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Shanivar Vrat: शनिवार को हनुमानजी की पूजा से खुश होते हैं शनिदेव

Shani Dev pooja शनिवार का व्रत करने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है.अगर आप भी शनिवार का व्रत करने जा रहे हैं तो इन खास बातों का ध्यान रखें. खास विधि से शनिदेव की पूजा के बाद दान करने से शनिदेव की कृपा बनी रहती है.saturday vrat

Shanivar Vrat
शनिदेव की पूजा अर्चना
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Published : May 5, 2023, 6:27 PM IST

Updated : May 6, 2023, 6:10 AM IST

पंडित विनीत शर्मा

रायपुर: शनि देव सूर्य पुत्र हैं. शनिदेव कश्यप गोत्र कृष्ण वर्ण यमुना और यम के बड़े भाई हैं. शनि देव न्याय के देवता हैं. जो मनुष्य को कर्म करने के लिए प्रेरित करते हैं. शनि देवता पुरुषार्थ, श्रम और साहस के प्रतीक हैं. शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं. शनि ग्रह तुला राशि में उच्च का होता हैं. मेष राशि में नीच का माना जाता है.

हनुमानजी की पूजा से होते हैं शनि प्रसन्न: हनुमान जी की साधना करने पर भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं. हनुमान चालीसा, बजरंग बाण आदि का पाठ करने पर शनि देवता प्रसन्न होते हैं. शनिदेव श्याम वर्ण के हैं. शनिवार का उपवास शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार से शुरू करना चाहिए. शनि देवता जीवन में साहस, संकल्प, प्रतिज्ञा और कर्म की वृद्धि कराते हैं. जीवन को परिश्रम रूपी सौंदर्य से विभूषित करते हैं.

ऐसे करें शनि व्रत की शुरुआत: शनिवार के दिन स्नान के बाद शनि मंदिर जाकर इस व्रत को शुरू करना चाहिए. पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर इस व्रत को शुरू किया जाता है. शनिवार के दिन शनि देवता को तेल चढ़ाने का विधान है. आठ का संबंध शनि देवता से माना गया है. अतः 8 के गुणनफल में शनि देवता को तेल चढ़ाया जाता है. यह तेल सरसों अथवा अलसी के भी हो सकते हैं. श्याम वर्ण के तेल को चढ़ाए जाने पर शनि देवता प्रसन्न होते हैं. इस दिन नीले अथवा काले वस्त्र पहनकर उत्साह के साथ व्रत करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Friday Vrat शुक्रवार को करें वैभवलक्ष्मी व्रत, इस विधि से करें पूजन

इन चीजों का करें दान: शनिवार के दिन शनि देवता को उड़द की दाल, काले तिल, सरसों का तेल, तिल का तेल या फिर अलसी का तेल अर्पित किया जाता है. शनिदेव दान से बेहद प्रसन्न होते हैं. शनि देवता को प्रसन्न करने के लिए जरूरतमंदों को काला तिल, काला उड़द, काले छाते, चप्पल, जूते, काली कलम, काली दवात आदि चीजों का दान किया जाता है. इस दिन दिव्यांगजनों को कृत्रिम पैर आदि दान करना भी शुभ माना गया है. इससे शनि देवता बहुत प्रसन्न होते हैं. इस दिन अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सम्मान देना चाहिए. इस दिन दिव्यांगों को विशेष सम्मान देने से न्याय के देवता शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

इस चीजों का करें सेवन: शनिवार के दिन काली खिचड़ी, काली उड़द की दाल के पराठे का सेवन करना चाहिए. शनि देव की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि सूर्यास्त के बाद ही शनिदेव की पूजा करने से फल मिलता है. इस दिन शनि चालीसा, शनि सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड, रामचरितमानस, हनुमान बाहुक, हनुमान अष्टक, हनुमान जी की आरती करने से शनिदेव बहुत प्रसन्न होते हैं. ऐसी मान्यता है कि हनुमान भक्तों को शनि का नकारात्मक प्रभाव बहुत कम पड़ता है.

शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव: वर्तमान में मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है. कर्क राशि और वृश्चिक राशि के जातकों को शनि का अढैया लगा हुआ है. ऐसे जातकों को सूक्ष्म जीवों, मछलियों और चीटियों को भोजन कराना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. सफाई कर्मचारियों, सेवादारों को भी शनिवार के दिन सम्मानित किया जाता है. श्याम वर्ण के गाय और श्याम वर्ण के श्वान को रोटी में तेल लगाकर देने से लाभ मिलता है. शनि मंदिर में या पीपल के पेड़ में खासकर जड़ में सरसों और तिल के तेल से दीपक जलाना चाहिए.

पंडित विनीत शर्मा

रायपुर: शनि देव सूर्य पुत्र हैं. शनिदेव कश्यप गोत्र कृष्ण वर्ण यमुना और यम के बड़े भाई हैं. शनि देव न्याय के देवता हैं. जो मनुष्य को कर्म करने के लिए प्रेरित करते हैं. शनि देवता पुरुषार्थ, श्रम और साहस के प्रतीक हैं. शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं. शनि ग्रह तुला राशि में उच्च का होता हैं. मेष राशि में नीच का माना जाता है.

हनुमानजी की पूजा से होते हैं शनि प्रसन्न: हनुमान जी की साधना करने पर भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं. हनुमान चालीसा, बजरंग बाण आदि का पाठ करने पर शनि देवता प्रसन्न होते हैं. शनिदेव श्याम वर्ण के हैं. शनिवार का उपवास शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार से शुरू करना चाहिए. शनि देवता जीवन में साहस, संकल्प, प्रतिज्ञा और कर्म की वृद्धि कराते हैं. जीवन को परिश्रम रूपी सौंदर्य से विभूषित करते हैं.

ऐसे करें शनि व्रत की शुरुआत: शनिवार के दिन स्नान के बाद शनि मंदिर जाकर इस व्रत को शुरू करना चाहिए. पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर इस व्रत को शुरू किया जाता है. शनिवार के दिन शनि देवता को तेल चढ़ाने का विधान है. आठ का संबंध शनि देवता से माना गया है. अतः 8 के गुणनफल में शनि देवता को तेल चढ़ाया जाता है. यह तेल सरसों अथवा अलसी के भी हो सकते हैं. श्याम वर्ण के तेल को चढ़ाए जाने पर शनि देवता प्रसन्न होते हैं. इस दिन नीले अथवा काले वस्त्र पहनकर उत्साह के साथ व्रत करना चाहिए.

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इन चीजों का करें दान: शनिवार के दिन शनि देवता को उड़द की दाल, काले तिल, सरसों का तेल, तिल का तेल या फिर अलसी का तेल अर्पित किया जाता है. शनिदेव दान से बेहद प्रसन्न होते हैं. शनि देवता को प्रसन्न करने के लिए जरूरतमंदों को काला तिल, काला उड़द, काले छाते, चप्पल, जूते, काली कलम, काली दवात आदि चीजों का दान किया जाता है. इस दिन दिव्यांगजनों को कृत्रिम पैर आदि दान करना भी शुभ माना गया है. इससे शनि देवता बहुत प्रसन्न होते हैं. इस दिन अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को सम्मान देना चाहिए. इस दिन दिव्यांगों को विशेष सम्मान देने से न्याय के देवता शनिदेव प्रसन्न होते हैं.

इस चीजों का करें सेवन: शनिवार के दिन काली खिचड़ी, काली उड़द की दाल के पराठे का सेवन करना चाहिए. शनि देव की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि सूर्यास्त के बाद ही शनिदेव की पूजा करने से फल मिलता है. इस दिन शनि चालीसा, शनि सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड, रामचरितमानस, हनुमान बाहुक, हनुमान अष्टक, हनुमान जी की आरती करने से शनिदेव बहुत प्रसन्न होते हैं. ऐसी मान्यता है कि हनुमान भक्तों को शनि का नकारात्मक प्रभाव बहुत कम पड़ता है.

शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव: वर्तमान में मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों को शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है. कर्क राशि और वृश्चिक राशि के जातकों को शनि का अढैया लगा हुआ है. ऐसे जातकों को सूक्ष्म जीवों, मछलियों और चीटियों को भोजन कराना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. सफाई कर्मचारियों, सेवादारों को भी शनिवार के दिन सम्मानित किया जाता है. श्याम वर्ण के गाय और श्याम वर्ण के श्वान को रोटी में तेल लगाकर देने से लाभ मिलता है. शनि मंदिर में या पीपल के पेड़ में खासकर जड़ में सरसों और तिल के तेल से दीपक जलाना चाहिए.

Last Updated : May 6, 2023, 6:10 AM IST
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