रायपुर/आरंग: आरंग के रसनी गांव में नवविवाहिता की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसके पति, सास, ससुर और पति की बड़ी बहन को गिरफ्तार किया है. चारों पर मृतका को दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप है.
आरंग थाना प्रभारी लेखधर दीवान ने बताया कि मृतका भानेश्वरी साहू (उम्र 22) की शादी इसी साल अप्रैल महीने में रसनी गांव के आशीष साहू के साथ हुई थी. आरोप है कि शादी के बाद से ही मृतका के ससुराल वाले दहेज के सामान को लोकल और डुप्लीकेट कहकर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे. प्रताड़ना से तंग आकर भानेश्वरी साहू ने बीते 18 जुलाई को अपने कमरे में खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
नवविवाहिता की आत्महत्या मामले में ससुराल वाले गिरफ्तार
आरंग पुलिस ने मंगलवार को मृतका के पति आशीष साहू, ससुर चैतराम साहू, सास चम्पा बाई और पति की बड़ी बहन रीना साहू पर दहेज और हत्या का मामला दर्ज करते हुए चारों को गिरफ्तार कर लिया है.
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छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं. मंगलवार यानी 11 अगस्त को ही बिलासपुर के रतनपुर क्षेत्र के करिहापारा में रहने वाले युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. युवक ने घर के पीछे अपनी बाड़ी में मौजूद बेर के पेड़ से फांसी लगाकर खुदकुशी की है. वहीं हाल के दिनों में सामने आई आत्महत्या की घटनाओं की बात की जाए, तो रायपुर में एक एंटी करप्शन ब्यूरो में पदस्थ क्लर्क ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. इससे पहले जांजगीर-चांपा में बीते गुरुवार को एक कोरोना संक्रमित मरीज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इसके अलावा जांजगीर-चांपा में ही साकर गांव में एक प्रेमी जोड़े ने मौत को गले लगा लिया था.
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8 अगस्त को कोरबा के दर्री थाना इलाके के अटल आवास में रहने वाले मिलन दास ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. वहीं 7 अगस्त को भी गरियाबंद जिले के मदनपुर गांव से आत्महत्या की घटना सामने आई थी. एक पिता ने अपने दो बच्चों के साथ फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जानकारी के मुताबिक, घर के एक ही कमरे में तीनों की लाश अलग-अलग फंदे पर लटकी हुई मिली थी. अब तक खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल पाया है. खुदकुशी करने वाला यादराम अपनी पत्नी से मिलने के लिए हरदी गांव गया था. जहां से वह अपने बच्चों को लेकर वापस लौट आया था. इसके बाद ही उसने आत्महत्या की.
छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे आत्महत्या के मामले
वहीं लॉकडाउन के दौरान भी कई आत्महत्या के मामले सामने आए थे, जिसमें किसी ने आर्थिक तंगी के कारण अपनी जान दी, तो किसी ने मानसिक तनाव के कारण मौत को गले लगा लिया, लेकिन कई ऐसे मामले भी हैं, जिसमें आत्महत्या के कारणों का कभी पता ही नहीं चल पाया. इसके लिए सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए, ताकि लोगों को आत्महत्या करने से बचाया जा सके.