रायपुर: छत्तीसगढ़ में हिंदुओं को संगठित करने के उद्देश्य से 18 फरवरी से हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा निकाली गई है. इस यात्रा में संत पद यात्रा कर रहे हैं. यह यात्रा 17 मार्च की रात रायपुर पहुंचेगी. 19 मार्च को रावण भाठा मैदान में संकल्प धर्म सभा का आयोजन किया जाएगा. इस धर्म सभा में देशभर के संत शामिल होंगे.
इस यात्रा की व्यवस्था में कार्य कर रहे विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर वर्मा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. आईए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?
सवाल: हिंदुओं को संगठित करने के लिए संत द्वारा पद यात्रा निकाली गई है, इस यात्रा का उद्देश्य क्या है?
जवाब: हिंदू स्वाभिमान जागरण संत यात्रा अखिल भारतीय संत समिति छत्तीसगढ़ के ओर से निकाली गई है .इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव के जागरण करना हिंदू समाज में सामाजिक समरसता का रास्ता निकाला जाए और हिंदू संगठित हो. इसके साथ ही संगठन ने घोषणा किया है कि भारत हिंदू राष्ट्र है और हिंदू देश है इसलिए दुनिया में हिंदुओं में केवल देश है. वह भारत है इसलिए भारत को संवैधानिक दृष्टि से हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए. यह संतों का उद्घोष है और संत समाज के बीच में यह विषय रख रहे. हिंदू समाज में धर्मांतरण का वातावरण चल रहा है. हिंदू समाज को ही भी धर्मांतरण किया जा रहा है. हिंदू समाज की जनसंख्या का घटना ही राष्ट्रीय भाव का घटना है देश का बंटवारा धर्मांतरण के कारण और हिंदुओं की जनसंख्या कम होने के कारण हुआ था. इसलिए छत्तीसगढ़ में हिंदू समाज को धर्मांतरण मुक्त राज्य कैसे बनाएं इसलिए इस यात्रा के माध्यम से संत हिंदू समाज को जागृत कर रहे हैं.
सवाल: इस यात्रा की शुरुआत 18 फरवरी से हुई है. अब तक इस यात्रा ने कितना सफर तय किया है.
जवाब: अब तक यह यात्रा लगभग 600 किलोमीटर दूरी तय कर चुकी है. अलग-अलग यात्रा की अलग-अलग दूरियां हैं. यात्रा छत्तीसगढ़ के चार अलग जगहों से निकली है, जिसमें 500 से 600 किलोमीटर की दूरी है.यह यात्रा 17 तारीख रात्रि तक चारों दिशाओं से अगर यह यात्रा रायपुर पहुंचेगी. 18 मार्च को सुबह 9 बजे से संतों के नेतृत्व में यह यात्रा रायपुर के हर नगर के बस्तियों में नगरों में सामाजिक समरसता की चेतना के लिए उपेक्षित बस्ती में विशेषकर जाएंगे. उनसे आग्रह किया जाएगा कि इस यात्रा के धर्म सभा में सभी मिलकर भाग ले. सभी संकल्प लेकर संतों के साथ चलें.
19 मार्च को धर्म सभा का आयोजन रावणभाठा मैदान में किया गया हैं. पहले यज्ञ और पूजन किया जाएगा, यात्रा का शुभारंभ 4 शक्तिपीठ से हुआ था, सुबह 10 से 1 के बीच यज्ञ होगा. उस यज्ञ में पूर्णाहुति होगी. उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद संतों की संकल्प सभा होगी. इसमें रायपुर महानगर के हर बस्ती से हिंदू समाज के लोगों को आने का आग्रह किया गया. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों से लोग शामिल होंगे.
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सवाल:धर्म सभा में कहां-कहां से संत पहुंच रहे हैं?
जवाब: संत सभा में मुख्य रूप से जूना पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज उपस्थित रहेंगे. अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती, हरियाणा से संपूर्णानंद सरस्वती जो आर्य समाज के संत हैं. देहरादून से साध्वी प्राची, महामंडलेश्वर ज्योतिर्मयानंद महाराज, शदाणी दरबार के राष्ट्रीय संत युधिष्ठिर लाल महाराज, राजीव लोचन दास महाराज चित्रकूट से, बालक दास महाराज समेत चारों यात्राओं में जो संत शामिल हुए वह सारे संत आयोजन में रहेंगे. देश के अन्य संत भी कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में संतों की आने की संभावना है.
सवाल: लोगों का यह भी कहना है कि चुनाव के दौरान इस प्रकार की यात्रा निकाली जाती है? इसे लेकर आप क्या कहेंगे.
जवाब: चुनाव की दृष्टि से यात्रा की योजना संतो ने नहीं की है. लेकिन चुनाव का समय है तो यह बात सत्य है कि संतों की उद्घोषणा है. कोई भी राजा बने ऐसा नहीं चलेगा. राजा या प्रमुख वही बने जो राम के पुजारी और राम के हितेषी हो, राम को मानने वाले हो. राम विरोधी को किसी भी कीमत पर मुखिया बनने नहीं दिया जाएगा. हिंदू विरोधी धर्मांतरण में लिप्त, गौ तस्कर, गतिविधियों में लगे ना हो ऐसी किसी पार्टी या व्यक्ति को किसी भी प्रकार का कोई समर्थन नहीं किया जाएगा.
सवाल:रायपुर में यात्रा पहुंच रही है इस तरह की मुलाकात संत लोगों से करने वाले हैं?
जवाब: जो उपेक्षित बस्तियां हैं, एक संविधानिक भाषा में अनुसूचित जाति वर्ग के लोग, गरीब लोग, जिनके यहां समानता संतों का पहुंच नहीं होता है. जितने संत हैं ऐसी बस्तियों में जाएंगे, उनके घर भोजन और जलपान करेंगे और उनके बीच सत्संग करेंगे.
सवाल: सभी जाति और वर्ग में भेद है. क्या उन भेदों को मिटाने का प्रयाग इस यात्रा से हो रहा है?
जवाब: यह हिंदू समाज की कमी है, इस कमी को दूर करने की दृष्टि से संतो ने बीड़ा उठाया है. लोग अलग-अलग में बैठे नहीं हैं. वास्तव में यह कमियां है. दीपावली होली की रक्षा बंधन यह सारे पर्व कौन से जाति और कौन सा समाज नहीं मनाता कुंभ के मेले में कौन सा सनातनी हिंदू नहीं जाता. सभी लोग एक साथ जाते हैं लेकिन एकात्मक भाव की कमी है. इसलिए हिंदू समाज को जगाने का हम सब हिंदू और हम सब एक हैं. अलग-अलग जातियों में जो बैठे हैं. वह हिंदू समाज का एक अंग है. इन सभी को जोड़ दिया जाए तब हिंदू होता है. यही भाव सभी के बीच आना चाहिए, इसी दृष्टि से यह यात्रा निकाली गई है .
सवाल: 19 मार्च के धर्म सभा का आयोजन किया जाएगा, उसमें कितने लोग शामिल होंगे?
जवाब: 19 मार्च को प्रदेश भर से लोग शामिल होंगे और संत भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे. हमारा अनुमान है कि 50 हजार से ऊपर लोग धर्म सभा में शामिल होंने वाले है.