका मन, प्रतियोगिता मेंं पहले स्थान पर रही रायगढ़ की टीम

पुलिस महानिरीक्षक ने कही ये बात: ये तीनों ही जवान 3 अप्रैल 2021 को बीजापुर जिले के जोनागुडा और तेकुलगुडेम गांवों के बीच माओवादी घात में मारे गए 22 सुरक्षाकर्मियों में शामिल थे. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि "यह सम्मान उन हजारों बहादुर सैनिकों के लिए मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में काम करेगा. जो नक्सलियों के खिलाफ लड़ रहे हैं और बस्तर क्षेत्र की शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने इस घटना में अपने वीर जवानों को खो दिया. लेकिन उनके वीरतापूर्ण कार्य को मरणोपरांत कीर्ति चक्र देकर सम्मानित किया गया था."

रायपुर: कीर्ति चक्र से सम्मानित तीनों जवान 2021 में नक्सलियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे. उनके साहस और वीरता के चलते तीनों के परिजनों को 26 जनवरी के मौके पर कीर्ति चक्र देकर सम्मानित किया गया.

2021 में हुए थे शहीद: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कीर्ति चक्र के लिए 6 जवानों के नामों का एलान किया था. जिसमें छत्तीसगढ़ के ही तीन जवानों के नाम शामिल हैं. ये जवान 2 अप्रैल 2021 में ग्राम पेद्दागेलूर, टेकलगुड़ेम, जोनागुड़ा, झीरम और बीजापुर के सरहदी क्षेत्र में बड़ी संख्या में सशस्त्र नक्सलियों की उपस्थिति के सूचना पर विशेष अभियान में रवाना हुए थे. तीन अप्रैल 2021 को संयुक्त पुलिस बल ग्राम पेद्दागेलूर और टेकुलगुड़ेम के सघन जंगल,पहाड़ी क्षेत्र में सर्चिंग करते हुये आगे बढ़ रहे थे. उसी समय घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने हमला कर दिया. इस घटना में उनि दीपक भारद्वाज, प्रधान आरक्षक सोढ़ी नारायण और एसटीएफ प्रधान आरक्षक श्रवण कश्यप शहीद हो गए.

माओवादियों ने घात लगाकर किया हमला: सोढ़ी बीजापुर जिले के आवापल्ली क्षेत्र के पुनूर गांव के मूल निवासी थे. जो बस्तर संभाग के अंतर्गत आता है. उनका परिवार वर्तमान में बीजापुर कस्बे में रहता है. वे छत्तीसगढ़ पुलिस की जिला रिजर्व गार्ड (DRG) इकाई में एक हेड कांस्टेबल थे. 2021 में बीजापुर जिले में माओवादियों ने घात लगाकर उनपर हमला किया. जिसमें वह शहीद हो गए. इसी घटना में शहीद हुए दो और पुलिस कर्मियों सब-इंस्पेक्टर दीपक भारद्वाज और हेड कांस्टेबल श्रवण कश्यप भी शामिल हैं. भारद्वाज और सोढ़ी राज्य के अग्रिम पंक्ति के नक्सल विरोधी बल डीआरजी से जुड़े थे. जबकि कश्यप विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का हिस्सा थे.

परिवार वीरता पुरस्कार के बारे में जानकर भावुक हो गया: शहीद उपनिरीक्षक दीपक भारद्वाज का परिवार वीरता पुरस्कार के बारे में जानकर भावुक हो गया. उनके पिता राधेलाल ने कहा कि "मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं एक शहीद का पिता हूँ. मैं उनके लिए आंसू नहीं बहाता, क्योंकि उन्होंने जो किया है उसे करने के लिए साहस और वीरता की आवश्यकता है. यह वास्तव में एक शहीद के पिता और पूरे गांव के लिए गर्व का क्षण है." भारद्वाज परिवार नवगठित सक्ती जिले के पिहरीद गांव का रहने वाला हैं. कीर्ति चक्र से सम्मानित श्रवण कश्यप बस्तर जिले के नगरनार क्षेत्र के बनियागांव गांव के रहने वाले हैं.

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पुलिस महानिरीक्षक ने कही ये बात: ये तीनों ही जवान 3 अप्रैल 2021 को बीजापुर जिले के जोनागुडा और तेकुलगुडेम गांवों के बीच माओवादी घात में मारे गए 22 सुरक्षाकर्मियों में शामिल थे. बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि "यह सम्मान उन हजारों बहादुर सैनिकों के लिए मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में काम करेगा. जो नक्सलियों के खिलाफ लड़ रहे हैं और बस्तर क्षेत्र की शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने इस घटना में अपने वीर जवानों को खो दिया. लेकिन उनके वीरतापूर्ण कार्य को मरणोपरांत कीर्ति चक्र देकर सम्मानित किया गया था."

Last Updated : Jan 28, 2023, 11:16 PM IST
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