रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार शराब पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क से मिले राजस्व को प्रदेश के बच्चों की शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने वाली है. इस फैसले को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रावाल ने भूपेश सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि सरकार को बच्चों को नैतिक शिक्षा देनी चाहिए. अच्छा पैसे से अच्छा काम करना चाहिए. अब शराब के पैसे से बच्चों को पढ़ाएंगे इससे बड़ा दुर्भाग्य दूसरा कोई नहीं हो सकता.
शराबबंदी बड़ा मुद्दा
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के मेनिफेस्टो में छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया गया था. कांग्रेस के कई नेता और खुद मुख्यमंत्री ने भी कई मंच से प्रदेश में शराबबंदी की बात कही है. लेकिन छत्तीसगढ़ की सत्ता में बैठी भूपेश सरकार ने इस ओर को ठोस कदम नहीं उठाए हैं. समय-समय पर विपक्ष और अन्य संगठन सरकार से पूछते रहते हैं कि आखिर कब शराबबंदी का वादा सरकार पूरा करेगी.
सीएम भूपेश का शराबबंदी पर फिर गोलमोल जवाब
शराब पर लगाए गए अतिरिक्त टैक्स
कोरोना संक्रमण काल के दौरान शराब दुकानें खोली गई. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने देशी शराब की हर बोतल पर 10 रुपए और विदेशी शराब पर 10% तक टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया था. इस दौरान इसे कोरोना टैक्स के रूप में वसूला गया. इसका इस्तेमाल कहां किया गया इसका कोई स्पष्ट रिकॉर्ड सरकार ने जारी नहीं किया. लेकिन अब सरकार ने वसूले जा रहे अतिरिक्त शुल्क को बच्चों की शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने का फैसला लिया है.