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सृष्टि की 'सांसों' के लिए सीएम भूपेश बघेल से बात करेंगे स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव

छत्तीसगढ़ की 'तीरा' सृष्टि को बचाने के लिए भी उस इंजेक्शन की जरूरत है, जिस पर पीएम मोदी ने टैक्स माफ कर दिया था. ETV भारत ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव तक सृष्टि की बीमारी और उसे परिवार की स्थिति पहुंचाई है. सिंहदेव ने क्या आश्वासन दिया, देखिए...

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Published : Feb 17, 2021, 2:26 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 5:16 PM IST

Health Minister TS Singhdeo statement on 14-month old srishti of Bilaspur
बिलासपुर की 14 महीने की सृष्टि के मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का बयान

रायपुर: मुंबई की तीरा कामत की तरह छत्तीसगढ़ की सृष्टि की जान बचाने के लिए भी मदद की जरूरत है. मासूम (SMA) टाइप वन स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी से जूझ रही है. इस बीमारी से बचने के लिए बच्ची को भी 22 करोड़ रुपए के इंजेक्शन की जरूरत है, जिसमें करीब साढ़े 6 करोड़ रुपए टैक्स के हैं. ETV भारत ने आपसे मदद के लिए आगे आने की अपील की थी और अब बात ये बात सरकार तक पहुंचाई है. ETV भारत ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से सृष्टि के बारे में बात की है. सिंहदेव ने कहा कि वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में ये बात लाएंगे.

मंत्री टीएस सिंहदेव

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि इतनी बड़ी राशि राज्य सरकार की तरफ से देने की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला लाएंगे. इसके साथ ही कहा कि आयात शुल्क जो 6 करोड़ रुपये है, इसमें छूट दी जा सकती है.

'सृष्टि' को बचाने 22 करोड़ की जरूरत

15 फरवरी को बिलासपुर की 14 महीने की सृष्टि की खबर ETV भारत ने दिखाई थी. बच्ची (SMA) टाइप वन स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी से जूझ रही है. यही बीमारी मुंबई की तीरा कामत को भी है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बच्ची के इंजेक्शन पर लगने वाले टैक्स पर छूट दे दी है. सृष्टि को भी इंजेक्शन की जरूरत है. उसकी कीमत 16 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह जोलजेंसमा इंजेक्शन स्वीटजरलैंड की नोवार्टिस कंपनी तैयार करती है. इसमें तकरीबन साढ़े 6 करोड़ का आयात शुल्क देना होगा. मतलब इस बीमारी से बचने के लिए 22 करोड़ रुपये की जरूरत है. अपनी बेटी को बचाने के लिए पिता ने देशवासियों से मदद की गुहार लगाई है.

छत्तीसगढ़ की 'तीरा': सृष्टि को बचाने 22 करोड़ रुपये की जरूरत

14 महीने की मासूम सृष्टि

सृष्टि के पिता झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले हैं. वे वर्तमान में कोरबा जिले के दीपका स्थित एसईसीएल में कार्यरत हैं. सृष्टि का जन्म 22 नवंबर 2019 को हुआ. चार-पांच महीने तक सब सामान्य था. इसके बाद अचानक सृष्टि के हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिया. जांच के बाद पता चला कि बच्ची की गर्दन भी ठीक से काम नहीं कर रही है. जांच के लिए किसी बड़े डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी गई. जून 2020 में बच्ची के पिता उसे लेकर रायपुर के एक न्यूरोलॉजिस्ट के पास पहुंचे. वहां भी बीमारी का पता नहीं चला. बीते दिसंबर उसे वेल्लूर ले जाया गया, जहां सृष्टि के टेस्ट कराये गये. 23 जनवरी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सृष्टि एसएमए टाइप वन बीमारी से पीड़ित है.

इम्प्लांट ट्री इंटीग्रेशन कार्यक्रम

रायपुर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में दो दिवसीय इम्प्लांट ट्री इंटीग्रेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने शिरकत की और आयोजन का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के बाद स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा की.

रायपुर: मुंबई की तीरा कामत की तरह छत्तीसगढ़ की सृष्टि की जान बचाने के लिए भी मदद की जरूरत है. मासूम (SMA) टाइप वन स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी से जूझ रही है. इस बीमारी से बचने के लिए बच्ची को भी 22 करोड़ रुपए के इंजेक्शन की जरूरत है, जिसमें करीब साढ़े 6 करोड़ रुपए टैक्स के हैं. ETV भारत ने आपसे मदद के लिए आगे आने की अपील की थी और अब बात ये बात सरकार तक पहुंचाई है. ETV भारत ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से सृष्टि के बारे में बात की है. सिंहदेव ने कहा कि वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में ये बात लाएंगे.

मंत्री टीएस सिंहदेव

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि इतनी बड़ी राशि राज्य सरकार की तरफ से देने की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला लाएंगे. इसके साथ ही कहा कि आयात शुल्क जो 6 करोड़ रुपये है, इसमें छूट दी जा सकती है.

'सृष्टि' को बचाने 22 करोड़ की जरूरत

15 फरवरी को बिलासपुर की 14 महीने की सृष्टि की खबर ETV भारत ने दिखाई थी. बच्ची (SMA) टाइप वन स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी से जूझ रही है. यही बीमारी मुंबई की तीरा कामत को भी है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बच्ची के इंजेक्शन पर लगने वाले टैक्स पर छूट दे दी है. सृष्टि को भी इंजेक्शन की जरूरत है. उसकी कीमत 16 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह जोलजेंसमा इंजेक्शन स्वीटजरलैंड की नोवार्टिस कंपनी तैयार करती है. इसमें तकरीबन साढ़े 6 करोड़ का आयात शुल्क देना होगा. मतलब इस बीमारी से बचने के लिए 22 करोड़ रुपये की जरूरत है. अपनी बेटी को बचाने के लिए पिता ने देशवासियों से मदद की गुहार लगाई है.

छत्तीसगढ़ की 'तीरा': सृष्टि को बचाने 22 करोड़ रुपये की जरूरत

14 महीने की मासूम सृष्टि

सृष्टि के पिता झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले हैं. वे वर्तमान में कोरबा जिले के दीपका स्थित एसईसीएल में कार्यरत हैं. सृष्टि का जन्म 22 नवंबर 2019 को हुआ. चार-पांच महीने तक सब सामान्य था. इसके बाद अचानक सृष्टि के हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिया. जांच के बाद पता चला कि बच्ची की गर्दन भी ठीक से काम नहीं कर रही है. जांच के लिए किसी बड़े डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी गई. जून 2020 में बच्ची के पिता उसे लेकर रायपुर के एक न्यूरोलॉजिस्ट के पास पहुंचे. वहां भी बीमारी का पता नहीं चला. बीते दिसंबर उसे वेल्लूर ले जाया गया, जहां सृष्टि के टेस्ट कराये गये. 23 जनवरी को मिली रिपोर्ट के अनुसार सृष्टि एसएमए टाइप वन बीमारी से पीड़ित है.

इम्प्लांट ट्री इंटीग्रेशन कार्यक्रम

रायपुर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में दो दिवसीय इम्प्लांट ट्री इंटीग्रेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने शिरकत की और आयोजन का शुभारंभ किया. कार्यक्रम के बाद स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा की.

Last Updated : Feb 17, 2021, 5:16 PM IST
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