रायपुर: मंगलवार को ईद का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. 1 महीने तक रोजा रखने के बाद ईद के इंतजार की खुशी अलग ही होती (lack of customers in market before eid in raipur) है. इस्लामी कैलेंडर के अनुसार साल के नौवें महीने में रोजा रखा जाता है. रमजान के अंतिम दिन बड़े धूमधाम से ईद का पर्व मनाया जाता है. इस दिन सभी रोजेदारों के रोजे पूरे हो जाते हैं. ईद को लेकर रायपुर में बाजार भी सज गया है. लेकिन महंगाई की मार इस ईद के बाजार में भी देखने को मिल रही है. पिछले साल की अपेक्षा ग्राहकों की भी बाजार में काफी कमी देखी जा रही है.
मंहगाई के कारण ग्राहक बाजार से हुए कम: इस से पहले रायपुर में ईद का बाजार सज गया है. लेकिन महंगाई की मार के कारण इस बाजार से भीड़ गायब हो गई है. इस विषय में दुकानदार मोहम्मद इस्लाम कहते हैं " ईद के दिन नए कपड़े टोपी पहनने के साथ इत्र भी लगाया जाता है. मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई जाती है. इलाहाबाद, बनारस, नागपुर, पटना, झारखंड जैसे जगहों की सेवइयां बाजार में उपलब्ध है. शाम के समय चांद का दीदार होने के बाद अगले दिन सुबह ईद का त्यौहार मनाया जाता है. लेकिन इस साल बाजार पर महंगाई की मार साफ तौर पर दिख रही है, जिसके कारण सेवई की बिक्री भी कम हो रही है."
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पहले की अपेक्षा ग्राहकी कम: एक अन्य दुकानदार अब्दुल्ला बताते हैं कि "ईद के दिन लोग टोपी, इत्र, सूरमा, काजल भी लगाते हैं. इत्र में ज्यादातर वाइट वुड, ब्लैक वुड, मोगरा, जन्नत ए फिरदौस जैसे इत्र खासा पसंद किए जाते हैं. लेकिन महंगाई के कारण पिछले साल की तुलना में इस बार ग्राहकी कम है".
चांद देखने के बाद तय की जाती है ईद की तारीख: बता दें कि ईद की तारीख का ऐलान ईद का चांद देखने के हिसाब से तय किया जाता है. जिस दिन चांद दिखता है. उस दिन को चांद मुबारक कहा जाता है. ईद के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर नमाज अदा करते हैं. ईद उल फितर के मौके पर खास दावत तैयार की जाती है, जिसमें खासतौर से मीठा खाना शामिल किया जाता है. इसे भारत और कुछ दक्षिण एशियाई देशों में मीठी ईद भी कहा जाता है. ईद उल फितर पर खास तौर से सेवाइयां यानि गेहूं के बने नूडल्स को दूध के साथ उबालकर बनाया जाता है. जिसमें सूखे मेवे और फलों को मिलाकर परोसा जाता है.