रायपुर: छत्तीसगढ़ में पहली बार जेल लोक अदालत का शुभारंभ हुआ. इसके तहत अब हर दूसरे शनिवार को जेल में लोक अदालत लगाई जाएगी. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट और विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से यह पहल शुरू की गई है. जिसका मुख्य उद्देश्य जेल में बंद कैदियों को मानव अधिकार दिलाई जा सके. साथ ही जमानत होने के बाद भी जिन्हें जमानतदार नहीं मिल पा रहे है. उनके लिए उचित कार्रवाई की जा सके. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के न्यायमूर्ती गौतम भादुड़ी ने शनिवार को रायपुर केंद्रीय जेल पहुंचकर जेल लोक अदालत का शुभारंभ किया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जेलों में बहुत से ऐसे कैदी है, जिनका जमानत होने के बाद भी जेल में रहते हैं. यह पहली बार हो रहा है कि राज्य स्तरीय कोई ऐसी पहल की जा रही है.
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700 केस असाइन: न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने बताया कि "65 से अधिक उम्र वाले ऐसे कैदी हैं, जो जेल में ही है. सही समय पर रिहाई के कागजात पूरा नहीं होने और जमानतदार नहीं मिलने की वजह से उनकी जमानत नहीं हो पाई हैं. आज केवल रायपुर जेल में ही 700 कैसेस असाइन किए गए हैं. इसके अलावा प्रदेशभर के जेलों में लोक अदालत लगाई जा रही है, जो हर दूसरे शनिवार को लगेगी. हमें यह बताने में अत्यंत खुशी हो रहा है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है. जहां पर सालसा की ओर से इस तरह की कदम उठाई गई है.