रायपुर: हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव की खास विधि से पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल तीज 18 सितंबर को मनाया जा रहा है. इस दिन तृतीया तिथि के चित्रा नक्षत्र वव विष्कुम्भकरण ऐन्द्र और मुद्गर योग बन रहा है, जो काफी शुभ माना जाता है. मध्य तुला राशि की चंद्रमा के साथ रवि योग में तीज की पूजा की जाएगी.
हरतालिका तीज में पूजा का शुभ मुहूर्त: हरतालिका तीज की पूजा के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं. पहला मुहूर्त सुबह 6 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 34 मिनट तक है. दूसरा मुहूर्त सुबह 9 बजकर 11 मिनट से सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक है. तीसरा मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 19 मिनट से शाम 7 बजकर 51 मिनट तक है. इन मुहूर्तों में पूजा-अर्चना काफी शुभ माना जाएगा.
कैसे होती है हरितालिका तीज की पूजा: हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं. शाम को मिट्टी से बने शिवजी और पार्वती जी की पूजा की जाती है. रात भर महिलाएं जागरण करती हैं. कई क्षेत्रों में सुहागिन महिलाएं अपने मायके में तीज पूजा करती हैं. महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए 24 घंटे निर्जल उपवास रखती हैं. इस दिन महिलाओं को भी सोलह ऋृंगार करने के बाद ही पूजा करती हैं. तीज के दूसरे दिन सुबह-सुबह पारण किया जाता है. कई लोग करेला की सब्जी से पारन करते हैं. कई लोग खीरा, तो कई जगहों पर जौ के सत्तू से पारण किया जाता है.
हरतालिका व्रत को महिलाएं श्रद्धा के साथ अपने पति के लंबी उम्र के लिए करती हैं. कई जगहों पर कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर के लिए ये निर्जल व्रत करती है. इस दिन भगवान शिव की खास विधि से पूजा अर्चना की जाती है. -विनीत शर्मा, पंडित
हरतालिका तीज में इन बात: इस पर्व में शिवजी के साथ माता पार्वती और गणेश की भी पूजा की जाती है. इस दिन गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र के साथ शिवजी की अनेकों मंत्रों का पाठ करना चाहिए. माता पार्वती को सुहाग पेटारी अर्पित किया जाता है. सुहाग पेटारी में सभी ऋृंगार का सामान होना चाहिए. कहते हैं इससे पती की आयु बढ़ती है. सुहाग पेटारी में कुमकुम, रोली, बंधन, चंदन, बिंदिया, टीका, नया वस्त्र, लाल चूड़ियां, सिंदूर आदि रहता है. इस दिन महिलाओं को भी सोलह ऋृंगार करने के बाद ही पूजा करनी चाहिए.
इस बार सोमवार को पड़ रहा तीज: हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. भगवान शिव का दिन सोमवार है. इस साल सोमवार के दिन तीज पड़ने के कारण ये व्रत और भी खास हो जाएगा. इन दिन महिलाएं श्रद्धा से तीज का निर्जल व्रत रखेंगी. शाम के समय ही तीज में पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है. इस दिन रात भर जगकर महिलाएं शिवजी-पार्वतीजी की पूजा अर्चना करती हैं. रात भर कीर्तन किया जाता है.