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SPECIAL: सरकार के ऐतिहासिक धान खरीदी के दावों पर विपक्ष के सवाल, ऐसी हैं तैयारियां - बेमौसम बारिश से परेशानी

देश के कई जिलों से टोकन वितरण में बदइंतजामी की खबरों के बीच बेमौसम बारिश ने भी अन्नदाता के माथे पर बल डाल दिए हैं. एक तरफ जहां सरकार का दावा है कि इस बार धान खरीदी ऐतिहासिक होगी, वहीं भाजपा का कहना है कि ये चौतरफा बर्बादी है.

preparation for paddy purchase
धान खरीदी की तैयारियां
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Published : Nov 28, 2020, 5:01 PM IST

Updated : Nov 28, 2020, 5:07 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी एक दिसंबर से शुरू होगी. 27 नवंबर से खरीदी के लिए टोकन वितरण भी शुरू हो गया है. सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी तरह की परेशानी किसानों को न हो इसे सुनिश्चित किया जाए. प्रदेश के कई जिलों से टोकन वितरण में बदइंतजामी की खबरों के बीच बेमौसम बारिश ने भी अन्नदाता के माथे पर बल डाल दिए हैं. एक तरफ जहां सरकार का दावा है कि इस बार धान खरीदी ऐतिहासिक होगी, वहीं भाजपा का कहना है कि ये चौतरफा बर्बादी है.

धान खरीदी की तैयारियां

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि धान खरीदी सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए व्यापक तैयारी कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐतिहासिक धान खरीदी होगी. इस बार 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. प्राथमिक सोसायटियों का विस्तार किया गया है. नए खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि बारिश तूफान का प्रभाव है, इससे खरीदी प्रभावित नहीं होगी.

पढ़ें: धान खरीदी: नया कैसे रखेंगे जब केंद्रों में सड़ रहा है पुराना धान, कितना तैयार बिलासपुर ?

धान खरीदी को लेकर तैयारियां

  • छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर 2020-21 में 21 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है.
  • पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष 2लाख 49 हजार अतिरिक्त किसानों ने धान बेचने पंजीयन कराया है.
  • किसानों का पंजीयन बढ़ने के साथ ही खेती के रकबे में भी बढ़ोतरी हुई है.
  • किसानों की सुविधा के लिए राज्य में करीब 260 नए धान उपार्जन केंद्र खोले गए हैं.
  • इन केंद्रों में चबूतरा निर्माण सहित केंद्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा व्यवस्था, ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, ताल पत्री, काटा वार्ड सत्यापन बोर्ड लगाने जैसे कार्य ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं.
  • राज्य में खरीदी केंद्रों के दोनों चरणों में 7620 चबूतरों का निर्माण कराने स्वीकृति दी गई है.
  • जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है, वहां 30 नवंबर तक की मियाद दी गई है.

सीमा से लगे 33 केंद्रों में निगरानी

साथ ही राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि में बिना अनुमति अन्य राज्यों से धान आयात को रोकने की जिम्मेदारी सभी जिलों के जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन और संबद्ध विभाग को सौंपी गई है. इसे रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों की सीमा से लगे 33 खरीदी केंद्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं. इतना ही नहीं अवैध परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश सभी को दिए गए हैं.

पढ़ें: LIVE UPDATE: धान खरीदी के लिए टोकन वितरण के दूसरे दिन भी बदइंतजामी, किसान परेशान

भाजपा ने खरीदी व्यवस्था पर उठाया सवाल

वहीं धान खरीदी को लेकर सरकार की व्यवस्था पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाए हैं. पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि पहले दिन से बीजेपी ने एक नवंबर से धान खरीदे जाने का समर्थन किया है. लेकिन सरकार ने एक महीने की देरी कर दी. उन्होंने धान खरीदी में देरी को सरकार की फेल प्लानिंग और चौतरफा नुकसान बताया है.

खराब मौसम से हो रहा धान खराब

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि लगातार प्रदेश में मौसम खराब होने के चलते किसानों का धान खराब हो रहा है. फसल काटने के बाद भी लोग सहेज कर रखने को हैं. प्रदेश में करीब 60 हजार टन से ज्यादा धान खराब हो गया है. सरकार की नीति स्पष्ट नहीं होने के कारण जनता और किसान दोनों का नुकसान हो रहा है. बहुत से किसानों से सरकार धान खरीदी में देरी होने के कारण धान नहीं काटे थे ऐसे में फसल भी बारिश से बर्बाद हो रही है. सरकार की नीतियों से किसान बहुत परेशान हैं.

पढ़ें: धान खरीदी: नया कैसे रखेंगे जब केंद्रों में सड़ रहा है पुराना धान, कितना तैयार बिलासपुर ?

अन्नदाता को परेशान

सरकार एक दिसंबर से होने वाली धान खरीदी के लिए भले बड़े-बड़े दावे कर रही हो लेकिन हकीकत ये है कि कहीं बदइंतजामी तो कहीं मौसम ने अन्नदाता को परेशान कर रखा है. ETV भारत ने केंद्रों का जायजा लिया तो कहीं शौचालय नहीं मिला, तो कहीं पुराना धान सड़ रहा है. देखते हैं इन मुसीबतों के बीच सरकार सफल धान खरीदी कैसे कर पाती है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी एक दिसंबर से शुरू होगी. 27 नवंबर से खरीदी के लिए टोकन वितरण भी शुरू हो गया है. सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी तरह की परेशानी किसानों को न हो इसे सुनिश्चित किया जाए. प्रदेश के कई जिलों से टोकन वितरण में बदइंतजामी की खबरों के बीच बेमौसम बारिश ने भी अन्नदाता के माथे पर बल डाल दिए हैं. एक तरफ जहां सरकार का दावा है कि इस बार धान खरीदी ऐतिहासिक होगी, वहीं भाजपा का कहना है कि ये चौतरफा बर्बादी है.

धान खरीदी की तैयारियां

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि धान खरीदी सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए व्यापक तैयारी कर ली गई हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐतिहासिक धान खरीदी होगी. इस बार 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. प्राथमिक सोसायटियों का विस्तार किया गया है. नए खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि बारिश तूफान का प्रभाव है, इससे खरीदी प्रभावित नहीं होगी.

पढ़ें: धान खरीदी: नया कैसे रखेंगे जब केंद्रों में सड़ रहा है पुराना धान, कितना तैयार बिलासपुर ?

धान खरीदी को लेकर तैयारियां

  • छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर 2020-21 में 21 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है.
  • पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष 2लाख 49 हजार अतिरिक्त किसानों ने धान बेचने पंजीयन कराया है.
  • किसानों का पंजीयन बढ़ने के साथ ही खेती के रकबे में भी बढ़ोतरी हुई है.
  • किसानों की सुविधा के लिए राज्य में करीब 260 नए धान उपार्जन केंद्र खोले गए हैं.
  • इन केंद्रों में चबूतरा निर्माण सहित केंद्र के चारों तरफ सुरक्षा के लिए घेरा व्यवस्था, ड्रेनेज सिस्टम, बारदाना, ताल पत्री, काटा वार्ड सत्यापन बोर्ड लगाने जैसे कार्य ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं.
  • राज्य में खरीदी केंद्रों के दोनों चरणों में 7620 चबूतरों का निर्माण कराने स्वीकृति दी गई है.
  • जिन जिलों में चबूतरा निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पाया है, वहां 30 नवंबर तक की मियाद दी गई है.

सीमा से लगे 33 केंद्रों में निगरानी

साथ ही राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि में बिना अनुमति अन्य राज्यों से धान आयात को रोकने की जिम्मेदारी सभी जिलों के जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन और संबद्ध विभाग को सौंपी गई है. इसे रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों की सीमा से लगे 33 खरीदी केंद्रों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं. इतना ही नहीं अवैध परिवहन करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश सभी को दिए गए हैं.

पढ़ें: LIVE UPDATE: धान खरीदी के लिए टोकन वितरण के दूसरे दिन भी बदइंतजामी, किसान परेशान

भाजपा ने खरीदी व्यवस्था पर उठाया सवाल

वहीं धान खरीदी को लेकर सरकार की व्यवस्था पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाए हैं. पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि पहले दिन से बीजेपी ने एक नवंबर से धान खरीदे जाने का समर्थन किया है. लेकिन सरकार ने एक महीने की देरी कर दी. उन्होंने धान खरीदी में देरी को सरकार की फेल प्लानिंग और चौतरफा नुकसान बताया है.

खराब मौसम से हो रहा धान खराब

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि लगातार प्रदेश में मौसम खराब होने के चलते किसानों का धान खराब हो रहा है. फसल काटने के बाद भी लोग सहेज कर रखने को हैं. प्रदेश में करीब 60 हजार टन से ज्यादा धान खराब हो गया है. सरकार की नीति स्पष्ट नहीं होने के कारण जनता और किसान दोनों का नुकसान हो रहा है. बहुत से किसानों से सरकार धान खरीदी में देरी होने के कारण धान नहीं काटे थे ऐसे में फसल भी बारिश से बर्बाद हो रही है. सरकार की नीतियों से किसान बहुत परेशान हैं.

पढ़ें: धान खरीदी: नया कैसे रखेंगे जब केंद्रों में सड़ रहा है पुराना धान, कितना तैयार बिलासपुर ?

अन्नदाता को परेशान

सरकार एक दिसंबर से होने वाली धान खरीदी के लिए भले बड़े-बड़े दावे कर रही हो लेकिन हकीकत ये है कि कहीं बदइंतजामी तो कहीं मौसम ने अन्नदाता को परेशान कर रखा है. ETV भारत ने केंद्रों का जायजा लिया तो कहीं शौचालय नहीं मिला, तो कहीं पुराना धान सड़ रहा है. देखते हैं इन मुसीबतों के बीच सरकार सफल धान खरीदी कैसे कर पाती है.

Last Updated : Nov 28, 2020, 5:07 PM IST
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