रायपुर: प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की जल्द पहचान कर उनका इलाज सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान चला रहा है. अभियान के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की मितानिनें हर बुधवार और गुरुवार को घर-घर जाकर कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों की पहचान करेंगी.
मितानिनों की रिपोर्ट के आधार पर विभाग द्वारा उनके स्वाब सैंपल की त्वरित जांच और पॉजिटिव पाए जाने पर इलाज की तत्काल व्यवस्था की जाएगी. यह अभियान 31 दिसम्बर 2020 तक संचालित किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने लोगों से कोरोना से संबंधित लक्षणों के बारे में खुलकर बताने और जल्दी जांच कराने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण की जल्द पहचान होने और जल्द इलाज मिलने से कोरोना के कारण होने वाली मौत को कम किया जा सकता है.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए प्रदेशभर की 72 हजार से ज्यादा मितानिनों और अन्य सपोर्ट स्टॉफ को प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षित मितानिनों ने बीते 28 अक्टूबर तक प्रदेश के कुल 35 लाख 17 हजार से ज्यादा घरों में कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए सर्वे किया है.
कोरोना जांच करने के लिए लोगों को किया जा रहा जागरुक
सर्वे के दौरान कोरोना से मिलते-जुलते लक्षणों वाले 61 हजार 195 व्यक्तियों की पहचान मितानिनों ने की थी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन चिन्हांकित लोगों के सैंपल की जांच की जा रही है. मितानिनें घर-घर जाकर बुखार, सर्दी, खांसी, सांस लेने में परेशानी, सूंघने या स्वाद की शक्ति में कमी आने, दस्त और उल्टी होने और बदन दर्द जैसे लक्षणों वाले लोगों की सूची बना रही हैं. इस तरह के लक्षण वाले व्यक्तियों को तत्काल जांच के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है.