शिमला: कोरोना वायरस के चलते लगे कर्फ्यू में शिमला की जामा मस्जिद में फंसे 200 कश्मीरी मजदूरों की खबर लगने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी उनकी सुध लेने पहुंचे और उन्हें खाने के साथ मेडिकल टीम भेजने का भी आश्वासन दिया.
जामा मस्जिद में 200 मजदूर एक ही हॉल में रह रहे हैं और सात दिन के लिए रोजी-रोटी कमाने के लिए बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. मस्जिद में फंसे लोगों के लिए खाने के लिए भी राशन नहीं है. वहीं ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद जिला उपायुक्त और शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को मौके पर भेजा और उन्हें सभी सुविधाएं देने का आश्वासन दिया.
प्रशासन की ओर से लोगों की सूची तैयार की गई है, जो इन लोगों को राशन मुहैया कराएंगे और सोमवार को डॉक्टरों की टीम भी आएगी, जो कोविड-19 को लेकर लोगों को जागरूक करेगी. वहीं हॉल को भी सेनेटाइज करने काम किया जाएगा. बता दें कि मजदूरों को हॉल से मस्जिद के अंदर भी शिफ्ट किया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंस बना रहे.
प्रशासन के अधिकारियों के आने पर कश्मीरी मजदूरों ने आभार जताते हुए कहा कि अभी तक कोई भी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा था, लेकिन खबर दिखाने के बाद यहां अधिकारी पहुंचे हैं और राशन देने की बात कही है. वहीं, बीजेपी अल्पसंख्यक नेता बिलाल शाह ने कहा कि कश्मीरी मजदूरों को यहां खाने के लिए राशन तक नहीं था.
बिलाल शाह ने कहा कि इसे लेकर स्थानीय विधायक और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के सामने भी मामला उठाया गया है और खाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया गया था. बिलाल शाह ने मजूदरों से सोशल डिस्टेंस बनाने की अपील की है और कहा कि यहां सभी के लिए राशन की व्यवस्था की जाएगी.
बता दें कि जामा मस्जिद में करीब दो सौ कश्मीरी मजदूर रहते हैं जो एक सप्ताह से कर्फ्यू के चलते काम पर नहीं जा पा रहे हैं और अब उनके पास राशन खरीदने तक के पैसे नहीं हैं, ऐसे में प्रशासन से अपने घर जाने के लिए व्यवस्था करने की गुहार लगा रहे हैं.