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लॉकडाउन ने सूना किया गुड्डे-गुड़ियों का बाजार, कुम्हारों के सामने एक बार फिर रोजी-रोटी की चिंता

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Published : May 11, 2021, 11:08 PM IST

Updated : May 12, 2021, 12:52 PM IST

हर साल की तरह इस साल भी कुम्हार परिवार अक्षय तृतीया के लिए मिट्टी से बने रंग-बिरंगे दूल्हा और दुल्हन बनाकर दुकान लगाकर बेच रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन और कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने इस बाजार पर ग्रहण लगा दिया है. इक्का-दुक्का ग्राहक ही इन दुकानों पर गुड्डा गुड़िया खरीदने पहुंच रहे हैं. जिससे कुम्हार परिवारों में उदासी और मायूसी देखने को मिल रही है.

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सूना पड़ा गुड्डे गुड़ियों का बाजार

रायपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में लॉकडाउन लगा हुआ है. रायपुर जिले में लॉकडाउन को बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया. इस लॉकडाउन का असर 14 मई को होने वाले अक्षय तृतीया के पर्व पर देखने को मिल रहा है. अक्षय तृतीया के दिन बाजार में मिट्टी से बने गुड्डे गुड़ियों की ज्यादा मांग रहती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से गुड्डे गुड़ियो का ये बाजार ठप हो गया है. कुम्हार परिवारों को ग्राहकों का इंतजार है, लेकिन बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है.

सूना पड़ा गुड्डे गुड़ियों का बाजार

अक्षय तृतीया के दिन भले ही शादियों का मुहूर्त न हो लेकिन इस शुभ मुहूर्त पर बड़ी संख्या में शादियां रचाई जाती है. इस दिन गुड्डे गुड़ियों की शादी करने की परंपरा है. जिसे ग्रामीण अंचलों के साथ-साथ शहर में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से लोगों में उत्साह भी कम देखने को मिल रहा है. दुकानदार भी ग्राहकों के इंतजार में बैठे हैं.

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गुड्डा गुड़िया

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पूरी रस्म के साथ की जाती है शादी

छत्तीसगढ़ की परंपरा के मुताबिक नन्हे बच्चे 1 दिन पहले से ही गुड्डे गुड़ियों की शादी की तैयारियों में लग जाते हैं. मंडप सजा कर तेल हल्दी चढ़ाया जाता है. शादी में होने वाले रस्मों को पूरा करके दूसरे दिन गुड्डे गुड़ियों को सजाकर सेहरा बांधकर, गुड्डे गुड़ियों की शादी रचाई जाती है.

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ग्राहक का इंतजार

कुम्हार परिवारों को रोजी रोटी की चिंता

गर्मी बढ़ने के साथ ही कुम्हार परिवारों ने मिट्टी के घड़े और सुराही बेचने के लिए अपनी दुकान लगाई, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन ने इनकी रोजी रोटी पर पानी फेर दिया. अब 14 मई को होने वाले अक्षय तृतीया के त्योहार पर भी पानी फिरता दिख रहा है. रायपुर जिले में 17 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन में कुम्हार परिवार अपनी गृहस्थी की चिंता में घर के लिए आवश्यक सामग्री जुटाने में लगे हुए हैं. उन्हें रोजी रोटी की चिंता भी सताने लगी है. अक्षय तृतीया के दिन जल मिट्टी और कलश तीनों के अलग-अलग दान का महत्व है. मान्यता है कि अगर मिट्टी के कलश में जल भरकर दान किया जाए तो एक साथ नौ ग्रहों की शांति होती है. साथ में 3 शुभ सामग्री के दान का पुण्य लाभ भी मिलता है.

रायपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रायपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में लॉकडाउन लगा हुआ है. रायपुर जिले में लॉकडाउन को बढ़ाकर 17 मई तक कर दिया गया. इस लॉकडाउन का असर 14 मई को होने वाले अक्षय तृतीया के पर्व पर देखने को मिल रहा है. अक्षय तृतीया के दिन बाजार में मिट्टी से बने गुड्डे गुड़ियों की ज्यादा मांग रहती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से गुड्डे गुड़ियो का ये बाजार ठप हो गया है. कुम्हार परिवारों को ग्राहकों का इंतजार है, लेकिन बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है.

सूना पड़ा गुड्डे गुड़ियों का बाजार

अक्षय तृतीया के दिन भले ही शादियों का मुहूर्त न हो लेकिन इस शुभ मुहूर्त पर बड़ी संख्या में शादियां रचाई जाती है. इस दिन गुड्डे गुड़ियों की शादी करने की परंपरा है. जिसे ग्रामीण अंचलों के साथ-साथ शहर में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से लोगों में उत्साह भी कम देखने को मिल रहा है. दुकानदार भी ग्राहकों के इंतजार में बैठे हैं.

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गुड्डा गुड़िया

अबूझ मूहुर्त में मनाई जाएगी अक्षय तृतीया, जानिए राशियों पर प्रभाव

पूरी रस्म के साथ की जाती है शादी

छत्तीसगढ़ की परंपरा के मुताबिक नन्हे बच्चे 1 दिन पहले से ही गुड्डे गुड़ियों की शादी की तैयारियों में लग जाते हैं. मंडप सजा कर तेल हल्दी चढ़ाया जाता है. शादी में होने वाले रस्मों को पूरा करके दूसरे दिन गुड्डे गुड़ियों को सजाकर सेहरा बांधकर, गुड्डे गुड़ियों की शादी रचाई जाती है.

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ग्राहक का इंतजार

कुम्हार परिवारों को रोजी रोटी की चिंता

गर्मी बढ़ने के साथ ही कुम्हार परिवारों ने मिट्टी के घड़े और सुराही बेचने के लिए अपनी दुकान लगाई, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन ने इनकी रोजी रोटी पर पानी फेर दिया. अब 14 मई को होने वाले अक्षय तृतीया के त्योहार पर भी पानी फिरता दिख रहा है. रायपुर जिले में 17 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन में कुम्हार परिवार अपनी गृहस्थी की चिंता में घर के लिए आवश्यक सामग्री जुटाने में लगे हुए हैं. उन्हें रोजी रोटी की चिंता भी सताने लगी है. अक्षय तृतीया के दिन जल मिट्टी और कलश तीनों के अलग-अलग दान का महत्व है. मान्यता है कि अगर मिट्टी के कलश में जल भरकर दान किया जाए तो एक साथ नौ ग्रहों की शांति होती है. साथ में 3 शुभ सामग्री के दान का पुण्य लाभ भी मिलता है.

Last Updated : May 12, 2021, 12:52 PM IST
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