रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्कूल कालेजों में छात्राओं के साथ हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं को देखते हुए "हमर बेटी हमर मान" अभियान की शुरुआत की गई है. इस अभियान के तहत राज्य पुलिस स्कूल कॉलेजों में जाकर छात्राओं को गुड टच और बैड टच के बारे में बता रही है. रायपुर पुलिस रायपुर में ही करीब 60 स्कूल कॉलेजों में जाकर 10 हजार से अधिक छात्राओं को गुड टच और बैड टच का पाठ पढ़ा चुकी है. आइए जानते हैं छत्तीसगढ़ के स्कूल कॉलेज में "हमर बेटी हमर मान" अभियान के तहत छात्राओं को किस तरह की शिक्षा दी जा रही है.
बैड टच, गुड टच के साथ जागरूक कर रहे: छत्तीसगढ़ की महिला पुलिस स्कूल कॉलेजों में दस्तक दे रही है. स्कूल कॉलेज की छात्राओं को जागरूकता के साथ साथ उनके अधिकारों को भी बताया जा रहा है. महिला एसआई कुमारी मीना यादव ने बताया "मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद "हमर बेटी हमर मान" अभियान की शुरुआत की गई है. इसी के तहत स्कूल कॉलेजों पर पहुंचकर बच्चियों को जागरूक किया जा रहा है. अब तक करीब 60 स्कूल कॉलेजों में 10,000 से अधिक बच्चों तक रायपुर पुलिस पहुंच चुकी है. जिसमें बच्चियों को गुड टच बैड टच, साइबर अपराध, आत्मरक्षा और उन पर घटित होने वाले अपराधों के संबंध में बताया जा रहा है. इसके साथ ही पुलिस हेल्पलाइन नंबर 9479190167, 9479191099 भी जारी किया गया है. इस नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिकायतकर्ता का नाम उजागर नहीं किया जाएगा.''
डेमो देकर बता रहे: स्कूल कॉलेजों में पुलिस टीम डेमो देकर गुड टच और बैड टच की जानकारी दे रही है. रायपुर महिला पुलिस के पदमा ने बताया कि "दो बच्चों को सामने खड़े कराते हैं. उसके बाद डेमो के माध्यम से गुड टच और बैड टच के बारे में बताते हैं. जिस स्कूल कॉलेज में टीम पहुंचती है. उसके दो दिन बाद टीम दोबारा वहां जाकर फीडबैक लेती है. उनको जो बातें बताई गई, उन्हें समझ में आया या नहीं.''
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ऐसे समझें गुड और बैड टच को: रायपुर आइसीयूएडब्लू एएसपी चंचल तिवारी कहती हैं " यदि कोई आपको टच करे और आपको अच्छा न लगे तो यह बैड टच की श्रेणी में आता है. जैसे कोई व्यक्ति आपके प्राइवेट पार्ट्स को गलत तरीके से छूने की कोशिश करे तो बैड टच होता है. इसके अलावा कोई आपको प्यार से टच करे, जैसे आपके माथे पर हाथ फेरना या प्यार से गालों को खींचना. यह गुड टच की श्रेणी में आता है. वे कहती हैं कि "पेरेंट्स को बच्चों को उनके शरीर के बारे में जानकारी देनी चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि शरीर का कौन सा पार्ट प्राइवेट है. यदि कोई वहां टच करे तो इसका विरोध करना चहिए. पैरेंट्स या टीचर के अलावा पुलिस को तत्काल इसकी सूचना देनी चाहिए." एएसपी चंचल आगे कहती हैं " हमारी पुलिस बच्चियों को उनके अधिकार के बारे में बताने के लिए स्कूल कॉलेज में जाकर समझाइस दे रही है."
इस अभियान की शुरुआत क्यों करनी पड़ी: छत्तीसगढ़ में छेड़छाड़ के मामले तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में रायपुर के आमानाका थाना क्षेत्र में बैड टच का मामला सामने आया था. आरोप स्कूल के प्राचार्य पर लगा था. इस घटना के दूसरे दिन ही धरसीवां थाना क्षेत्र के एक स्कूल के प्रधान पाठक पर भी छात्रा ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. इसके बाद से विरोध के स्वर उठने शुरू हो गए थे. राजधानी में ही महिला पर हुए अपराध की बात करें तो जनवरी से जून माह में 10 महिलाओं की हत्या हुई है. दहेज प्रताड़ना समेत मारपीट और छेड़छाड़ के कुल 1063 मामले दर्ज हुए हैं. जिसकी वजह से राज्य सरकार ने "हमर बेटी हमर मान" अभियान की शुरुआत करने के निर्देश पुलिस को दिए हैं.
साइबर क्राइम की भी दे रहे जानकारी: पुलिस की ओर से महिला अपराध के साथ ही साइबर क्राइम की भी जानकारी दी जा रही है. जिसमें इंटरनेट या सोशल मीडिया में पोस्ट किए जा रहे अश्लील तश्वीर के बारे में भी बताया जा रहा है. साथ ही यह भी जानकारी दी जा रही है कि यदि इस तरह का कोई पोस्ट करता है तो पुलिस से कैसे संपर्क करें.