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SPECIAL: चाहे आंधी आए या तूफान, हर मोर्चे पर तैनात हैं हमारे जवान

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हर हाल में नक्सलियों से मोर्चा लेने वाले जवानों को बरसात के दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन फिर भी इनका हौसला कम नहीं होता है.

weather does not affect the morale of the soldiers
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Published : Jun 18, 2020, 5:17 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 7:24 PM IST

रायपुर: परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, लेकिन हमारे जवान हर मुश्किल हालात में भी हमारी सुरक्षा में तैनात रहते हैं. कोई बुरा वक्त इन जांबाजों के हौसले को तोड़ नहीं पाता है.

हर मोर्चे पर तैनात हैं हमारे जवान

छत्तीसगढ़ में मानसून ने दस्तक दे दी है. मानसून के दस्तक देते ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जवानों की मुश्किलें भले ही बढ़ गई हो, लेकिन इनका हौसला कम नहीं हुआ है. दरअसल बरसात के मौसम में जवानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बारिश में नदी-नाले उफान पर होते हैं. इसके साथ ही बारिश में जंगल में सर्चिंग करना भी आसान नहीं होता, लेकिन फिर भी जवान हर हाल में प्राकृतिक विपदा को भी दर किनार कर अपने नक्सली अभियान को पूरा करने में जुटा रहता है.

बरसात में जवानों को नक्सल ऑपरेशन में होती है परेशानी

नक्सल इलाकों में ग्रामीण और सीआरपीएफ के जवानों की काउंसिलिंग और अवेयरनेस के लिए काम करने वाली डॉक्टर वर्णिका शर्मा का कहना है कि, हर वक्त डटे रहने वाले जवानों के सामने बरसात के मौसम में कुछ दिक्कतें आ जाती है. क्योंकि हर हाल में उन्हें अपना सर्चिंग अभियान जारी रखना होता है.

बीजापुर: गांव में नहीं आता था नेटवर्क, पूर्व वन मंत्री ने समस्या दूर करने का दिया आश्वासन

इन परेशानियों का सामना करते हैं जवान

  • बरसात में नदी-नालों पानी भरा होता है
  • बारिश के दौरान भी घने जंगल में करनी होती है गश्त
  • कई बार कैंप से जंगल की दूरी ज्यादा होती है
  • जंगल में ही लगाना पड़ता है कैंप
  • असलहे, बारूद को बारिश से बचाना बड़ी चुनौती

नक्सलियों को ट्रेस करना होता है आसान

नक्सल एक्सपर्ट बताती हैं कि बरसात के दिनों में सिर्फ जवानों को ही दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है, बल्कि नक्सलियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है. क्योंकि बरसात की वजह से उन्हें भी जंगलों में रहने के लिए टेंट लगाने पड़ते हैं, जिससे जवानों को उन नक्सलियों के ठिकानों को ट्रेस करना आसान होता है. जो जवानों के लिए फायदेमंद साबित होता है.

  • बरसात में नक्सली भी जंगल में लगाते है कैंप
  • नक्सलियों को ट्रेस करना होता है आसान

नक्सलियों का शहरी नेटवर्क: पुलिस हिरासत में कारोबारी हितेश अग्रवाल


मौसम का मनोबल पर कोई असर नहीं

नक्सल ऑपरेशन DIG ओपी पाल भी मानते हैं कि बरसात के दिनों में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान में जवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन जवान इसके लिए हमेशा तैयार रहते हैं. ओपी पाल ने कहा कि बारिश हो या फिर कोई और मौसम उसका जवानों के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ता है.

रायपुर: परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, लेकिन हमारे जवान हर मुश्किल हालात में भी हमारी सुरक्षा में तैनात रहते हैं. कोई बुरा वक्त इन जांबाजों के हौसले को तोड़ नहीं पाता है.

हर मोर्चे पर तैनात हैं हमारे जवान

छत्तीसगढ़ में मानसून ने दस्तक दे दी है. मानसून के दस्तक देते ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जवानों की मुश्किलें भले ही बढ़ गई हो, लेकिन इनका हौसला कम नहीं हुआ है. दरअसल बरसात के मौसम में जवानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बारिश में नदी-नाले उफान पर होते हैं. इसके साथ ही बारिश में जंगल में सर्चिंग करना भी आसान नहीं होता, लेकिन फिर भी जवान हर हाल में प्राकृतिक विपदा को भी दर किनार कर अपने नक्सली अभियान को पूरा करने में जुटा रहता है.

बरसात में जवानों को नक्सल ऑपरेशन में होती है परेशानी

नक्सल इलाकों में ग्रामीण और सीआरपीएफ के जवानों की काउंसिलिंग और अवेयरनेस के लिए काम करने वाली डॉक्टर वर्णिका शर्मा का कहना है कि, हर वक्त डटे रहने वाले जवानों के सामने बरसात के मौसम में कुछ दिक्कतें आ जाती है. क्योंकि हर हाल में उन्हें अपना सर्चिंग अभियान जारी रखना होता है.

बीजापुर: गांव में नहीं आता था नेटवर्क, पूर्व वन मंत्री ने समस्या दूर करने का दिया आश्वासन

इन परेशानियों का सामना करते हैं जवान

  • बरसात में नदी-नालों पानी भरा होता है
  • बारिश के दौरान भी घने जंगल में करनी होती है गश्त
  • कई बार कैंप से जंगल की दूरी ज्यादा होती है
  • जंगल में ही लगाना पड़ता है कैंप
  • असलहे, बारूद को बारिश से बचाना बड़ी चुनौती

नक्सलियों को ट्रेस करना होता है आसान

नक्सल एक्सपर्ट बताती हैं कि बरसात के दिनों में सिर्फ जवानों को ही दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है, बल्कि नक्सलियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है. क्योंकि बरसात की वजह से उन्हें भी जंगलों में रहने के लिए टेंट लगाने पड़ते हैं, जिससे जवानों को उन नक्सलियों के ठिकानों को ट्रेस करना आसान होता है. जो जवानों के लिए फायदेमंद साबित होता है.

  • बरसात में नक्सली भी जंगल में लगाते है कैंप
  • नक्सलियों को ट्रेस करना होता है आसान

नक्सलियों का शहरी नेटवर्क: पुलिस हिरासत में कारोबारी हितेश अग्रवाल


मौसम का मनोबल पर कोई असर नहीं

नक्सल ऑपरेशन DIG ओपी पाल भी मानते हैं कि बरसात के दिनों में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान में जवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन जवान इसके लिए हमेशा तैयार रहते हैं. ओपी पाल ने कहा कि बारिश हो या फिर कोई और मौसम उसका जवानों के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ता है.

Last Updated : Jun 18, 2020, 7:24 PM IST
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