रायपुर : नेशनल सिक्योरिटी डे को मनाने के पीछे का मुख्य कारण देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करना है.इसके लिए ही इस दिवस को मनाया जाता है.आपको यह भी बता दें कि इस दिवस को वर्तमान समय में एक सप्ताह के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस के उपलक्ष्य में लोगों को न केवल देश के दुश्मनों से बल्कि बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए भी जागरूक किया जाता है.आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस दिन का इतिहास और आखिर क्यों इस दिन को मनाने की जरुरत पड़ी.तो हमारे इस लेख को आखिर तक जरुर पढ़िएगा.
लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरुकता पैदा करना ही उद्देश्य : राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को वर्तमान समय में पूर्ण सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा है. इस सप्ताह के दौरान देश में बहुत सी जगहों पर लोगों को जागरूक करने के लिए बहुत से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.इन कार्यक्रमों को देश के नागरिक और सरकारी- गैर सरकारी संगठन मिलकर मनाते हैं. वहीं जो लोग उन आयोजनों में हिस्सा लेने में असमर्थ होते हैं.उनके लिए डिजिटली या अखबार पेपर के माध्यम से सारी जानकारी पहुंचाई जाती है.
नेशनल सिक्योरिटी डे में आयोजन : राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत देश में बहुत सी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है वाद-विवाद प्रतियोगिता, सेमिनार, सुरक्षा संदेशों के पोस्टर,स्लोगन, निबंध प्रतियोगिता, बैनर प्रदर्शनी, नाटक गीत और खेल प्रतियोगिता जैसे इवेंट राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह के दौरान देश के कई हिस्सों में आयोजित किए जाते हैं. इन आयोजनों में कई लोग हिस्सा लेते हैं.
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राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास :इस दिन को मनाने की शुरुआत नेशनल सेफ्टी काउंसिल ने की थी. नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल एक गैर सरकारी और गैर लाभकारी संगठन है. इस संगठन की स्थापना साल 1966 में मुंबई सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत की गयी थी.इस संगठन में 8000 से भी अधिक सदस्य थे. इस संगठन ने साल 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का निर्णय लिया.इसके बाद ही हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाने लगा.जो पूरे एक सप्ताह तक मनाया जाता है.