रायपुर: अनलॉक 0.1 शुरू होने के साथ ही छत्तीसगढ़ में औद्योगिक गतिविधियों ने फिर जोर पकड़ लिया है. औद्योगिक उत्पादन में न केवल तेजी आई है, बल्कि लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिल रहा है. अब तक राज्य की 80 प्रतिशत औद्योगिक इकाईयां शुरू हो चुकी हैं. इन औद्योगिक इकाईयों में कोविड 19 के मापदंडों का पालन करते हुए डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा चुका है.
उद्योगों को मिली रियायतें
कोरोना संकट शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान भी औद्योगिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए रणनीति तैयार कर ली गई थी. इस दौरान सभी जरूरी सावधानियों के साथ प्रदेश के उद्योगों में उत्पादन होता रहा है, लेकिन अब लॉकडाउन खत्म होने और अनलॉक शुरू होने के बाद उद्योगों को और ज्यादा रियायतें मिल गई हैं. जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है.
लॉकडाउन में बढ़ा लौह अयस्क का उत्पादन
मार्च 2020 से जून 2020 के बीच 258 नई औद्योगिक इकाईयों में लगभग 550 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश किया गया. जिसमें 3 हजार 360 व्यक्तियों को रोजगार मिला है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में राज्य के लौह इस्पात उद्योगों ने 27 लाख मीट्रिक टन लोहे का उत्पादन किया. राज्य सरकार ने लॉकडाउन अवधि में जरूरी सेवाओं, मेडिकल और खाद्य आधारित इकाईयों का निर्बाध संचालन सुनिश्चित कराया था. राज्य सरकार ने सैनिटाइजर के उत्पादन के लिए डिस्टलरियों को लाइसेंस दिया और पैकिंग सामग्री निर्माण की सुविधा देकर प्रदेशभर में इनका वितरण सुनिश्चित किया गया.
औद्योगिक इकाईयों के लिए जारी किया गया फंड
लॉकडाउन के दौरान बैंकों के जरिए 2 हजार लघु और सूक्ष्म इकाईयों के लिए लगभग 36 करोड़ रुपए की ऋण राशि हितग्राहियों को बांटी गई. इसी तरह राज्य सरकार ने 848 औद्योगिक इकाईयों को 103 करोड़ रुपए का अनुदान दिया. राज्य की 282 औद्योगिक इकाईयों को स्टाम्प शुल्क में छूट दी गई. इसी तरह राज्य सरकार ने 101 स्थानों पर फूड पार्क के लिए 1 हजार 300 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की. साथ ही 15 जगहों पर 200 हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरण किया गया, जहां फूडपार्क की स्थापना का काम शुरू हो गया है.