रायपुर: छत्तीसगढ़ के लिए चिंता का विषय है कि यहां के लोगों की जान किसी बीमारी या आतंकी घटनाओं की बजाय सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) में हो रही है. राज्य की सड़कें रोजाना खून से लथपथ हो रही है. कई घरों के चिराग बुझ रहे हैं. अकेले रायपुर में ही जनवरी से अगस्त महीने तक 311 लोगों की जान केवल सड़क दुर्घटना में गई है. जबकि 813 लोग घायल हुए हैं. सड़क दुर्घटनाओं से लगातार हो रही मौतें रायपुर पुलिस (Raipur Police) के लिए भी सवाल पैदा कर रही है. क्योंकि यातायात पुलिस (Traffic police) के द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर तमाम अभियान चलाए जा रहे हैं. बावजूद इसके सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहा है. क्योंकि अब भी सड़कों पर रफ्तार, ओवरटेक, ओवरलोड और नशा का सेवन कर ड्राइव करना बदस्तूर जारी है.
अगस्त महीने में 33 की गई जान
रायपुर में यातायात पुलिस की ओर से तमाम सुरक्षा उपायों और जागरूकता के बाद भी सड़क हादसे कम नहीं हो रहे हैं. एक तरफ जहां सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी है. वहीं मरने वालों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है. सबसे हैरानी वाली बात तो यह है कि अगस्त महीने में रायपुर में 134 सड़क दुर्घटनाएं (134 Road Accidents in Raipur) हुई है. इसमें 33 लोगों ने अपनी जान गवाई है, जबकि 92 लोग घायल हुए हैं. इसमें ज्यादातर मौतें बिना हेलमेट के बाइक चलाते वक्त दुर्घटना के शिकार हुए लोगों की हुई है.
जनवरी से अगस्त तक 1,114 दुर्घटनाएं
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जनवरी से लेकर अगस्त तक के दुर्घटनाओं के आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं. क्योंकि जनवरी से अगस्त के बीच करीब 2 माह कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा हुआ था. बावजूद हादसों के आंकड़े कम नहीं हुए. यातायात पुलिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से लेकर अगस्त तक राजधानी रायपुर में 1,114 दुर्घटनाएं हुई है. जिसमें से 311 लोगों की मौत हुई है. वहीं 813 लोग दुर्घटना में घायल हुए हैं.
लोगों की लापरवाही से हो रही दुर्घटनाएं
यातायात विभाग के उप पुलिस अधीक्षक एम आर मंडावी (Deputy Superintendent of Police MR Mandavi) ने बताया कि दुर्घटना के कई कारण होते हैं. जिसमें प्रमुख पब्लिक यातायात नियमों को जानते हैं, लेकिन उसका पालन नहीं करते हैं. लापरवाही ही लोगों की मौत का कारण बन रही है. इस लापरवाही को ध्यान दिया जाए 70 फीसदी दुर्घटना कम हो सकते हैं. जनवरी से अगस्त तक के जो आंकड़े हैं, वह लगभग 1,100 हैं.
जबकि मृत्यु करीब 278 है. इस इस प्रकार हम यह देखें कि हर महीनों में कुछ ना कुछ वृद्धि हो रही है. इसे रोकने के यातायात नियमों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाते हैं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में हम यातायात संबंधी नियमों के बारे में जानकारी देते हैं. इसके अलावा हम चालानी कार्रवाई के माध्यम से उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं. साथ ही स्पीड बाइक ड्राइव या शराब पीकर ड्राइव करने वालों पर अन्य उपकरणों के माध्यम से जांच कर कार्रवाई करते हैं.
यह हैं ब्लैक स्पॉट
- टाटीबंध चौक से सरोना और 20 तक
- पिंटू ढाबा से सेल खेड़ी ओवरब्रिज तक
- जिंदल मोड़ से रिंग रोड 3 तिराहा जंक्शन तक
- बस स्टैंड चौक मंदिर हसौद
- महात्मा गांधी सेतु पुल से पारा गांव तक
- मेटल पार्क मोड़ से धनेली नाला तक
- सिलतरा मोड़ से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सामने तक
- सिलतरा जीके टाउनशिप के सामने से चरोदा बायपास क्रॉसिंग तक
- दैनिक भास्कर से सिंघानिया चौक तक
हादसों में मौत के आंकड़े माहवार
महीना | मौत ( सड़क हादसा) |
जनवरी | 53 |
फरवरी | 59 |
मार्च | 44 |
अप्रैल | 14 |
अप्रैल | 14 |
मई | 28 |
जून | 39 |
जुलाई | 41 |
अगस्त | 33 |
माहवार हादसों पर एक नजर
महीना | सड़क हादसे की संख्या |
जनवरी | 206 |
फरवरी | 205 |
मार्च | 173 |
मार्च | 173 |
अप्रैल | 57 |
मई | 75 |
जून | 128 |
जुलाई | 136 |
अगस्त | अगस्त |
सड़क दुर्घटना में घायलों की स्थिति माहवार
महीना | घायलों की संख्या |
जनवरी | 171 |
फरवरी | 150 |
मार्च | 128 |
अप्रैल | 38 |
मई | 35 |
जून | 88 |
जुलाई | 111 |
अगस्त | 92 |