रांची: छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने उनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी.
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दरअसल, भाजपा नेता ब्रह्मानंद नेताम (BJP leader Brahmanand Netam) पर जमशेदपुर में नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म और देह व्यापार में धकेलने का आरोप था. छत्तीसगढ़ के कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस मामले को उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि जब झारखंड में रघुवर दास के नेतृत्व में सरकार थी, उसी समय ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ टेल्को थाना में 84/2019 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इसी मामले में जमशेदपुर पुलिस की एक टीम छत्तीसगढ़ के कांकेर में भी गई थी. उस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने ब्रह्मानंद नेताम से संपर्क करने की कोशिश की थी लेकिन उनका फोन स्वीच ऑफ था. तब जमशेदपुर के एसपी प्रभात कुमार ने भी पुलिस टीम भेजे जाने के सवाल पर चुप्पी साध रखी थी. हालाकि कांकेर के एसपी ने बताया था कि डीएसपी स्तर के पदाधिकारी के नेतृत्व में झारखंड पुलिस की टीम कांकेर आई है.
क्या है पूरा मामला: मामला टेल्को थाना में दर्ज हुआ था. पीड़िता के माता-पिता नहीं हैं. वह अपनी दीदी और जीजा के घर जमशेदपुर में रह रही थी. जब वह नौ साल की थी जब उसके जीजा ने जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया था. इसके बाद बच्ची को देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया गया. इसके बाद बच्ची को कभी झारसुगड़ा तो कभी राउरकेला और जुगसलाई के होटलों में शोषण किया गया. लेकिन जुगसलाई में होटल संचालक को शक हुआ तो उन्होंने बागबेड़ा पुलिस को सूचना दे दी. यहीं से इस पूरे घिनौने और अमानवीय कांड का खुलासा हुआ. बाद में पुलिस ने धारा 164 के तहत पीड़िता के बयान को कोर्ट में रिकॉर्ड करवाया. उसी समय अनुसंधानकर्ता को गिरफ्तारी से शेष बचे अभियुक्तों को गिरफ्तार करने और फरार रहने पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. उस वक्त सुभाष चंद्र जाट जमशेदपुर के एसपी थे. उन्होंने टेल्को थाना प्रभारी को कार्रवाई करने टाउन डीएसपी को प्रगति की समीक्षा कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था.
क्यों गरमाई है राजनीति: अब यह मामला राजनीतिक रंग भी ले चुका है. जमशेदपुर पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े हुए हैं. अब सवाल है यह है कि इस मामले ने तूल कैसे पकड़ा. दरअसल, अगले साल नवंबर में छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव होना है. भानुप्रतापपुर सीट कांग्रेस के पास थी. लेकिन पिछले माह 16 अक्टूबर को मनोज मंडावी के अचानक निधन से यह सीट खाली हो गई थी. इस बार कांग्रेस ने मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी को उपचुनाव के मैदान में उतारा है. कांग्रेस को सहानुभूति की उम्मीद है. दूसरी तरफ भाजपा ने ब्रह्मानंद नेताम को उतारा है. इस बीच एनएसयूआई के एक पदाधिकारी पर छात्रा के साथ अनाचार के मामले ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया. इसके काट के रूप में कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी का मामला उठा दिया है. इस सीट के लिए 5 दिसंबर को मतदान होना है. भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम 2008 में भानुप्रतापुर से विधायक रह चुके हैं. कहा जाता है कि बस्तर रिजन में जीतने वाली पार्टी की ही छत्तीसगढ़ में सरकार बनती है. इसलिए भानुप्रतापपुर उपचुनाव को लिटमस टेस्ट के रूप में देखा जा रहा है.