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Raipur Dharma Sansad: कालीचरण महाराज के विवादित बयान की अखाड़ा परिषद ने की निंदा

रायपुर धर्म संसद (Raipur Dharma Sansad) में कालीचरण महाराज के बयान की हरिद्वार के संतों ने निंदा की है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी (Mahant Ravindra Puri President of All India Akhara Parishad) ने कहा जो लोग पाखंड कर समाज में विष फैलाते हैं ऐसे लोगों पर शासन को अंकुश लगाना चाहिए.

Raipur Dharma Sansad
कालीचरण महाराज और महंत रविन्द्र पुरी महाराज
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Published : Dec 27, 2021, 10:14 PM IST

हरिद्वार: छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई धर्म संसद (Raipur Dharma Sansad) में कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) द्वारा दिए गए गांधी जी और इस्लामीकरण के बयान पर हरिद्वार के संतों ने प्रतिक्रिया दी है. संतों ने कहा गांधीजी के बारे में इस तरह की बयानबाजी करना उचित नहीं है. गांधी जी हमारे देश के महात्मा हैं. राष्ट्रपिता हैं. उनके संबंध में इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. संतों का कहना है गांधी जी राष्ट्रपिता हैं, राष्ट्रपिता थे और राष्ट्रपिता रहेंगे. संतों ने कहा अगर आपको राष्ट्रपिता से इतनी परेशानी है तो महात्मा गांधी के चित्र वाली जो मुद्रा प्रकाशित हो रही है पहले उसका बहिष्कार करो. तब मानेंगे कि आप गांधी के विरोधी हैं.

अखाड़ा परिषद ने की निंदा

महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी (Mahant Ravindra Puri) महाराज का कहना है कि, गांधी जी के विषय में जो भी शब्दों का प्रयोग किया है वह निंदनीय है. महात्मा गांधी देश के राष्ट्रपिता हैं. देश की आजादी में उनकी अहम भूमिका रही है. इसी हरिद्वार की पवित्र भूमि में ब्रह्मलीन श्रद्धानंद जी महाराज जिन्होंने गुरुकुल की स्थापना की थी. महर्षि दयानंद जी के शिष्य थे. उन्होंने ही उनको महात्मा की उपाधि दी थी.

पढ़ें- भाजपा-कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं को दिया टास्क, जनता से फीडबैक लेने में जुटे

वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी (निरंजनी अखाड़ा) ने कहा कि संन्यासियों के द्वारा उनको यह उपाधि प्रदान की गई. उसको हटाया नहीं जा सकता. जो लोग महात्मा गांधी के लिए इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते हैं. अगर वह गांधी जी के विरोधी हैं तो सर्वप्रथम उनको गांधीजी के चित्रों से जो भारत की मुद्रा पर चल रही है. उसका बहिष्कार करना चाहिए. तब माना जाएगा कि वे गांधी जी के विरोधी हैं. हर व्यक्ति की जेब में गांधी हैं. जो ऐसे लोग हैं, जो पाखंड पूर्ण वातावरण पैदा करके समाज में विष फैलाते हैं, ऐसे लोगों पर शासन को अंकुश लगाना चाहिए. ऐसे फर्जी महाराजाओं की जो बाढ़ आ गई है समाज में उस पर राज्य सरकारों को विशेष अंकुश लगाना चाहिए.

पढ़ें- साहब सिंह सैनी के समर्थकों ने पत्रकार को पीटा, पहली पत्नी के धरने पर बैठने को लेकर हरदा से पूछा था सवाल

महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि गांधी जी के बारे में अपशब्दों का प्रयोग करना उचित नहीं है. गांधी जी हमारे बापू हैं, राष्ट्रीय नेता रहे हैं. उन्होंने हमें आजादी दिलाई है. उनके बारे में गलत बातें करना उचित नहीं है. उन्होंने इसकी निंदा की है. रवींद्र पुरी ने कहा सभी को मर्यादा में रहकर बयान देना चाहिए.

हरिद्वार: छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुई धर्म संसद (Raipur Dharma Sansad) में कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) द्वारा दिए गए गांधी जी और इस्लामीकरण के बयान पर हरिद्वार के संतों ने प्रतिक्रिया दी है. संतों ने कहा गांधीजी के बारे में इस तरह की बयानबाजी करना उचित नहीं है. गांधी जी हमारे देश के महात्मा हैं. राष्ट्रपिता हैं. उनके संबंध में इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. संतों का कहना है गांधी जी राष्ट्रपिता हैं, राष्ट्रपिता थे और राष्ट्रपिता रहेंगे. संतों ने कहा अगर आपको राष्ट्रपिता से इतनी परेशानी है तो महात्मा गांधी के चित्र वाली जो मुद्रा प्रकाशित हो रही है पहले उसका बहिष्कार करो. तब मानेंगे कि आप गांधी के विरोधी हैं.

अखाड़ा परिषद ने की निंदा

महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी (Mahant Ravindra Puri) महाराज का कहना है कि, गांधी जी के विषय में जो भी शब्दों का प्रयोग किया है वह निंदनीय है. महात्मा गांधी देश के राष्ट्रपिता हैं. देश की आजादी में उनकी अहम भूमिका रही है. इसी हरिद्वार की पवित्र भूमि में ब्रह्मलीन श्रद्धानंद जी महाराज जिन्होंने गुरुकुल की स्थापना की थी. महर्षि दयानंद जी के शिष्य थे. उन्होंने ही उनको महात्मा की उपाधि दी थी.

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वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी (निरंजनी अखाड़ा) ने कहा कि संन्यासियों के द्वारा उनको यह उपाधि प्रदान की गई. उसको हटाया नहीं जा सकता. जो लोग महात्मा गांधी के लिए इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते हैं. अगर वह गांधी जी के विरोधी हैं तो सर्वप्रथम उनको गांधीजी के चित्रों से जो भारत की मुद्रा पर चल रही है. उसका बहिष्कार करना चाहिए. तब माना जाएगा कि वे गांधी जी के विरोधी हैं. हर व्यक्ति की जेब में गांधी हैं. जो ऐसे लोग हैं, जो पाखंड पूर्ण वातावरण पैदा करके समाज में विष फैलाते हैं, ऐसे लोगों पर शासन को अंकुश लगाना चाहिए. ऐसे फर्जी महाराजाओं की जो बाढ़ आ गई है समाज में उस पर राज्य सरकारों को विशेष अंकुश लगाना चाहिए.

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महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि गांधी जी के बारे में अपशब्दों का प्रयोग करना उचित नहीं है. गांधी जी हमारे बापू हैं, राष्ट्रीय नेता रहे हैं. उन्होंने हमें आजादी दिलाई है. उनके बारे में गलत बातें करना उचित नहीं है. उन्होंने इसकी निंदा की है. रवींद्र पुरी ने कहा सभी को मर्यादा में रहकर बयान देना चाहिए.

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