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Guru govind singh jayanti 2022 : खालसा पंथ की नींव रखने वाले साहसी गुरू की कहानी - गुरु गोविंद सिंह जयंती कब

29 दिसंबर को सिख धर्म के 10वें गुरु, महान योद्धा, कवि और आध्यात्मिक गुरु गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती मनाई Guru govind singh jayanti 2022 जाती है. सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी tenth Guru of Sikhs Guru Govind Singh की जयंती नानकशाही कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष पौष महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. सिख समुदाय के लोग अपने 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह के जन्मदिन को बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं. इस पर्व को हर वर्ष प्रकाश पर्व के रूप मनाया जाता है. अपने गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा अर्पित करने और उनके जीवन के दर्शन के लिए जयंती से पहले ही जगह जगह प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं.

foundation of Khalsa Panth
खालसा पंथ की नींव रखने वाले गुरु गोविंद सिंह
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Published : Dec 27, 2022, 4:05 PM IST

Updated : Dec 29, 2022, 7:03 AM IST

Guru govind singh jayanti 2022 गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है. दिनभर लंगर लगाया जाता है. गुरु गोविंद सिंह ने ही खालसा पंथ की स्थापना की foundation of Khalsa Panth थी. यह घटना सिख समुदाय के इतिहास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण घटना मानी गई है. 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह एक बहादुर योद्धा और आध्यात्मिक महापुरुष थे. गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर भजन, कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन होता है.

गुरु गोविंद सिंह जयंती कब: नानकशाही कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष पौष माह की सप्तमी तिथि पर गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 22 दिसंबर 1666 में गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ Story of courageous Guru था. इस दिन जगह जगह पर गुरु के बलिदान और उनके जीवन से जुड़े कई तरह कार्यक्रम दिखाए जाते हैं. प्रकाश पर्व के अवसर पर आइए जानते हैं गुरु गोविंद सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें.

  • गुरु गोविंद सिंह सिख धर्म के दसवें गुरु 10th Guru of the Sikhs थे. इन्होंने ही बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना foundation of Khalsa Panth की थी.
  • गुरु गोविंद सिंह जी ने ही खालसा वाणी, 'वाहे गुरु की खालसा, वाहेगुरु की फतह' दिया था. खालसा पंथ की स्थापना के पीछे धर्म की रक्षा करना और मुगलों के अत्याचारों से मुक्ति दिलाना था.
  • खालसा पंथ में ही गुरु ने जीवन के पांच सिद्धांत बताए थे. जिसे पंच ककार के नाम से जाना जाता है. ये पांच ककार को हर खालसा सिख को पालन करना अनिवार्य है. इन पांच ककार हैं- केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा
  • गुरु तेग बहादुर की शहादत के बाद मात्र 9 साल की उम्र में गुरु गोविंद सिंह ने गुरु की जिम्मेदारी ली. धनुष- बाण, तलवार, भाला चलाने की कला भी सीखी. फिर अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में गुजार दिया
  • गुरु गोविंद सिंह एक महान योद्धा होने के साथ कई भाषाओं के जानकार और विद्वान महापुरुष थे। इन्हें पंजाबी, फारसी, अरबी, संस्कृत और उर्दू समेत कई भाषाओं की अच्छी जानकारी थी।
  • सिख धर्म में कुल 10 गुरु हुए. गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के 10वें और आखिरी गुरु थे. 10वें गुरु के बाद ही गुरु ग्रंथ साहिब को सर्वोच्च गुरु का दर्जा दिया गया था. 10वें गुरु की परंपरा के बाद ही गुरु ग्रंथ साहिब को पवित्र और अहम माना गया.
  • गुरु गोविंद सिंह के बचपन का नाम गोविंद राय था. साल 1699 में बैसाखी के दिन गुरु पंच प्यारों से अमृत छककर गोविंद राय से गुरु गोविंद सिंह हुए.
  • गुरु गोविंद सिंह का तीन बार विवाह हुआ था जिससे कुल चार संतानें हुई थी- जुझार सिंह, जोरावर सिंह, फतेह सिंह और अजीत सिंह.

Guru govind singh jayanti 2022 गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है. दिनभर लंगर लगाया जाता है. गुरु गोविंद सिंह ने ही खालसा पंथ की स्थापना की foundation of Khalsa Panth थी. यह घटना सिख समुदाय के इतिहास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण घटना मानी गई है. 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह एक बहादुर योद्धा और आध्यात्मिक महापुरुष थे. गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर भजन, कीर्तन, अरदास और लंगर का आयोजन होता है.

गुरु गोविंद सिंह जयंती कब: नानकशाही कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष पौष माह की सप्तमी तिथि पर गुरु गोविंद सिंह की जयंती मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 22 दिसंबर 1666 में गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ Story of courageous Guru था. इस दिन जगह जगह पर गुरु के बलिदान और उनके जीवन से जुड़े कई तरह कार्यक्रम दिखाए जाते हैं. प्रकाश पर्व के अवसर पर आइए जानते हैं गुरु गोविंद सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें.

  • गुरु गोविंद सिंह सिख धर्म के दसवें गुरु 10th Guru of the Sikhs थे. इन्होंने ही बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना foundation of Khalsa Panth की थी.
  • गुरु गोविंद सिंह जी ने ही खालसा वाणी, 'वाहे गुरु की खालसा, वाहेगुरु की फतह' दिया था. खालसा पंथ की स्थापना के पीछे धर्म की रक्षा करना और मुगलों के अत्याचारों से मुक्ति दिलाना था.
  • खालसा पंथ में ही गुरु ने जीवन के पांच सिद्धांत बताए थे. जिसे पंच ककार के नाम से जाना जाता है. ये पांच ककार को हर खालसा सिख को पालन करना अनिवार्य है. इन पांच ककार हैं- केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा
  • गुरु तेग बहादुर की शहादत के बाद मात्र 9 साल की उम्र में गुरु गोविंद सिंह ने गुरु की जिम्मेदारी ली. धनुष- बाण, तलवार, भाला चलाने की कला भी सीखी. फिर अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में गुजार दिया
  • गुरु गोविंद सिंह एक महान योद्धा होने के साथ कई भाषाओं के जानकार और विद्वान महापुरुष थे। इन्हें पंजाबी, फारसी, अरबी, संस्कृत और उर्दू समेत कई भाषाओं की अच्छी जानकारी थी।
  • सिख धर्म में कुल 10 गुरु हुए. गुरु गोविंद सिंह जी सिखों के 10वें और आखिरी गुरु थे. 10वें गुरु के बाद ही गुरु ग्रंथ साहिब को सर्वोच्च गुरु का दर्जा दिया गया था. 10वें गुरु की परंपरा के बाद ही गुरु ग्रंथ साहिब को पवित्र और अहम माना गया.
  • गुरु गोविंद सिंह के बचपन का नाम गोविंद राय था. साल 1699 में बैसाखी के दिन गुरु पंच प्यारों से अमृत छककर गोविंद राय से गुरु गोविंद सिंह हुए.
  • गुरु गोविंद सिंह का तीन बार विवाह हुआ था जिससे कुल चार संतानें हुई थी- जुझार सिंह, जोरावर सिंह, फतेह सिंह और अजीत सिंह.
Last Updated : Dec 29, 2022, 7:03 AM IST
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