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ऑनलाइन अपराधों से बचना है तो साइबर एक्सपर्ट से जानिए तरीका

ETV भारत लगातार देश में बढ़ते ऑनलाइन अपराधों पर नजर बनाए हुए है. पाठकों को ऐसी अनहोनी से बचाने के लिए उन्हें जागरूक करने की जरूरत है. ETV भारत लगातार साइबर एक्सपर्ट के जरिए आप तक महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचा रहा है. ETV भारत की टीम ने साइबर एक्सपर्ट डॉक्टर वर्णिका शर्मा और गोविंद राय से बात की है.

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ऑनलाइन अपराधों से बचना है तो साइबर एक्सपर्ट से जानिए तरीके
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Published : Mar 8, 2021, 6:53 PM IST

रायपुर: आज के समय में लोग मोबाइल, सोशल मीडिया, कंप्यूटर का इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं. दुनिया लगातार आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रही है. अरबों लोग मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं. एंटरटेनमेंट, पढ़ाई, नॉलेज के लिए लगातार नेट का सहारा ले रहे हैं. आज हर कोई मोबाइल और इंटरनेट पर डिपेंड भी हैं. ऐसे में अपराध के तरीके भी बदल रहे हैं. पूरे देश में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जैसे-जैसे व्यक्ति आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है साइबर अपराधी भी उसी तेजी से अपने आप को अपडेट कर रहे हैं. ठगी, ब्लैक मेलिंग, फोटो मॉर्फिंग, डाटा चोरी जैसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं.

साइबर एक्सपर्ट से जानिए तरीके

साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से जानिए डिजिटल युग में कैसे रहें सुरक्षित?

ETV भारत लगातार देश में बढ़ते ऑनलाइन अपराधों पर नजर बनाए हुए हैं. पाठकों को ऐसी अनहोनी से बचाने के लिए उन्हें जागरूक करने की जरूरत है. ETV भारत लगातार साइबर एक्सपर्ट के जरिए आप तक महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचा रहा है. ETV भारत की टीम ने साइबर एक्सपर्ट डॉक्टर वर्णिका शर्मा और गोविंद राय से बात की है.

मैनिपुलेट और डाइवर्ट का चल रहा खेल

एक्सपर्ट डॉक्टर वर्णिका शर्मा ने बताया कि वर्तमान में साइबर क्राइम साइबर वॉर का रूप ले चुका है. वर्तमान में यह लोगों के बीच तेजी से किया जा रहा है. क्योंकि साइबर अपराधी लोगों के दिमाग को मैनिपुलेट और डाइवर्ट कर रहे हैं. ताकि व्यक्ति अपने लाभ और हानि के बारे में सोचने में असमर्थ हो जाए. साइबर अपराधी जैसा कहतें वैसा करते जाएं. ऐसा अक्सर हो भी रहा है और ठगी के शिकार भी बन रहे हैं. उनका कहना है कि हम सूचित दुनिया में ना जीकर अति सूचित दुनिया में जी रहे हैं. यहां रैपिड इंफॉर्मेशन जरूरी है, लेकिन सोर्स ऑफ इंफॉर्मेशन जरूरी नहीं है. हम सेकेंडरी सोर्स ऑफ़ इनफार्मेशन को सच मान रहे हैं.

जागते रहो : कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के नाम पर साइबर ठगी, ऐसे करें बचाव

सोर्स ऑफ इंफॉर्मेशन जानना जरूरी

इस वक्त हम फिफ्थ जनरेशन वॉर फेयर में हैं. यानी आज के समय में हर व्यक्ति सोशल मीडिया और इंटरनेट पर इतना डिपेंड हो गया है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया हमारे माइंड को मैनिपुलेट कर रहे हैं. इंटरनेट पर हमें आसानी से जो मिल रहा है हम उसे सच मान रहे हैं. यह नहीं देखते कि सोर्स ऑफ इंफॉर्मेशन क्या है?

डिजिटल प्रोपेगेंडा वॉरफेयर, 2 तरीकों से ब्रैन वॉशिंग

  • सिंगल पर्सन ब्रैन वॉशिंग की अलग तरीके होते हैं. साइबर ठग किसी भी एक व्यक्ति को डिजिटली फॉलो करते हैं. उसके आदत के बारे में सर्च लिस्ट और हिस्ट्री के बारे में पता लगाता है. सिंगल व्यक्ति किस एप्लीकेशन में कितने देर के लिए एक्टिवेट होता है और क्या पोस्ट करता है इसके बारे में जानकारी जुटाता है. इसके बाद व्यक्ति के आदत को पढ़कर उसे प्रलोभन दिया जाता है. व्यक्ति के विक प्वाइंट को पकड़कर उसे ठगी का शिकार बनाया जाता है. अगर युवा हो तो पढ़ाई, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में एडमिशन को लेकर उसे प्रलोभन दिया जाता है. ऐसे प्रलोभनों से बचने की जरूरत है.


जागते रहो: जानिए साइबर अपराधों से कैसे निपटती है हमारी छत्तीसगढ़ पुलिस ?

  • वही मांस ब्रैन वाशिंग के लिए अपराधी एक छोटी लेकिन कारगर ट्रिक इस्तेमाल करते हैं. आज कोई भी व्यक्ति टोटली गूगल पर डिपेंड हो चुका है ऐसे में साइबर अपराधी कस्टमर केयर के नाम से एक पेज बनाकर सभी अपराधियों के नंबर उसमें अपलोड कर देते हैं. कोई भी व्यक्ति अगर कस्टमर केयर का नंबर गूगल में ढूंढता है तो उसे गलत नंबर मिलता है. और कॉल लगाने पर अपराधी उससे बात कर उसे मैनिपुलेट करता है. अलग-अलग खातों में अलग-अलग बहाने से पैसा जमा करा लेते हैं. फिर फोन बंद कर देते हैं. ऐसे मामलों में बचने के लिए गुगल से कस्टमर केयर नंबर ना लेकर सीधे ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने की जरूरत है. ताकि सही जानकारी आपको मिल सके.

रायपुर: आज के समय में लोग मोबाइल, सोशल मीडिया, कंप्यूटर का इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं. दुनिया लगातार आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रही है. अरबों लोग मोबाइल, कंप्यूटर और लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं. एंटरटेनमेंट, पढ़ाई, नॉलेज के लिए लगातार नेट का सहारा ले रहे हैं. आज हर कोई मोबाइल और इंटरनेट पर डिपेंड भी हैं. ऐसे में अपराध के तरीके भी बदल रहे हैं. पूरे देश में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जैसे-जैसे व्यक्ति आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है साइबर अपराधी भी उसी तेजी से अपने आप को अपडेट कर रहे हैं. ठगी, ब्लैक मेलिंग, फोटो मॉर्फिंग, डाटा चोरी जैसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं.

साइबर एक्सपर्ट से जानिए तरीके

साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से जानिए डिजिटल युग में कैसे रहें सुरक्षित?

ETV भारत लगातार देश में बढ़ते ऑनलाइन अपराधों पर नजर बनाए हुए हैं. पाठकों को ऐसी अनहोनी से बचाने के लिए उन्हें जागरूक करने की जरूरत है. ETV भारत लगातार साइबर एक्सपर्ट के जरिए आप तक महत्वपूर्ण जानकारी पहुंचा रहा है. ETV भारत की टीम ने साइबर एक्सपर्ट डॉक्टर वर्णिका शर्मा और गोविंद राय से बात की है.

मैनिपुलेट और डाइवर्ट का चल रहा खेल

एक्सपर्ट डॉक्टर वर्णिका शर्मा ने बताया कि वर्तमान में साइबर क्राइम साइबर वॉर का रूप ले चुका है. वर्तमान में यह लोगों के बीच तेजी से किया जा रहा है. क्योंकि साइबर अपराधी लोगों के दिमाग को मैनिपुलेट और डाइवर्ट कर रहे हैं. ताकि व्यक्ति अपने लाभ और हानि के बारे में सोचने में असमर्थ हो जाए. साइबर अपराधी जैसा कहतें वैसा करते जाएं. ऐसा अक्सर हो भी रहा है और ठगी के शिकार भी बन रहे हैं. उनका कहना है कि हम सूचित दुनिया में ना जीकर अति सूचित दुनिया में जी रहे हैं. यहां रैपिड इंफॉर्मेशन जरूरी है, लेकिन सोर्स ऑफ इंफॉर्मेशन जरूरी नहीं है. हम सेकेंडरी सोर्स ऑफ़ इनफार्मेशन को सच मान रहे हैं.

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सोर्स ऑफ इंफॉर्मेशन जानना जरूरी

इस वक्त हम फिफ्थ जनरेशन वॉर फेयर में हैं. यानी आज के समय में हर व्यक्ति सोशल मीडिया और इंटरनेट पर इतना डिपेंड हो गया है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया हमारे माइंड को मैनिपुलेट कर रहे हैं. इंटरनेट पर हमें आसानी से जो मिल रहा है हम उसे सच मान रहे हैं. यह नहीं देखते कि सोर्स ऑफ इंफॉर्मेशन क्या है?

डिजिटल प्रोपेगेंडा वॉरफेयर, 2 तरीकों से ब्रैन वॉशिंग

  • सिंगल पर्सन ब्रैन वॉशिंग की अलग तरीके होते हैं. साइबर ठग किसी भी एक व्यक्ति को डिजिटली फॉलो करते हैं. उसके आदत के बारे में सर्च लिस्ट और हिस्ट्री के बारे में पता लगाता है. सिंगल व्यक्ति किस एप्लीकेशन में कितने देर के लिए एक्टिवेट होता है और क्या पोस्ट करता है इसके बारे में जानकारी जुटाता है. इसके बाद व्यक्ति के आदत को पढ़कर उसे प्रलोभन दिया जाता है. व्यक्ति के विक प्वाइंट को पकड़कर उसे ठगी का शिकार बनाया जाता है. अगर युवा हो तो पढ़ाई, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में एडमिशन को लेकर उसे प्रलोभन दिया जाता है. ऐसे प्रलोभनों से बचने की जरूरत है.


जागते रहो: जानिए साइबर अपराधों से कैसे निपटती है हमारी छत्तीसगढ़ पुलिस ?

  • वही मांस ब्रैन वाशिंग के लिए अपराधी एक छोटी लेकिन कारगर ट्रिक इस्तेमाल करते हैं. आज कोई भी व्यक्ति टोटली गूगल पर डिपेंड हो चुका है ऐसे में साइबर अपराधी कस्टमर केयर के नाम से एक पेज बनाकर सभी अपराधियों के नंबर उसमें अपलोड कर देते हैं. कोई भी व्यक्ति अगर कस्टमर केयर का नंबर गूगल में ढूंढता है तो उसे गलत नंबर मिलता है. और कॉल लगाने पर अपराधी उससे बात कर उसे मैनिपुलेट करता है. अलग-अलग खातों में अलग-अलग बहाने से पैसा जमा करा लेते हैं. फिर फोन बंद कर देते हैं. ऐसे मामलों में बचने के लिए गुगल से कस्टमर केयर नंबर ना लेकर सीधे ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने की जरूरत है. ताकि सही जानकारी आपको मिल सके.
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