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रायपुर: ETV भारत से मजदूरों की गुहार, बोले-मां-बाप की याद आ रही है घर भिजवा दो

डेढ़ महीने पहले सभी की जिंदगी सामान्य रूप से चल रही थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया थम गई. लोगों की जीवन शैली में बहुत बड़ा बदलाव आया है. मजदूर परेशान हैं, व्यापार चौपट हो चुका है. फन वर्ल्ड फेयर मीना बाजार में लगे झूला संचालक और मजदूर परेशान हैं. सभी मजदूर घर भिजवाने का आग्रह कर रहे हैं.

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ETV भारत से मजदूरों की गुहार
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Published : May 11, 2020, 2:19 PM IST

Updated : May 11, 2020, 9:37 PM IST

रायपुर: कोविड 19 के कारण अर्थव्यवस्था तो प्रभावित हुई है, वहीं व्यापार भी प्रभावित हुआ है. हर साल की तरह इस साल भी रायपुर के गॉस मेमोरियल ग्राउंड में फन वर्ल्ड फेयर मीना बाजार का आयोजन किया गया था. इस दौरान अन्य प्रदेशों से मजदूर और झूला लगाने वाले लोग यहां पहुंचे हुए थे. मीना बाजार की शुरुआत 15 मार्च से होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 कोरोना के कारण 31 मार्च तक के लिए उसकी शुरुआत नहीं हो पाई. उसके बाद अब तक इस बाजार पर कोरोना का साया मंडरा रहा है. फन वर्ल्ड फेयर मीना बाजार के प्रबंधक शेख तमन्ना हुसैन से ETV भारत ने बातचीत की.

मजदूरों की गुहार

मीना बाजार के प्रबंधक ने बताया कि झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के स्टाफ यहां आए हुए हैं. वहीं छत्तीसगढ़ से भी कुछ कर्मचारी यहां मौजूद हैं. अभी तक वे 25 से 30 लाख रुपए का खर्च कर चुके हैं, जिसमें से 35 मजदूरों को उनका पेमेंट और उन्हें भोजन की व्यवस्था भी कर रहे हैं. अब उनके पास मजदूरों को घर भेजना ही एक उपाय है. मजदूर सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें, इसके लिए सभी का रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. इस वजह से श्रमिक परेशान भी हैं. उनका कहना है कि अभी स्टाफ को उनके घर भेजना ही जरूरी है. जब प्रशासन आदेश करेगा, तो उन्हें वापस बुलाकर मेला प्रारंभ किया जाएगा. प्रबंधक ने बताया कि अगर अभी तक मेला शुरू रहता, तो वह अच्छी आमदनी कर चुके होते.

कवर्धा: लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को पंडरिया के युवा खिला रहे खाना

मजदूरों ने ETV भारत से घर भेजवाने लगाई गुहार
फन वर्ल्ड फेयर में झूला चलाने वाले मजदूरों से जब ETV भारत ने बातचीत की, तो उनका दर्द छलक उठा. मजदूरों ने बताया कि वह बिहार से हैं, जो झूला चलाने का काम करते हैं. मजदूरों ने कहा कि वे यहां फंसे हुए हैं और काफी दिक्कत हो रही है. श्रमिकों का कहना है कि उन्हें घर जाना है. श्रमिकों ने बताया कि मालिक उनके रहने और खाने का इंतजाम करा रहा है लेकिन सरकार की तरफ से कुछ नहीं मिला. मजदूरों ने कहा कि वो बस यही चाहते हैं कि किसी तरह सरकार उन्हें उनके घर भेज दे.

पैदल लौटने वाले मजदूरों की जवानों की मदद, 10 बच्चों सहित 18 मजदूर पहुंचे अपने घर

प्रशासन ने अभी तक नहीं लिया सुध
झूला चलाने वाले मजदूरों ने ETV भारत के जरिए गुहार लगाई कि उन्हें घर तक भिजवा दिया जाए. मजदूरों ने कहा उन्हें यहां खाने और रहने की परेशानी नहीं है, लेकिन घर की बहुत याद आ रही है, अपने माता-पिता और बच्चों की याद आ रही है. घरवालों से रोजाना बात होती है. श्रमिकों ने घर जाने के लिए एप्लीकेशन दिया गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है.

आज बिलासपुर पहुंच रही है पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन, प्रशासनिक तैयारी पूरी

परिवार वालों को हो रही चिंता
बिहार के बृजेश सिंह जो इस फन वर्ल्ड फेयर में झूला चलाने पहुंचे थे, उन्होंने बताया कि लॉकडाउन होने की वजह से वे एक दिन भी काम नहीं कर पाए है. प्रशासन से कई बार वे घर भेजने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. परिवार कह रहा है कि जैसे भी हो बस घर वापस आ जाओ.

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मजदूरों को ऊपर वाले से रहमत की उम्मीद

आज से डेढ़ महीने पहले सभी कि जिंदगी सामान्य रूप से चल रही थी, किसे पता था कि एक वायरस के कारण पूरी दुनिया थम सी जाएगी. लोगों की जीवनशैली में बहुत बड़ा बदलाव आएगा. जिसका असर इन मीना बाजार के मजदूरों और मालिकों पर पड़ा है. लॉक डाउन के दौरान फन वर्ल्ड फेयर मीना बाजार में लगा झूला एक बार भी नहीं चल पाया. जिन बाजारों में पहले लोगों की भीड़ लगा करती थी, आज वह वीरान है. इस सन्नाटे के बीच फंसे मजदूर प्रशासन से घर जाने की गुहार लगा रहे हैं, तो वहीं मेला शुरू नहीं होने के कारण मेला प्रबंधक को लाखों रुपए का भारी नुकसान हुआ है. अब इन सबको ऊपर वाले की रहमत की जरूरत है, जिससे सभी के जीवन में फिर से चहल पहल शुरू हो जाए.

रायपुर: कोविड 19 के कारण अर्थव्यवस्था तो प्रभावित हुई है, वहीं व्यापार भी प्रभावित हुआ है. हर साल की तरह इस साल भी रायपुर के गॉस मेमोरियल ग्राउंड में फन वर्ल्ड फेयर मीना बाजार का आयोजन किया गया था. इस दौरान अन्य प्रदेशों से मजदूर और झूला लगाने वाले लोग यहां पहुंचे हुए थे. मीना बाजार की शुरुआत 15 मार्च से होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 कोरोना के कारण 31 मार्च तक के लिए उसकी शुरुआत नहीं हो पाई. उसके बाद अब तक इस बाजार पर कोरोना का साया मंडरा रहा है. फन वर्ल्ड फेयर मीना बाजार के प्रबंधक शेख तमन्ना हुसैन से ETV भारत ने बातचीत की.

मजदूरों की गुहार

मीना बाजार के प्रबंधक ने बताया कि झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के स्टाफ यहां आए हुए हैं. वहीं छत्तीसगढ़ से भी कुछ कर्मचारी यहां मौजूद हैं. अभी तक वे 25 से 30 लाख रुपए का खर्च कर चुके हैं, जिसमें से 35 मजदूरों को उनका पेमेंट और उन्हें भोजन की व्यवस्था भी कर रहे हैं. अब उनके पास मजदूरों को घर भेजना ही एक उपाय है. मजदूर सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें, इसके लिए सभी का रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. इस वजह से श्रमिक परेशान भी हैं. उनका कहना है कि अभी स्टाफ को उनके घर भेजना ही जरूरी है. जब प्रशासन आदेश करेगा, तो उन्हें वापस बुलाकर मेला प्रारंभ किया जाएगा. प्रबंधक ने बताया कि अगर अभी तक मेला शुरू रहता, तो वह अच्छी आमदनी कर चुके होते.

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मजदूरों ने ETV भारत से घर भेजवाने लगाई गुहार
फन वर्ल्ड फेयर में झूला चलाने वाले मजदूरों से जब ETV भारत ने बातचीत की, तो उनका दर्द छलक उठा. मजदूरों ने बताया कि वह बिहार से हैं, जो झूला चलाने का काम करते हैं. मजदूरों ने कहा कि वे यहां फंसे हुए हैं और काफी दिक्कत हो रही है. श्रमिकों का कहना है कि उन्हें घर जाना है. श्रमिकों ने बताया कि मालिक उनके रहने और खाने का इंतजाम करा रहा है लेकिन सरकार की तरफ से कुछ नहीं मिला. मजदूरों ने कहा कि वो बस यही चाहते हैं कि किसी तरह सरकार उन्हें उनके घर भेज दे.

पैदल लौटने वाले मजदूरों की जवानों की मदद, 10 बच्चों सहित 18 मजदूर पहुंचे अपने घर

प्रशासन ने अभी तक नहीं लिया सुध
झूला चलाने वाले मजदूरों ने ETV भारत के जरिए गुहार लगाई कि उन्हें घर तक भिजवा दिया जाए. मजदूरों ने कहा उन्हें यहां खाने और रहने की परेशानी नहीं है, लेकिन घर की बहुत याद आ रही है, अपने माता-पिता और बच्चों की याद आ रही है. घरवालों से रोजाना बात होती है. श्रमिकों ने घर जाने के लिए एप्लीकेशन दिया गया है, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है.

आज बिलासपुर पहुंच रही है पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन, प्रशासनिक तैयारी पूरी

परिवार वालों को हो रही चिंता
बिहार के बृजेश सिंह जो इस फन वर्ल्ड फेयर में झूला चलाने पहुंचे थे, उन्होंने बताया कि लॉकडाउन होने की वजह से वे एक दिन भी काम नहीं कर पाए है. प्रशासन से कई बार वे घर भेजने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. परिवार कह रहा है कि जैसे भी हो बस घर वापस आ जाओ.

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मजदूरों को ऊपर वाले से रहमत की उम्मीद

आज से डेढ़ महीने पहले सभी कि जिंदगी सामान्य रूप से चल रही थी, किसे पता था कि एक वायरस के कारण पूरी दुनिया थम सी जाएगी. लोगों की जीवनशैली में बहुत बड़ा बदलाव आएगा. जिसका असर इन मीना बाजार के मजदूरों और मालिकों पर पड़ा है. लॉक डाउन के दौरान फन वर्ल्ड फेयर मीना बाजार में लगा झूला एक बार भी नहीं चल पाया. जिन बाजारों में पहले लोगों की भीड़ लगा करती थी, आज वह वीरान है. इस सन्नाटे के बीच फंसे मजदूर प्रशासन से घर जाने की गुहार लगा रहे हैं, तो वहीं मेला शुरू नहीं होने के कारण मेला प्रबंधक को लाखों रुपए का भारी नुकसान हुआ है. अब इन सबको ऊपर वाले की रहमत की जरूरत है, जिससे सभी के जीवन में फिर से चहल पहल शुरू हो जाए.

Last Updated : May 11, 2020, 9:37 PM IST
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