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वन मंत्री मोहम्मद अकबर का केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र, कोल ब्लॉकों की नीलामी को रोकने की मांग

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Published : Jun 21, 2020, 4:20 PM IST

छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडे़कर को पत्र लिखा है. छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल और उससे लगी मांड नदी के जल ग्रहण क्षेत्र स्थित कोल ब्लॉकों को केंद्र सरकार की आगामी कोल ब्लॉक नीलामी में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया है. प्रस्तावित लेमरू एलिफेंट रिजर्व की सीमा में आने वाले क्षेत्रों में स्थित कोल ब्लॉकों को भी शामिल नहीं करने की मांग की है.

mohmmad akbar writes letter to prakash javedkar
वन मंत्री मोहम्मद अकबर

रायपुर: छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडे़कर को पत्र लिखा है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल और उससे लगी मांड नदी के जल ग्रहण क्षेत्र स्थित कोल ब्लॉकों को केंद्र सरकार की आगामी कोल ब्लॉक नीलामी में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया है. इसके अलावा प्रस्तावित हाथी रिजर्व की सीमा में आने वाले क्षेत्रों में स्थित कोल ब्लॉकों को भी शामिल नहीं करने की मांग की है.

mohmmad akbar writes letter to prakash javedkar
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

उन्होंने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के इन क्षेत्रों में आने वाले कोल ब्लाॅकों को नीलामी से अलग करना पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्किोण से सही होगा.

जल ग्रहण क्षेत्र में कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रस्तावित

मोहम्मद अकबर ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य का मध्य और उत्तरीय क्षेत्र जो एक ओर घने जंगलों से घिरा हुआ है. वहीं इस पूरे क्षेत्र में कोयले का भी भंडार है. वर्तमान में इस क्षेत्र में सरकारी के साथ ही निजी संस्थानों को आबंटित क्षेत्रों में खनन का कार्य किया जा रहा है. इस क्षेत्र में राज्य की दो महत्वपूर्ण नदियां हसदेव और मांड के जल ग्रहण क्षेत्र में भी कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रस्तावित है.

छत्तीसगढ़ लेमरू हाथी रिजर्व

हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य में हाथियों की संख्या में हो रही लगातार बढ़ोतरी, मानव-हाथी द्वंद की बढ़ती घटनाओं और हाथियों के रहवास की आवश्यकता को देखते हुए हसदेव नदी से लगे 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके पालन में अधिसूचना प्रकाशन के लिए प्रक्रिया जारी है.

पढ़ें- संकट में गजराज: 10 दिन में 6 हाथियों ने गंवाई जान, मौत के कारण से विभाग अनजान

छत्तीसगढ़ के वन मंत्री ने पत्र में लिखा है कि राज्य के जंगल, पर्यावरण की सुरक्षा और भविष्य में मानव-हाथी द्वंद की घटनाओं पर प्रभावशील नियंत्रण के लिए उक्त क्षेत्र में भविष्य में खनन गतिविधियों पर रोक बेहद जरूरी है. भविष्य में होने वाली कोल ब्लॉकों की नीलामी में इन क्षेत्रों में आने वाले कोल ब्लाॅकों को अलग करना ही सही होगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडे़कर को पत्र लिखा है. उन्होंने छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल और उससे लगी मांड नदी के जल ग्रहण क्षेत्र स्थित कोल ब्लॉकों को केंद्र सरकार की आगामी कोल ब्लॉक नीलामी में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया है. इसके अलावा प्रस्तावित हाथी रिजर्व की सीमा में आने वाले क्षेत्रों में स्थित कोल ब्लॉकों को भी शामिल नहीं करने की मांग की है.

mohmmad akbar writes letter to prakash javedkar
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र

उन्होंने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के इन क्षेत्रों में आने वाले कोल ब्लाॅकों को नीलामी से अलग करना पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्किोण से सही होगा.

जल ग्रहण क्षेत्र में कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रस्तावित

मोहम्मद अकबर ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य का मध्य और उत्तरीय क्षेत्र जो एक ओर घने जंगलों से घिरा हुआ है. वहीं इस पूरे क्षेत्र में कोयले का भी भंडार है. वर्तमान में इस क्षेत्र में सरकारी के साथ ही निजी संस्थानों को आबंटित क्षेत्रों में खनन का कार्य किया जा रहा है. इस क्षेत्र में राज्य की दो महत्वपूर्ण नदियां हसदेव और मांड के जल ग्रहण क्षेत्र में भी कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रस्तावित है.

छत्तीसगढ़ लेमरू हाथी रिजर्व

हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य में हाथियों की संख्या में हो रही लगातार बढ़ोतरी, मानव-हाथी द्वंद की बढ़ती घटनाओं और हाथियों के रहवास की आवश्यकता को देखते हुए हसदेव नदी से लगे 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके पालन में अधिसूचना प्रकाशन के लिए प्रक्रिया जारी है.

पढ़ें- संकट में गजराज: 10 दिन में 6 हाथियों ने गंवाई जान, मौत के कारण से विभाग अनजान

छत्तीसगढ़ के वन मंत्री ने पत्र में लिखा है कि राज्य के जंगल, पर्यावरण की सुरक्षा और भविष्य में मानव-हाथी द्वंद की घटनाओं पर प्रभावशील नियंत्रण के लिए उक्त क्षेत्र में भविष्य में खनन गतिविधियों पर रोक बेहद जरूरी है. भविष्य में होने वाली कोल ब्लॉकों की नीलामी में इन क्षेत्रों में आने वाले कोल ब्लाॅकों को अलग करना ही सही होगा.

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