रायपुर: छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडे़कर को पत्र लिखा है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल और उससे लगी मांड नदी के जल ग्रहण क्षेत्र स्थित कोल ब्लॉकों को केंद्र सरकार की आगामी कोल ब्लॉक नीलामी में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया है. इसके अलावा प्रस्तावित हाथी रिजर्व की सीमा में आने वाले क्षेत्रों में स्थित कोल ब्लॉकों को भी शामिल नहीं करने की मांग की है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के इन क्षेत्रों में आने वाले कोल ब्लाॅकों को नीलामी से अलग करना पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्किोण से सही होगा.
जल ग्रहण क्षेत्र में कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रस्तावित
मोहम्मद अकबर ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य का मध्य और उत्तरीय क्षेत्र जो एक ओर घने जंगलों से घिरा हुआ है. वहीं इस पूरे क्षेत्र में कोयले का भी भंडार है. वर्तमान में इस क्षेत्र में सरकारी के साथ ही निजी संस्थानों को आबंटित क्षेत्रों में खनन का कार्य किया जा रहा है. इस क्षेत्र में राज्य की दो महत्वपूर्ण नदियां हसदेव और मांड के जल ग्रहण क्षेत्र में भी कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रस्तावित है.
छत्तीसगढ़ लेमरू हाथी रिजर्व
हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य में हाथियों की संख्या में हो रही लगातार बढ़ोतरी, मानव-हाथी द्वंद की बढ़ती घटनाओं और हाथियों के रहवास की आवश्यकता को देखते हुए हसदेव नदी से लगे 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके पालन में अधिसूचना प्रकाशन के लिए प्रक्रिया जारी है.
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छत्तीसगढ़ के वन मंत्री ने पत्र में लिखा है कि राज्य के जंगल, पर्यावरण की सुरक्षा और भविष्य में मानव-हाथी द्वंद की घटनाओं पर प्रभावशील नियंत्रण के लिए उक्त क्षेत्र में भविष्य में खनन गतिविधियों पर रोक बेहद जरूरी है. भविष्य में होने वाली कोल ब्लॉकों की नीलामी में इन क्षेत्रों में आने वाले कोल ब्लाॅकों को अलग करना ही सही होगा.