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राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस : राज्यपाल ने शहीदों की शहादत को किया याद

राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर राज्यपाल और शहीदों के परिजनों ने शहीदों की शहादत को याद किया.

राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस
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Published : Oct 21, 2019, 3:42 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 4:15 PM IST

रायपुर : आज 21 अक्टूबर राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस पर माना कैंप स्थित चौथी बटालियन में राज्यपाल और शहीदों के परिजनों ने शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल अनसुइया उइके ने कहा कि 'मैं शहीदों को नमन करती हूं और उनके प्रति देश कृतज्ञ हैं. जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया. ये गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के जवान विपरीत परिस्थितियों में भी बहादुरी डटे रहे'.

'नक्सलवाद दूर करने की दिशा में अहम योगदान'

DGP डीएम अवस्थी ने बताया कि 'जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण कुर्बान किए उनकी याद में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ में बहुत बड़ा भू-भाग नक्सल प्रभावित है जहां हमारे सुरक्षा बलों ने उनसे लड़ते हुए 19 साल में अपनी शहादत दी है. छत्तीसगढ़ पुलिस न केवल कानून व्यवस्था के लिए बल्कि नक्सलवाद को दूर करने की दिशा में अहम योगदान दिया है'.

ताम्रध्वज साहू भी रहे मौजूद

बता दें कि राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है. कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, विधायक सत्यनारायण शर्मा उपस्थित रहे.

रायपुर : आज 21 अक्टूबर राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस पर माना कैंप स्थित चौथी बटालियन में राज्यपाल और शहीदों के परिजनों ने शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया.

राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल अनसुइया उइके ने कहा कि 'मैं शहीदों को नमन करती हूं और उनके प्रति देश कृतज्ञ हैं. जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया. ये गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के जवान विपरीत परिस्थितियों में भी बहादुरी डटे रहे'.

'नक्सलवाद दूर करने की दिशा में अहम योगदान'

DGP डीएम अवस्थी ने बताया कि 'जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण कुर्बान किए उनकी याद में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ में बहुत बड़ा भू-भाग नक्सल प्रभावित है जहां हमारे सुरक्षा बलों ने उनसे लड़ते हुए 19 साल में अपनी शहादत दी है. छत्तीसगढ़ पुलिस न केवल कानून व्यवस्था के लिए बल्कि नक्सलवाद को दूर करने की दिशा में अहम योगदान दिया है'.

ताम्रध्वज साहू भी रहे मौजूद

बता दें कि राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है. कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, विधायक सत्यनारायण शर्मा उपस्थित रहे.

Intro:रायपुर। आज 21 अक्टूबर राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस पर माना कैंप स्थित चौथी बटालियन में राज्यपाल सहित शहीदों के परिजनों पहुंचकर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल अनसुइया उइके ने देश के लिए प्राण आहूत कर चुके शहीदों के बलिदान की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा, मैं शहीदों को नमन करती हूं और उनके प्रति देश कृतज्ञ हैं, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए देश की रक्षा के लिए बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि ये गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के जवान विपरीत परिस्थितियों में भी बहादुरी डटे रहे। इस दौरान गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, विधायक सत्यनारायण शर्मा उपस्थित रहे।Body:डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिन्होंने देश रक्षा में अपने प्राण कुर्बान किए हैं उनको याद करते हैं। हमारे छत्तीसगढ़ में बहुत बड़ा भू भाग नक्सल प्रभावित है जहां हमारे सुरक्षा बलों ने उनसे लड़ते हुए 19 वर्षों में अपनी शहादत दी है। छत्तीसगढ़ पुलिस न केवल कानून व्यवस्था के लिए बल्कि नक्सलवाद से लड़ने के लिए और कुछ वर्षों में माओवाद के प्रति हिंसा को पुलिस ने सभी के सहयोग से रोका है।
Conclusion:इसलिए मनाया जाता पुलिस स्मृति दिवस

बता दें कि राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। पुलिस स्मरण दिवस के महत्व के बारे में सीआरपीएफ की बहादुरी का एक किस्सा है, गौरतलब है कि आज से 55 साल पहले 21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख में तीसरी बटालियन की एक कम्पनी को भारत – तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में ‘हाट-स्प्रिंग‘ में तैनात किया गया था। कम्पनी को टुकड़ियों में बांटकर चौकसी करने को कहा गया। जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल ‘हाट-स्प्रिंग‘ में गश्त कर रहा था, तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया। तब बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया। मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। उन्हीं जवानों की याद में राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।

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Last Updated : Oct 21, 2019, 4:15 PM IST
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