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कवर्धा में लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही भाजपा : सिंहदेव

रायपुर एयरपोर्ट में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सीएम को विशेषाधिकार है कि उन्हें जहां जरूरत समझ में आएगी, वहां वे पैसे दे सकते हैं. हमारे यहां उत्पादन से ज्यादा बिजली की खपत है. हम बिजली के लिए बाहरी प्रदेश पर निर्भर हैं. इसलिये समस्या है.

TS Singhdev
टीएस सिंहदेव
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Published : Oct 12, 2021, 11:03 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 11:14 PM IST

रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) मंगलवार को स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचे. स्वास्थ्य मंत्री ने पीएल पुनिया के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर कहा कि मुझे केवल उनके आने की जानकारी मिली है. पीसीसी (PCC) को जानकारी होगी कि पुनिया जी किन मुद्दों पर बात करना चाहते हैं. मिलने का समय मिलेगा तो हम लोग भी अवश्य मिलेंगे.

टीएस सिंहदेव
छत्तीसगढ़ में बिजली प्रोडक्शन से ज्यादा है खपत

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि मेरी जानकारी में यहां पर बिजली का प्रोडक्शन 3 हजार 500 मेगावाट है जबकि खपत 5000 मेगावाट है. खपत की बाकी बिजली अभी भी हम बाहर से लेते हैं. कहीं न कहीं बाहर से प्रोडक्शन प्रभावित हो रहा है. छत्तीसगढ़ में हम देख रहे हैं कि बिजली की सप्लाई प्रभावित हो रही है, क्योंकि हमारी जो खपत है, वह हमारे प्रोडक्शन से आज के समय में ज्यादा है.


मुख्यमंत्री ने वहां का दर्द समझा, इसलिए किसानों को दिये पैसे

लखीमपुर में मुख्यमंत्री जी ने पीड़ितों को पैसे देने की घोषणा की. इसे इस नजरिये से बिल्कुल नहीं देखा जाना चाहिए कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के पीड़ितों को यूपी में जाकर पैसे दिये. इसमें हल्कापन लाने की कोशिश करना कि यहां ऐसा हुआ तो ऐसा करेंगे सीएम और वहां ऐसा हुआ तो क्या करेंगे सीएम. पूर्व में भी मुझे लगता है कि सरकारों ने कई ऐसी घटनाओं में कुछ न कुछ सहायता राशि दी थी. यहां भी मुख्यमंत्री जी ने अगर दी है तो उसको सीमित परिवेश में देखना चाहिए. पूरे देश में किसान आंदोलन कर रहे हैं, कृषि संबंधित कानूनों को लेकर. मुख्यमंत्री जी का यह विशेषाधिकार है कि वे जहां-जहां वह समझते हैं, वहां सहायता कर सकते हैं.


भाजपा लोगों को भड़काने की कर रही कोशिश

जिस तरह से देश में समुदायों के बीच में धर्म को लेकर तोड़ने का काम आरएसएस से जुड़े कुछ संगठनों ने किया है, उसका लाभ लेने का प्रयास बीजेपी ने किया है. देश में दुर्भाग्य से ऐसा ही कुछ यहां भी देखने को मिला है. कवर्धा में मामला झंडे से चालू हुआ था. शांति समिति की दो बैठक हुई थी, जिसमें तय हुआ था कि झंडे वहां पर कोई नहीं लगाएगा. दोनों समुदाय का त्योहार है. कोई अप्रिय स्थिति न बने. इसी बीच उनमें से ही किसी एक के झंडे को दूसरे ने गिरा दिया. जिसने गिराया उसने अपना झंडा लगाया तो उसको दूसरे ने गिरा दिया. इस प्रकार की एक छोटी घटना मारपीट में तब्दील हो गई थी. अब उसका लाभ भुनाने की कोशिश कुछ लोग कर रहे हैं.

रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) मंगलवार को स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचे. स्वास्थ्य मंत्री ने पीएल पुनिया के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर कहा कि मुझे केवल उनके आने की जानकारी मिली है. पीसीसी (PCC) को जानकारी होगी कि पुनिया जी किन मुद्दों पर बात करना चाहते हैं. मिलने का समय मिलेगा तो हम लोग भी अवश्य मिलेंगे.

टीएस सिंहदेव
छत्तीसगढ़ में बिजली प्रोडक्शन से ज्यादा है खपत

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि मेरी जानकारी में यहां पर बिजली का प्रोडक्शन 3 हजार 500 मेगावाट है जबकि खपत 5000 मेगावाट है. खपत की बाकी बिजली अभी भी हम बाहर से लेते हैं. कहीं न कहीं बाहर से प्रोडक्शन प्रभावित हो रहा है. छत्तीसगढ़ में हम देख रहे हैं कि बिजली की सप्लाई प्रभावित हो रही है, क्योंकि हमारी जो खपत है, वह हमारे प्रोडक्शन से आज के समय में ज्यादा है.


मुख्यमंत्री ने वहां का दर्द समझा, इसलिए किसानों को दिये पैसे

लखीमपुर में मुख्यमंत्री जी ने पीड़ितों को पैसे देने की घोषणा की. इसे इस नजरिये से बिल्कुल नहीं देखा जाना चाहिए कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के पीड़ितों को यूपी में जाकर पैसे दिये. इसमें हल्कापन लाने की कोशिश करना कि यहां ऐसा हुआ तो ऐसा करेंगे सीएम और वहां ऐसा हुआ तो क्या करेंगे सीएम. पूर्व में भी मुझे लगता है कि सरकारों ने कई ऐसी घटनाओं में कुछ न कुछ सहायता राशि दी थी. यहां भी मुख्यमंत्री जी ने अगर दी है तो उसको सीमित परिवेश में देखना चाहिए. पूरे देश में किसान आंदोलन कर रहे हैं, कृषि संबंधित कानूनों को लेकर. मुख्यमंत्री जी का यह विशेषाधिकार है कि वे जहां-जहां वह समझते हैं, वहां सहायता कर सकते हैं.


भाजपा लोगों को भड़काने की कर रही कोशिश

जिस तरह से देश में समुदायों के बीच में धर्म को लेकर तोड़ने का काम आरएसएस से जुड़े कुछ संगठनों ने किया है, उसका लाभ लेने का प्रयास बीजेपी ने किया है. देश में दुर्भाग्य से ऐसा ही कुछ यहां भी देखने को मिला है. कवर्धा में मामला झंडे से चालू हुआ था. शांति समिति की दो बैठक हुई थी, जिसमें तय हुआ था कि झंडे वहां पर कोई नहीं लगाएगा. दोनों समुदाय का त्योहार है. कोई अप्रिय स्थिति न बने. इसी बीच उनमें से ही किसी एक के झंडे को दूसरे ने गिरा दिया. जिसने गिराया उसने अपना झंडा लगाया तो उसको दूसरे ने गिरा दिया. इस प्रकार की एक छोटी घटना मारपीट में तब्दील हो गई थी. अब उसका लाभ भुनाने की कोशिश कुछ लोग कर रहे हैं.

Last Updated : Oct 12, 2021, 11:14 PM IST
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