रायपुर: छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टर्स ((chhattisgarh junior doctors) 27 नवंबर से काउंसलिंग और अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे थे. उन्होंने आज अपनी हड़ताल 7 दिन के लिए स्थगित कर दी है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि सरकार ने हमारी 4 मांगों में से 2 मांग मान ली है. हम चाहते हैं कि हमारी चारों मांगें सरकार मान ले अन्यथा 7 दिन बाद हम दोबारा स्ट्राइक पर जा सकते हैं. हमने 7 दिन की स्ट्राइक दिवंगत सीडीएस विपिन रावत के डेथ होने की वजह से स्थगित की है.
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बता दें कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. वहीं जूनियर डॉक्टरों द्वारा इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी गई थी. जिससे समस्याएं और बढ़ गई थी. अब हड़ताल स्थगित होने की वजह से लोगों को समस्याएं कम होंगी.
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन वाइस प्रेसिडेंट डॉ. दीपक गुप्ता ने बताया कि मरीजों के हित को ध्यान में रखते हुए और हमारे अथॉरिटी से जो हमारी बात हुई है. उन सब के बाद हमने आज हमने अपना स्ट्राइक स्थगित करने का निर्णय लिया है. लेकिन हमारी जो बहुत सारी मांगें है वह अधूरी रह गई है. हम राज्य सरकार से उम्मीद करते हैं कि उसे जल्द से जल्द पूरा करे.
जूनियर डॉक्टरों की मांगें
• पीजी करने के बाद जो 2 साल का बॉन्ड करवाया जाता है जो दूसरे राज्यों में नहीं है. उसको खत्म करके 1 साल किया जाए और मेडिकल कॉलेज में पोस्टिंग दी जाए.
• कोविड काल के समय जो मानदेय दिया जा रहा है वह अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है. हम राज्य सरकार से चाहते है कि मानदेय भी अन्य राज्यों के समान किया जाए.
- बॉन्ड भरने के बाद जूनियर डॉक्टरों गांव में जाते हैं अगर हमारा डीएम और एमसीएच के लिए सिलेक्शन होता तो हमें जो 25 लाख का बॉन्ड भराया जाता है उसको कम किया जाए. छात्र हायर स्टडी के लिए बाहर जा सके और वापस आकर राज्य में अपनी सेवाएं दे सके.
• नेट पीजी का काउंसलिंग लेट होती है उसका निपटारा करें और उसका नियम सरल करे.
हमारी यह चार प्रमुख मांगे को लेकर हम 15 दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से मुलाकात की थी. उन्होंने हमारी बातों को बहुत अच्छे समझा था और इसमें से हमारे दो मांगों को मान लिया गया है.