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सबले बढ़िया हे हमर छत्तीसगढ़ी: कानों में रस घोल देते हैं ये शब्द और ये आवाजें

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Published : Sep 22, 2019, 12:06 AM IST

Updated : Sep 22, 2019, 10:36 PM IST

छत्तीसगढ़ में सालों से बोली और संस्कृति की एक बड़ी विरासत रही है जरूरत इसे अब सहेजने की है. फिल्म निर्माता मनीष गुप्ता ने ETV भारत से खास चर्चा करते हुए सोशल चैनल के माध्यम से समृद्ध करने की बात कही.

सबले बढ़िया हे हमर छत्तीसगढ़ी

रायपुर : भाषा अपनी सुंदरता में कई बोलियों का रस घोलती है. यही बोलियां बन जाती हैं हमारी पहचान. हमारी पहचान न खोए इसके लिए जरूरी है इनसे जुड़ा साहित्य संजोया जाए. कहानियां, किस्से, नाटक, कविताओं को किसी तरह जिंदा रखा जाए और यही काम कर रही है हिन्दी कविता और इसके संस्थापक मनीष गुप्ता.

सबले बढ़िया हे हमर छत्तीसगढ़ी

हिन्दी के साथ-साथ उर्दू और अब हमारी छत्तीसगढ़ी को भी सजा, संवार कर जिस खूबसूरती के साथ प्रेजेंट किया जा रहा है, उससे लगता है ये बोली भी देश के कोने-कोने में बसे लोगों के कानों में घुलेगी और लोग कहेंगे 'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया.'

हिन्दी कविता के संस्थापक और फिल्म निर्माता मनीष गुप्ता ने ETV भारत से खास चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के साहित्य और संस्कृति को सोशल चैनल के माध्यम से समृद्ध करने की कवायद चल रही है. इसके लिए साहित्यिक, सांस्कृतिक प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ स्टूडियो बनाया गया है. छत्तीसगढ़ में सालों से बोली और संस्कृति की एक बड़ी विरासत रही है जरूरत इसे अब सहेजने की है. उन्होंने ETV भारत के साथ छत्तीसगढ़ स्टूडियो के लिए बनाए गए कुछ वीडियो भी शेयर किए.

कलाकारों ने दी आवाज
हिन्दी कविता के साथ बॉलीवुड के कई दिग्गज काम कर रहे हैं. मनोज बाजपेई, पीयूष मिश्रा, नसरुद्दीन शाह जैसे कलाकार कई कविताओं को अपनी आवाज दे चुके हैं और हिन्दी को सहेजने का काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ी कविताओं को लेकर भी उन्होंने काम किया है.

रंगमंच के मशहूर कलाकार और निर्देशक हबीब तनवीर की बेटी नगीन तनवीर ने भी में वीडियो में काम किया है. साथ ही लोक गायक गायिका गरिमा दिवाकर, कवियत्री दीप्ति राज और थिएटर आर्टिस्ट सिग्मा उपाध्याय छत्तीसगढ़ी कविताएं पढ़ती हुई नजर आई हैं.

समृद्ध है छत्तीसगढ़ का साहित्य
इन वीडियो को बेहद खूबसूरती के साथ फिल्माया गया है, जिससे कविता सुनने को लेकर और उत्सुकता पैदा होती है. मनीष गुप्ता कहते हैं कि छत्तीसगढ़ का साहित्य और संस्कृति बेहद समृद्ध होने के बाद भी यहां की चीजें देश-दुनिया के लोगों तक ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाई हैं. इन चीजों को छत्तीसगढ़ स्टूडियो के माध्यम से देश दुनिया के लोगों तक पहुंचाने का या छोटा सा प्रयास हिंदी कविता और छत्तीसगढ़ स्टूडियो के माध्यम से किया जा रहा है.

रायपुर : भाषा अपनी सुंदरता में कई बोलियों का रस घोलती है. यही बोलियां बन जाती हैं हमारी पहचान. हमारी पहचान न खोए इसके लिए जरूरी है इनसे जुड़ा साहित्य संजोया जाए. कहानियां, किस्से, नाटक, कविताओं को किसी तरह जिंदा रखा जाए और यही काम कर रही है हिन्दी कविता और इसके संस्थापक मनीष गुप्ता.

सबले बढ़िया हे हमर छत्तीसगढ़ी

हिन्दी के साथ-साथ उर्दू और अब हमारी छत्तीसगढ़ी को भी सजा, संवार कर जिस खूबसूरती के साथ प्रेजेंट किया जा रहा है, उससे लगता है ये बोली भी देश के कोने-कोने में बसे लोगों के कानों में घुलेगी और लोग कहेंगे 'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया.'

हिन्दी कविता के संस्थापक और फिल्म निर्माता मनीष गुप्ता ने ETV भारत से खास चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के साहित्य और संस्कृति को सोशल चैनल के माध्यम से समृद्ध करने की कवायद चल रही है. इसके लिए साहित्यिक, सांस्कृतिक प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ स्टूडियो बनाया गया है. छत्तीसगढ़ में सालों से बोली और संस्कृति की एक बड़ी विरासत रही है जरूरत इसे अब सहेजने की है. उन्होंने ETV भारत के साथ छत्तीसगढ़ स्टूडियो के लिए बनाए गए कुछ वीडियो भी शेयर किए.

कलाकारों ने दी आवाज
हिन्दी कविता के साथ बॉलीवुड के कई दिग्गज काम कर रहे हैं. मनोज बाजपेई, पीयूष मिश्रा, नसरुद्दीन शाह जैसे कलाकार कई कविताओं को अपनी आवाज दे चुके हैं और हिन्दी को सहेजने का काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ी कविताओं को लेकर भी उन्होंने काम किया है.

रंगमंच के मशहूर कलाकार और निर्देशक हबीब तनवीर की बेटी नगीन तनवीर ने भी में वीडियो में काम किया है. साथ ही लोक गायक गायिका गरिमा दिवाकर, कवियत्री दीप्ति राज और थिएटर आर्टिस्ट सिग्मा उपाध्याय छत्तीसगढ़ी कविताएं पढ़ती हुई नजर आई हैं.

समृद्ध है छत्तीसगढ़ का साहित्य
इन वीडियो को बेहद खूबसूरती के साथ फिल्माया गया है, जिससे कविता सुनने को लेकर और उत्सुकता पैदा होती है. मनीष गुप्ता कहते हैं कि छत्तीसगढ़ का साहित्य और संस्कृति बेहद समृद्ध होने के बाद भी यहां की चीजें देश-दुनिया के लोगों तक ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाई हैं. इन चीजों को छत्तीसगढ़ स्टूडियो के माध्यम से देश दुनिया के लोगों तक पहुंचाने का या छोटा सा प्रयास हिंदी कविता और छत्तीसगढ़ स्टूडियो के माध्यम से किया जा रहा है.

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(खबर की फिड वन टू वन और कुछ वीडियो को कैमरे से शूट करके लाइव यू से भेजा है। उसे जरूर उपयोग कीजिएगा)

हिंदी साहित्य को संरक्षित और संवर्धित करने के उद्देश्य से चलाई जा रही हिंदी कविता अब छत्तीसगढ़ के साहित्य और संरक्षण के लिए भी काम करेगी। हिंदी कविता के संस्थापक और फिल्म निर्माता मनीष गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के साहित्य संस्कृति को यूट्यूब चैनल के माध्यम से समृद्ध करने की कवायद चल रही है । इसके लिए साहित्यिक सांस्कृतिक प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ स्टूडियो बनाया गया है। छत्तीसगढ़ में सालों से बोली और संस्कृति की एक बड़ी विरासत रही है जरूरत इसे अब सहेजने की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ स्टूडियो के लिए बनाए गए कुछ विडियो को भी हमसे शेयर किया। Body:


हिंदी कविता के माध्यम से सालों से मनीष गुप्ता अपने यूट्यूब चैनल से देश दुनिया में काफी मशहूर है ।उनके इस हिंदी कविता चैनल में देश भर की नामी शख्सियत जुड़े हुए हैं। इनमें बॉलीवुड के दिग्गज कलाकारों जैसे मनोज बाजपेई, पियूष मिश्रा, नसरुद्दीन शाह जैसे लोग भी हिंदी कविता के माध्यम से जुड़कर हिंदी को सहेजने काम कर रहे हैं। हिंदी कविता ना केवल हिंदी बल्कि उर्दू स्टूडियो भी चल रहा है, जिसके लाखों दर्शक है। अब मनीष गुप्ता ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ स्टूडियो के माध्यम से छत्तीसगढ़ की साहित्यिक सांस्कृतिक समृद्धि को यूट्यूब चैनल के माध्यम से लाने का प्रयास किया जाएगा। जहां देश प्रदेश के मशहूर कवि लेखक निर्देशक आदि की आवाज में कविता कहानी और नाटक को रिकॉर्ड कर उसे यूट्यूब पर डाला जाएगा। छत्तीसगढ़ी कविताओं को लेकर उन्होंने कुछ वीडियो भी बनाया है, इसमें रंगमंच के मशहूर कलाकार और निर्देशक हबीब तनवीर की बेटी नगीन तनवीर ने भी में वीडियो में काम किया है। साथ ही लोक गायक गायिका गरिमा दिवाकर, कवियत्री दीप्ति राज और थिएटर आर्टिस्ट सिग्मा उपाध्याय छत्तीसगढ़ी कविताएं पढ़ती हुई नजर आई है। इन वीडियो को बेहद खूबसूरती के साथ फिल्माया गया है, जिससे कविता सुनने को लेकर और उत्सुकता पैदा होती है। छत्तीसगढ़ स्टूडियो छत्तीसगढ़ के साहित्य और संस्कृति को देश और दुनिया में यूट्यूब के माध्यम से पहुंचाने का काम करेगी। उनका मानना है कि छत्तीसगढ़ की साहित्य संस्कृति बेहद समृद्ध होने के बाद भी यहां की चीजें देश दुनिया के लोगों तक ठीक तरीके से नहीं पहुंच पाई है । इन चीजों को छत्तीसगढ़ स्टूडियो के माध्यम से देश दुनिया के लोगों तक पहुंचाने का या छोटा सा प्रयास हिंदी कविता और छत्तीसगढ़ स्टूडियो के माध्यम से किया जा रहा है।

बाईट- मनीष गुप्ता, संस्थापक, हिंदी कविता

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
Last Updated : Sep 22, 2019, 10:36 PM IST
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