रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सांसद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने चुप्पी तोड़ी. दीपक बैज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान चुनाव में हार और उसके बाद कांग्रेस की रणनीतियों को लेकर विस्तार से चर्चा की.
सवाल: आपकी सरकार ने गरबा गरबा घुरवा बारी सहित कई योजनाएं लाई, लेकिन ऐसी कौन सी वजह रही जिस कारण से जनता का समर्थन आपको नहीं मिल सका.
जवाब: मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमारी सरकार 5 साल बेहतर काम की. हमने अपनी सारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया, और वह जनता तक पहुंचा भी, उसका लाभ भी जनता को सीधे मिला. उसके बावजूद भी कहीं कमियां रही है, यह चिंतन का विषय है. दूसरी बात ये रही कि भाजपा का झूठा कांग्रेस की सच्चाई के सामने सफल हो गया. इसी का नतीजा है कि छत्तीसगढ़ में जो परिणाम आया है. जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, वह परिणाम आया है. फिर भी जो जनादेश है उसको हम स्वीकार करते हैं.
सवाल : आपने छत्तीसगढ़ियावाद और आदिवासियों की बात की, आदिवासी महोत्सव शुरू किया. तीज त्योहार पर छुट्टी दी. ऐसे में क्या आपका स्थानीयवाद का भी मुद्दा इस चुनाव में नहीं चल पाया.
जवाब : हमने आदिवासी महोत्सव, आदिवासियों के विकास, खेत खलिहान के लिए उनकी योजनाओं को लागू किया. छत्तीसगढ़ियावाद की जो परंपरा लगभग समाप्ति की ओर थी उसको लागू किया.छत्तीसगढ़ के लिए हमारी सरकार ने काम किया है, बावजूद इसके परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आया. यह चिंतन का विषय है.
सवाल : आप धान और किसान पर ही जोर देते रहे, बाकि मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया. प्रदेश के विकास की बात की जाए तो वह नहीं हुआ, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम नहीं हुआ, जिस कारण से कहीं ना कहीं शहरी क्षेत्र के लोग ज्यादा नाराज थे.
जवाब : किसान ना सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्कि पूरे देश में हैं. किसान रीड की हड्डी हैं. किसान को मजबूत करना हर सरकार का कर्तव्य होता है. भारतीय जनता पार्टी भी किसानों के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ी. किसान मजबूत होगा तो सभी मजबूत होंगे. युवाओं के लिए भी हमारी सरकार ने बेहतर काम किया है. माता बहनों के लिए भी काम किया है. शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली नई पीढ़ी के लिए अंग्रेजी माध्यम से स्कूल खोला. स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर काम किया. सभी क्षेत्र में अच्छा काम किया है. यदि गांव में किसान के पास पैसा आएगा, वह पैसा बाद में शहरों में जाएगा. जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था और सरकार दोनों मजबूत होंगे
सवाल : पिछले विधानसभा चुनाव में जय और वीरू की जोड़ी ने काम किया और उसकी सफलता भी मिली. लेकिन इस बार जय वीरू की जोड़ी साथ नहीं थी, दूसरे नेता साथ नहीं थे, सब एक दूसरे को हराने में लगे हुए थे. इस तरह के आरोप पार्टी के अंदर लग रहे हैं.
जवाब : कलेक्टिव लीडरशिप में चुनाव लड़ा गया है. हमने तालमेल बनाकर चुनाव लड़ने की कोशिश की. उसके बावजूद कहीं कोई कमी रही होगी. उसकी चर्चा पार्टी के अंदर की जाएगी.
सवाल : कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी आखिर किसको देंगे.
जवाब : सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़े हैं. सब मिलकर चुनाव लड़े, अब इसकी समीक्षा 8 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में की जाएगी.
सवाल : वर्तमान में न मुख्यमंत्री बने हैं, न ही मंत्रिमंडल का गठन हुआ है. बावजूद इसके बुलडोजर सड़कों पर दौड़ रहा है, आखिर यह किसके आदेश पर दौड़ रहा है.
जवाब : इस पर भारतीय जनता पार्टी शुरू से कह रही थी हम बुलडोजर चलाएंगे. छत्तीसगढ़ में गरीब भी हैं. मजदूर भी हैं उनकी स्थिति और उनके कार्य की स्थिति को समझना चाहिए. सरकार का गठन हुआ नहीं है. बुलडोजर चला लिए, मुझे लगता है यह अहंकार और घमंड सरकार में खत्म नहीं हुआ है. भाजपा के नेताओं के आदेश से हो रहा है
सवाल : इस बार जातिवाद का मुद्दा भी हाबी रहा और शायद इस वजह से भाजपा को जीत मिली है?
जवाब : बीजेपी जातिवाद के अलावा बहुत से मुद्दों पर चुनाव लड़ी है. वह मुद्दे केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, जो देश में लागू नहीं हो सकता. लेकिन छत्तीसगढ़ में लागू करेंगे. क्या 3100 समर्थन मूल्य और 500 रुपये गैस यहां दे पाएंगे. क्या नरेंद्र मोदी सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए 3100 और 500 देंगे, या देश के अन्य राज्यों में भी इसे देंगे. सवाल इस बात का है. यह दोनों विषय केंद्र से संबंधित है, केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है. क्या केंद्र सरकार ने सत्ता हासिल करने के लिए सिर्फ छत्तीसगढ़ में झूठ बोलने का काम किया है. या फिर पूरे देश को देंगे. यह आने वाले समय में हम देखेंगे.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने तोड़ी चुप्पी - आदिवासी महोत्सव
Bulldozer hits BJP ego: छत्तीसगढ़ पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कांग्रेस की हार पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, हार की जिम्मेदारी पार्टी की सामूहिक जिम्मेदारी है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 6, 2023, 9:06 PM IST
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सांसद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने चुप्पी तोड़ी. दीपक बैज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान चुनाव में हार और उसके बाद कांग्रेस की रणनीतियों को लेकर विस्तार से चर्चा की.
सवाल: आपकी सरकार ने गरबा गरबा घुरवा बारी सहित कई योजनाएं लाई, लेकिन ऐसी कौन सी वजह रही जिस कारण से जनता का समर्थन आपको नहीं मिल सका.
जवाब: मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमारी सरकार 5 साल बेहतर काम की. हमने अपनी सारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया, और वह जनता तक पहुंचा भी, उसका लाभ भी जनता को सीधे मिला. उसके बावजूद भी कहीं कमियां रही है, यह चिंतन का विषय है. दूसरी बात ये रही कि भाजपा का झूठा कांग्रेस की सच्चाई के सामने सफल हो गया. इसी का नतीजा है कि छत्तीसगढ़ में जो परिणाम आया है. जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, वह परिणाम आया है. फिर भी जो जनादेश है उसको हम स्वीकार करते हैं.
सवाल : आपने छत्तीसगढ़ियावाद और आदिवासियों की बात की, आदिवासी महोत्सव शुरू किया. तीज त्योहार पर छुट्टी दी. ऐसे में क्या आपका स्थानीयवाद का भी मुद्दा इस चुनाव में नहीं चल पाया.
जवाब : हमने आदिवासी महोत्सव, आदिवासियों के विकास, खेत खलिहान के लिए उनकी योजनाओं को लागू किया. छत्तीसगढ़ियावाद की जो परंपरा लगभग समाप्ति की ओर थी उसको लागू किया.छत्तीसगढ़ के लिए हमारी सरकार ने काम किया है, बावजूद इसके परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आया. यह चिंतन का विषय है.
सवाल : आप धान और किसान पर ही जोर देते रहे, बाकि मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया. प्रदेश के विकास की बात की जाए तो वह नहीं हुआ, इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम नहीं हुआ, जिस कारण से कहीं ना कहीं शहरी क्षेत्र के लोग ज्यादा नाराज थे.
जवाब : किसान ना सिर्फ छत्तीसगढ़ में बल्कि पूरे देश में हैं. किसान रीड की हड्डी हैं. किसान को मजबूत करना हर सरकार का कर्तव्य होता है. भारतीय जनता पार्टी भी किसानों के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ी. किसान मजबूत होगा तो सभी मजबूत होंगे. युवाओं के लिए भी हमारी सरकार ने बेहतर काम किया है. माता बहनों के लिए भी काम किया है. शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली नई पीढ़ी के लिए अंग्रेजी माध्यम से स्कूल खोला. स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर काम किया. सभी क्षेत्र में अच्छा काम किया है. यदि गांव में किसान के पास पैसा आएगा, वह पैसा बाद में शहरों में जाएगा. जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था और सरकार दोनों मजबूत होंगे
सवाल : पिछले विधानसभा चुनाव में जय और वीरू की जोड़ी ने काम किया और उसकी सफलता भी मिली. लेकिन इस बार जय वीरू की जोड़ी साथ नहीं थी, दूसरे नेता साथ नहीं थे, सब एक दूसरे को हराने में लगे हुए थे. इस तरह के आरोप पार्टी के अंदर लग रहे हैं.
जवाब : कलेक्टिव लीडरशिप में चुनाव लड़ा गया है. हमने तालमेल बनाकर चुनाव लड़ने की कोशिश की. उसके बावजूद कहीं कोई कमी रही होगी. उसकी चर्चा पार्टी के अंदर की जाएगी.
सवाल : कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी आखिर किसको देंगे.
जवाब : सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़े हैं. सब मिलकर चुनाव लड़े, अब इसकी समीक्षा 8 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में की जाएगी.
सवाल : वर्तमान में न मुख्यमंत्री बने हैं, न ही मंत्रिमंडल का गठन हुआ है. बावजूद इसके बुलडोजर सड़कों पर दौड़ रहा है, आखिर यह किसके आदेश पर दौड़ रहा है.
जवाब : इस पर भारतीय जनता पार्टी शुरू से कह रही थी हम बुलडोजर चलाएंगे. छत्तीसगढ़ में गरीब भी हैं. मजदूर भी हैं उनकी स्थिति और उनके कार्य की स्थिति को समझना चाहिए. सरकार का गठन हुआ नहीं है. बुलडोजर चला लिए, मुझे लगता है यह अहंकार और घमंड सरकार में खत्म नहीं हुआ है. भाजपा के नेताओं के आदेश से हो रहा है
सवाल : इस बार जातिवाद का मुद्दा भी हाबी रहा और शायद इस वजह से भाजपा को जीत मिली है?
जवाब : बीजेपी जातिवाद के अलावा बहुत से मुद्दों पर चुनाव लड़ी है. वह मुद्दे केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, जो देश में लागू नहीं हो सकता. लेकिन छत्तीसगढ़ में लागू करेंगे. क्या 3100 समर्थन मूल्य और 500 रुपये गैस यहां दे पाएंगे. क्या नरेंद्र मोदी सिर्फ छत्तीसगढ़ के लिए 3100 और 500 देंगे, या देश के अन्य राज्यों में भी इसे देंगे. सवाल इस बात का है. यह दोनों विषय केंद्र से संबंधित है, केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है. क्या केंद्र सरकार ने सत्ता हासिल करने के लिए सिर्फ छत्तीसगढ़ में झूठ बोलने का काम किया है. या फिर पूरे देश को देंगे. यह आने वाले समय में हम देखेंगे.